Budget 2023: क्या वित्त मंत्री हेल्थ इंश्योरेंस पर देंगी राहत,एक लाख तक छूट की मांग
Budget 2023 Expectations: इंडस्ट्री के अनुसार टैक्स छूट के लिए टर्म इंश्योरेंस की एक अलग श्रेणी शुरू करने की जरूरत है क्योंकि इनकम टैक्स की धारा 80सी के तहत अन्य पात्र कटौतियों के तहत मौजूदा 1.5 लाख की सीमा आसानी से खर्च हो जाती है।
बजट से उम्मीदें
सरबवीर सिंह के अनुसार टर्म इंश्योरेंस की पहुंच को बढ़ावा देने के लिए, टैक्स छूट के लिए टर्म इंश्योरेंस की एक अलग श्रेणी शुरू करने की जरूरत है क्योंकि इनकम टैक्स की धारा 80सी के तहत अन्य पात्र कटौतियों के तहत मौजूदा 1.5 लाख की सीमा आसानी से खर्च हो जाती है। हेल्थ इंश्योरेंस के दृष्टिकोण से, महामारी के बाद हेल्थ इंश्योरेंस की बढ़ती डिमांग को देखते हुए इंश्योरेंस इंडस्ट्री ने खुद को तेजी से विकसित किया है। इसलिए, इस मांग के अनुरूप कदम उठाना और धारा 80डी के तहत कर छूट की सीमा को बढ़ाकर कम से कम 1 लाख रुपये करना जरूरी है।
साथ ही, अंतिम उपभोक्ता के लिए इसे और अधिक लागत प्रभावी बनाने के लिए हेल्थ इंश्योरेंस पर जीएसटी दर को 18% से घटाकर 5% किया जाना चाहिए। इसके अलावा, पेंशन उत्पादों को लेकर प्रोत्साहित करने के लिए वार्षिकी योजनाओं से उत्पन्न आय को भी कर से छूट दी जानी चाहिए। इसी तरह होम इंश्योरेंस अक्सर अनदेखा किया जाने वाला, लेकिन बेहद अहम प्रोडक्ट है जिसे कर लाभों के माध्यम से बड़े पैमाने पर बढ़ावा देने की जरूरत है। और होम इंश्योरेंस के लिए भुगतान किए गए प्रीमियम पर भी कर कटौती के योग्य होना चाहिए।
हेल्थ इंश्योरेंस पर ऐसे मिलता है फायदा
ल्थ इंश्योरेंस किसी भी पॉलिसीधारक को चिकित्सा खर्चों से खुद को बचाने में मदद करता है, साथ ही आकर्षक कर लाभ भी प्रदान करता है। इनकम टैक्स की धारा 80डी के तहत हेल्थ इंश्योरेंस पर भुगतान किए गए प्रीमियम पर कर कटौती का क्लेम किया जा सकता है। उदाहरण के लिए, अगर आप 60 वर्ष से कम आयु के हैं और आपने हेल्थ इंश्योरेंस खरीदा है जो आपको, आपके पति या पत्नी और आपके बच्चों को कवर करता है, तो आप 25,000 रुपये की कर कटौती का लाभ उठा सकते हैं। इसके अलावा, अगर आपने अपने माता-पिता के लिए पॉलिसी खरीदी है, तो वरिष्ठ नागरिक 50,000 रुपये की कटौती का क्लेम कर सकते हैं। प्रभावी रूप से, इस मामले में सालाना 75,000 रुपये की कटौती मिल सकती है।
इसके अलावा, टर्म लाइफ प्लान खरीदने के लिए भुगतान किए गए प्रीमियम पर भी इनकम टैक्स की धारा 80सी के तहत 1.5 लाख रुपये तक के कर लाभ के लिए पात्र हैं। पॉलिसीधारक की अचानक म़ृत्यु हो जाने के मामले में भी कर-बचत लाभ को धारा 10 (10डी) तक बढ़ाया जा सकता है, जिसके अंतर्गत टर्म इंश्योरेंस योजना के तहत प्राप्त राशि पूरी तरह से कर-मुक्त है।
इसके अलावा, जो लोग यूनिट लिंक्ड इन्वेस्टमेंट प्लान्स (ULIPS) में निवेश करते हैं, वह सभी टैक्स-फ्री रिटर्न के हकदार होते हैं। अगर बाजार की स्थिति अनुकूल है तो यूलिप 12-15% के बीच कहीं भी रिटर्न प्रदान कर सकता है। यूलिप वाला पॉलिसीधारक इनकम टैक्स की धारा 80 सी के तहत पॉलिसी प्रीमियम के रूप में भुगतान की गई राशि पर 1.5 लाख रूपये तक की कर कटौती का क्लेम कर सकता है। टर्म प्लान की तरह, यूलिप भी 2.5 लाख रुपये तक के वार्षिक प्रीमियम के लिए धारा 10 डी के तहत कर लाभ प्रदान करता है और पॉलिसीधारक की मृत्यु के मामले में, नामांकित व्यक्ति को मिलने वाली राशि टैक्स से मुक्त है।
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