Budget 2023: क्या वित्त मंत्री हेल्थ इंश्योरेंस पर देंगी राहत,एक लाख तक छूट की मांग

Budget 2023 Expectations: इंडस्ट्री के अनुसार टैक्स छूट के लिए टर्म इंश्योरेंस की एक अलग श्रेणी शुरू करने की जरूरत है क्योंकि इनकम टैक्स की धारा 80सी के तहत अन्य पात्र कटौतियों के तहत मौजूदा 1.5 लाख की सीमा आसानी से खर्च हो जाती है।

बजट से उम्मीदें

Budget 2023 Expectations: साल 2023 के बजट का सबको बेसब्री से इंतजार है। 2024 के आम चुनावों से पहले आखिरी फुल बजट को देखते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से सभी को बड़ी उम्मीदें है। इसी कड़ी में इन्श्योरेंस इंडस्ट्री का क्या उम्मीदें कर रही है। इस पर पॉलिसी बाजार डॉट कॉम के सीईओ सरबवीर सिंह ने टाइम्स नाऊ हिंदी [डिजिटल से इंश्योरेंसे इंडस्ट्री की अहम मांगों को साझा किया है। जिसमें वित्त मंत्री को कई अहम सुझाव दिए गए हैं।

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सरबवीर सिंह के अनुसार टर्म इंश्योरेंस की पहुंच को बढ़ावा देने के लिए, टैक्स छूट के लिए टर्म इंश्योरेंस की एक अलग श्रेणी शुरू करने की जरूरत है क्योंकि इनकम टैक्स की धारा 80सी के तहत अन्य पात्र कटौतियों के तहत मौजूदा 1.5 लाख की सीमा आसानी से खर्च हो जाती है। हेल्थ इंश्योरेंस के दृष्टिकोण से, महामारी के बाद हेल्थ इंश्योरेंस की बढ़ती डिमांग को देखते हुए इंश्योरेंस इंडस्ट्री ने खुद को तेजी से विकसित किया है। इसलिए, इस मांग के अनुरूप कदम उठाना और धारा 80डी के तहत कर छूट की सीमा को बढ़ाकर कम से कम 1 लाख रुपये करना जरूरी है।

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साथ ही, अंतिम उपभोक्ता के लिए इसे और अधिक लागत प्रभावी बनाने के लिए हेल्थ इंश्योरेंस पर जीएसटी दर को 18% से घटाकर 5% किया जाना चाहिए। इसके अलावा, पेंशन उत्पादों को लेकर प्रोत्साहित करने के लिए वार्षिकी योजनाओं से उत्पन्न आय को भी कर से छूट दी जानी चाहिए। इसी तरह होम इंश्योरेंस अक्सर अनदेखा किया जाने वाला, लेकिन बेहद अहम प्रोडक्ट है जिसे कर लाभों के माध्यम से बड़े पैमाने पर बढ़ावा देने की जरूरत है। और होम इंश्योरेंस के लिए भुगतान किए गए प्रीमियम पर भी कर कटौती के योग्य होना चाहिए।

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