Budget 2023: नौकरी करने वालों को मिलेगा तोहफा! कम हो सकता है टैक्स का बोझ

Union Budget 2023-24 Standard Deduction Expectations: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी 2023 को अपना चौथा बजट पेश करेंगी। महामारी के बाद की अर्थव्यवस्था में उच्च मुद्रास्फीति को ध्यान में रखते हुए कई अहम ऐलान किए जा सकते हैं।

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Budget 2023 Expectations: नौकरी करने वालों को मिलेगा तोहफा! कम हो सकता है टैक्स का बोझ

Union Budget 2023-24 Expectations: देश में महामारी के संकट से बाहर निकलने के बाद केंद्रीय बजट 2022-23 से भारत के वेतनभोगी वर्ग को ज्यादा कुछ नहीं मिला था। लेकिन इस साल बहुत लोगों को उम्मीद है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) आगामी वित्तीय वर्ष 2023-24 के बजट में उच्च मुद्रास्फीति को देखते हुए मेहनती नौकरीपेशा लोगों को कुछ राहत देंगी।
वेतनभोगी कर्मचारियों को सरकार से उम्मीदें
आगामी बजट के लिए टैक्स एक्सपर्ट्स ने वेतनभोगी कर्मचारियों के सकल वेतन पर उपलब्ध टैक्स गणना के लिए स्टैंडर्ड डिडक्शन (Standard Deduction) में वृद्धि की सिफारिश की है। विशेषज्ञों का कहना है कि वित्त मंत्रालय को वेतनभोगी वर्ग के लिए कुछ प्रकार के कर प्रोत्साहन प्रदान करने चाहिए। कार्यालयों के फिर से खुलने की वजह से वेतनभोगी कर्मचारियों के ट्रांसपोर्ट, किराए और अन्य खर्च बढ़ गए हैं जिसकी वजह से उनकी सेविंग में कमी आई है। जैसे-जैसे कोरोना वायरस के मामले कम हुए, ज्यादातर कंपनियों ने कर्मचारियों को वापस ऑफिस बुलाना शुरू किया। इसलिए श्रमिक उन शहरों में किराए पर रहने के लिए मजबूर हैं जहां उनके ऑफिस स्थित हैं। ऐसे में उनका खर्चा बढ़ गया है।
स्टैंडर्ड डिडक्शन में कटौती क्यों है जरूरी?
अपने कार्यालय वाले शहरों में लौटने वालों के लिए यह समस्या इसलिए है क्योंकि उनके किराए और परिवहन से लेकर किराने के सामान तक हर चीज की लागत अब बढ़ गई है। महामारी के बाद की नई वास्तविकताओं को दर्शाने के लिए स्टैंडर्ड डिडक्शन को अपडेट करने की आवश्यकता है।
क्या है स्टैंडर्ड डिडक्शन? (What is Standard Deduction)
सभी टैक्स कटौती सरकार की ओर से दिए गए प्रोत्साहन हैं, ताकि टैक्सपेयर्स कुछ खर्चों पर राहत का क्लेम कर सकें। वेतनभोगी व्यक्तियों के लिए ट्रांसपोर्ट और मेडिकल भत्ते के बदले केंद्रीय बजट 2018-19 में 40,000 रुपये की स्टैंडर्ड डिडक्शन फिर से शुरू की गई थी। इससे पहले, वेतनभोगी व्यक्तियों को उनकी कर योग्य आय से राहत के रूप में दावा करने के लिए 19,200 रुपये और 15,000 रुपये का परिवहन भत्ता और चिकित्सा भत्ता उपलब्ध था।
बाद में बजट में स्टैंडर्ड डिडक्शन 40,000 रुपये से बढ़कर 50,000 रुपये कर दी गई। यह सकल वेतन से काटी गई एक फ्लैट राशि है, जो टैक्सपेर की कुल टैक्स योग्य इनकम को कम करती है। इससे टैक्स का बोझ कम होता है।
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डिंपल अलावाधी author

बिजनेस डेस्क पर कार्यरत डिंपल अलावाधी की कारोबार के विषयों पर अच्छी पकड़ है। पत्रकारिता में 5 साल से ज्यादा का अनुभव रखने वाली डिंपल की व्यापार में खा...और देखें

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