Budget 2023: जेब में ज्यादा पैसा देकर 2024 पर नजर, महिला-छोटे कारोबारी को भी लुभाया

Budget 2023: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के अंतिम पूर्ण बजट में सभी तबकों को साधने का प्रयास किया। डायरेक्ट टैक्सपेयर्स, बुजुर्गों, पेंशनभोगियों, महिलाओं, किसानों, युवाओं का ध्यान रखा गया।

Nirmala sitharaman

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण

Budget 2023: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का आखिरी पूर्ण बजट पेश किया। लोकसभा चुनाव 2024 से पहले मोदी सरकार ने इस बजट जरिये सभी तबकों को साधने की कोशिश की। एक तरफ टैक्सपेयर्स को साधने की कोशिश की। दूसरी ओर किसानों, गरीबों के लिए कई योजनाओं के जरिये लुभाने का प्रयास किया। मध्यम वर्ग और नौकरीपेशा लोगों इनकम टैक्स में राहत दी। लघु बचत योजनाओं के तहत निवेश सीमा बढ़ाकर बुजुर्गों, पेंशनभोगियों और नई बचत योजना से महिलाओं को भी खुश करने का प्रयास किया। बुनियादी ढांचे को भी मजबूत करने के लिए कदम उठाए। इसके लिए खर्चों में 33 प्रतिशत बढ़ोतरी की। देखा जाए तो कुल मिलाकर सभी का ध्यान रखने की कोशिश की गई। सीतारमण ने अपना 5वां पूर्ण बजट ऐसे समय पेश किया जब वैश्विक चुनौतियों के कारण अर्थव्यवस्था की रफ्तार धीमी पड़ रही है और सामाजिक क्षेत्रों पर खर्च बढ़ाने के साथ स्थानीय स्तर पर विनिर्माण को प्रोत्साहन बढ़ाने की जरुरत है।

व्यक्तिगत इनकम टैक्स छूट सीमा बढ़ी

नई टैक्स व्यवस्था के तहत अगले वित्त वर्ष में 1 अप्रैल से व्यक्तिगत इनकम टैक्स छूट सीमा को बढ़ाकर 7 लाख रुपए कर दिया गया है। इसका मतलब है कि अगर किसी व्यक्ति की आय 7 लाख रुपए है, उसे कोई टैक्स नहीं देना होगा। अबतक यह सीमा 5 लाख रुपए थी। साथ ही टैक्स स्लैब को 7 से घटाकर 5 किया गया है। साथ ही अधिभार की दर 37 प्रतिशत से घटाकर 25 प्रतिशत करने के बाद कर की अधिकतम दर 42.7 प्रतिशत से घटकर लगभग 39 प्रतिशत रह जाएगी।

सीनियर सिटिजन और महिलाओं को सौगात

वित्त मंत्री ने वरिष्ठ नागरिकों को भी राहत दी। इसके तहत वरिष्ठ नागरिक बचत योजना के तहत जमा सीमा 15 लाख रुपए से बढ़ाकर 30 लाख रुपए कर दी गई है। वहीं मासिक आय योजना के तहत जमा सीमा बढ़ाकर 9 लाख रुपए की गई है। महिलाओं के लिए अलग से नई बचत योजना, महिला सम्मान बचत पत्र की घोषणा की गई। इसमें 2 वर्ष के लिए 2 लाख रुपए तक की बचत पर 7.5 प्रतिशत ब्याज मिलेगा। हालांकि, बजट में 5 लाख रुपए वार्षिक प्रीमियम से अधिक की पॉलिसी के मामले में मिलने वाली राशि पर टैक्स छूट की सीमा तय की गई है।

जीवन बीमा पॉलिसी की मैच्योरिटी पर लगेगा टैक्स

इसके तहत 1 अप्रैल, 2023 के बाद जारी उन सभी जीवन बीमा पॉलिसी (यूनिट लिंक्ड बीमा पॉलिसी या यूलिप के अलावा) की परिपक्वता राशि पर टैक्स लगेगा, जिसका सालाना प्रीमियम 5 लाख रुपए से अधिक है।

सीमा शुल्क में कटौती की भी घोषणा

उन्होंने हरित ऊर्जा और निर्यात को बढ़ावा देने के लिए मोबाइल फोन कल-पुर्जों तथा लीथियम बैटरी और अन्य ऐसे सामान के लिए पूंजीगत सामान पर सीमा शुल्क में कटौती की भी घोषणा की। यह अगले साल अप्रैल-मई में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले सरकार का अंतिम पूर्ण बजट है। अगले साल फरवरी में अंतरिम बजट यानी लेखानुदान पेश किया जाएगा। चुनाव के बाद नई सरकार के गठन के पश्चात पूर्ण बजट पेश किया जाएगा।

पूंजीगत व्यय लगातार तीसरी बार बढ़ा

बजट में वित्त वर्ष 2023-24 के लिए पूंजीगत व्यय लगातार तीसरी बार उल्लेखनीय रूप से बढ़ाया गया है। इसे 33 प्रतिशत बढ़ाकर 10 लाख करोड़ रुपए किया गया है जो सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 3.3 प्रतिशत बैठता है। यह वित्त वर्ष 2019-20 के मुकाबले तीन गुना है। साथ ही सस्ते मकानों के लिये व्यय 66 प्रतिशत बढ़ाकर 79,000 करोड़ रुपए किया गया है।

पूंजी निवेश मद में कभी भी दहाई अंक में वृद्धि

सीतारमण ने बजट पेश करने के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि यह एक ऐसा बजट है जिसने वृद्धि के दोनों विचारों को खूबसूरती से संतुलित किया है। इससे पहले पूंजी निवेश मद में कभी भी दहाई अंक में वृद्धि की घोषणा नहीं की गई थी, जबकि इस बार इस क्षेत्र में 10 लाख करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। इसमें राज्यों को दिए जाने वाले 1.3 लाख करोड़ रुपए शामिल है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार ने 2014 में सत्ता में आने के बाद से सड़कों और ऊर्जा सहित पूंजीगत व्यय में लगातार वृद्धि की है।

भारतीय अर्थव्यवस्था चमकता सितारा

सीतारमण ने अपने बजट भाषण में कहा कि इस बजट में पिछली बजट में रखी गई नींव पर सतत निर्माण करते हुए भारत ऐट 100 के लिए खींची गई रेखा पर आगे बढ़ते रहने की उम्मीद की गई है। उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था चमकता सितारा है। चालू वित्त वर्ष में सात प्रतिशत जीडीपी वृद्धि का अनुमान है जो बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में सर्वाधिक है।

देश की अर्थव्यवस्था पटरी पर

सीतारमण ने कहा कि कोविड-19 महामारी और रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण वैश्विक नरमी के बावजूद देश की अर्थव्यवस्था पटरी पर है। बजट में कुल व्यय 7.4 प्रतिशत बढ़कर 45 लाख करोड़ रुपए रहने का अनुमान रखा गया है। राजकोषीय घाटा जीडीपी का 5.9 प्रतिशत रहने का अनुमान है। यह चालू वित्त वर्ष के 6.4 प्रतिशत के अनुमान से कम है। इसका मतलब है कि सरकार को कुल 15.43 लाख करोड़ रुपये कर्ज लेना पड़ेगा।

सीतारमण ने कहा कि 2023-24 के बजट में 7 प्राथमिकताएं रखी गई हैं। ये हैं समावेशी विकास, अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति तक पहुंचना, बुनियादी ढांचा और निवेश, सक्षमता को सामने लाना, हरित वृद्धि, युवा शक्ति तथा वित्तीय क्षेत्र।

  • बजट में पशुपालन, डेयरी और मत्स्यपालन पर जोर के साथ कृषि कर्ज का लक्ष्य बढ़ाकर 20 लाख करोड़ रुपये किया गया है।
  • मझोले और छोटे उद्यमों के लिये कर्ज गारंटी को लेकर 9,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
  • रेलवे के लिये 2.40 लाख करोड़ रुपये के पूंजीगत व्यय का प्रावधान किया गया है। यह अबतक का सबसे अधिक पूंजीगत व्यय है। साथ ही 2013-14 में किये गये व्यय के मुकाबले करीब नौ गुना अधिक है।
  • बुनियादी ढांचा और उत्पादक क्षमता में निवेश बढ़ाने का मकसद वृद्धि और रोजगार को गति देना है।
  • छोटे और मझोले शहरों (टियर दो और टियर तीन) में ढांचागत सुविधाएं तैयार करने के लिये शहरी बुनियादी ढांचा विकास कोष (यूआईडीआईएफ) बनाया जाएगा।
  • बजट में ऊर्जा बदलाव यानी स्वच्छ ऊर्जा की ओर तेजी से कदम बढ़ाने और शुद्ध रूप से शून्य कार्बन उत्सर्जन के लिये 35,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
  • बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली को बढ़ावा देने का भी प्रस्ताव किया गया है। इसके तहत 4,000 मेगावॉट घंटा (एमडब्ल्यूएच) क्षमता की बैटरी भंडारण प्रणाली को व्यावहारिक बनाने के लिये वित्त उपलब्ध कराया जाएगा। लद्दाख से 13,000 मेगावॉट बिजली के पारेषण के लिये व्यवस्था तैयार करने को लेकर 20,700 करोड़ रुपये खर्च किये जाएंगे।
  • सस्ते मकान उपलब्ध कराने की प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत व्यय को 66 प्रतिशत बढ़कर 79,000 करोड़ रुपये किया गया है।
  • बजट में बुनियादी ढांचे के तहत 50 अतिरिक्त हवाई अड्डों, हेलीपोर्ट और जलीय हवाईअड्डों को आधुनिक रूप दिया जाएगा।
  • शिक्षा के प्रचार-प्रसार के तहत राष्ट्रीय डिजिटल पुस्तकालय बनाया जाएगा। इसका मकसद सभी क्षेत्रों में सभी आयु वर्ग के लोगों के लिये गुणवत्तापूर्ण पुस्तकें उपलब्ध कराना है।

मूडीज इनवेस्टर सर्विस ने बजट के बारे में कहा कि उच्च महंगाई और वैश्विक चुनौतियों के बीच वित्त वर्ष 2023-24 के लिये कम राजकोषीय घाटे का लक्ष्य सरकार की वित्तीय स्थिरता और अर्थव्यवस्था को समर्थन देने की प्रतिबद्धता को बताता है।

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