Budget 2023: आज खुलेगा पिटारा, FM सीतारमण किसके लिए क्या करेंगी ऐलान, क्या आयकर देने वालों को मिलेगी गुड न्यूज
Budget 2023: आज खुलेगा पिटारा, FM सीतारमण किसके लिए क्या करेंगी ऐलान, क्या आयकर देने वालों को मिलेगी गुड न्यूज
Union Budget 2023: केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार आज (एक फरवरी, 2023) आर्थिक मोर्चे पर अपना पिटारा खोलेगी। संसद में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण देश के सामने केंद्रीय बजट, 2023 पेश करेंगी। उनका बजट भाषण सुबह 11 बजे के आसपास चालू होगा। महंगाई से प्रभावित आम आदमी से लेकर सभी को इस बजट से खासा उम्मीदें हैं। लोग यह उम्मीद कर रहे हैं कि बजट उनकी उम्मीदों के अनुरूप होगा। वैसे, सीतारमण का यह मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का अंतिम पूर्ण बजट है। आम चुनाव से पहले अंतिम पूर्ण बजट होने के कारण सीतारमण वेतनभोगियों और छोटे व्यापारियों को आयकर में राहत दे सकती हैं, जबकि मंगलवार (31 जनवरी, 2023) को सार्वजनिक की गई आर्थिक समीक्षा 2022-23 में अनुमान जताया गया कि भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर अगले वित्त वर्ष में घटकर 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है। हालांकि, भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बना रहेगा। भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष (अप्रैल 2022 से मार्च 2023) में सात प्रतिशत रहने का अनुमान है। पिछले साल यह 8.7 प्रतिशत थी।
अवसंरचना के लिए आदर्श वाक्य
दीक्षु सी. कुकरेजा, प्रबंध प्राचार्य, सीपी कुकरेजा आर्किटेक्ट्स के मुताबिक,'तीव्र गति से हो नगरीकरण की वजह से, गाँवों से शहरों की ओर लोगों के प्रवासन की दर बहुत तेज है। एक अनुमान के मुताबिक, हमारे देश की लगभग 40 प्रतिशत आबादी वर्ष 2030 तक शहरों में निवास कर रही होगी। इस लगातार बढ़ती हुई शहरी आबादी को शहरों में समायोजित करने के लिए, नए बजट में शहरी विकास कार्यक्रमों जैसे एएमआरयूटी (अटल मिशन फॉर रिजूवनैशन एंड अर्बन ट्रांसफॉर्मेशन) और स्मार्ट सिटीज मिशन आदि के माध्यम से देश के शहरी बुनियादी ढांचे में सुधार पर ध्यान देना चाहिए।'बजट 23-24 से अपेक्षा
एक्का इलेक्ट्रॉनिक्स के निर्देशक श्री सागर गुप्ता कहते हैं कि चूंकि वैश्विक अर्थव्यवस्था भू-राजनीतिक अनिश्चितता, बढ़ती मुद्रास्फीति और धीमी वृद्धि का अनुभव कर रही है, इसलिए 2023-2024 का बजट खपत को बढ़ावा देने और उपभोक्ता मांग में सुधार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। केंद्र सरकार मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत को बढ़ावा देने के लिए निवेश को प्रोत्साहित करने पर ध्यान देने के साथ व्यापार करने में आसानी लाने वाले सुधारों को शुरू करने और लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है। बजट 23-24 से हमारी उम्मीद है कि सरकार को टेलीविजन (टीवी) पर कर की दरों को सुव्यवस्थित करने पर विचार करना चाहिए। वे अब 'लक्जरी सामान' नहीं हैं, बल्कि दैनिक जीवन के लिए आवश्यक वस्तुएं बन गई हैं।आर्थिक सर्वेक्षण में ‘प्रदर्शन नहीं करने के बहाने' दिये गये हैं: कांग्रेस
कांग्रेस ने मंगलवार को कहा कि आर्थिक समीक्षा में ‘‘प्रदर्शन नहीं करने के बहाने'' दिये गये हैं क्योंकि इसमें मूल्य वृद्धि और भारत की गिरती सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के लिए कोविड, रूस-यूक्रेन युद्ध और वैश्विक मंदी को जिम्मेदार ठहराया गया है, लेकिन कोई समाधान नहीं दिया गया है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि सरकार हमेशा आठ फीसदी या 10 फीसदी की विकास दर हासिल करने के बड़े-बड़े दावे करती है, लेकिन इसे हासिल करने में विफल रही है। इसलिए, यह सब ‘‘झूठ’’ है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा मंगलवार को संसद में पेश किए गए आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार, देश की आर्थिक वृद्धि दर अगले वित्त वर्ष (2023-24) में कुछ धीमी पड़कर 6 से 6.8 प्रतिशत रहने का अनुमान है। खरगे ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘उन्होंने (सरकार ने) आर्थिक सर्वेक्षण में जो कुछ भी कहा है, कमोबेश वे उसे हासिल करने में नाकाम रहे हैं। इसलिए यह सब झूठ है।’’भारत का आम बजट दुनिया के लिए आशा की किरण बनेगा: प्रधानमंत्री मोदी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि वैश्विक आर्थिक उथल-पुथल के बीच भारत का बजट आम नागरिकों की आशाओं और आकांक्षाओं को पूरा करने का प्रयास करेगा और साथ ही दुनिया के लिए आशा की किरण भी बनेगा। संसद के बजट सत्र से पहले मीडिया को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि अर्थव्यवस्था की दुनिया की जानी-मानी आवाजें देश के लिए सकारात्मक संदेश ला रही हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि बजट सत्र में सरकार और विपक्ष के बीच तकरार होगी लेकिन साथ ही उन्होंने उम्मीद भी जताई कि इस दौरान विपक्षी सदस्य तैयारी के साथ तकरीर भी करेंगे। उन्होंने कहा, ‘‘आज की वैश्विक परिस्थिति में भारत के बजट की तरफ, न सिर्फ भारत का बल्कि पूरे विश्व का ध्यान है। विश्व की डावांडोल आर्थिक परिस्थिति में भारत का बजट भारत के सामान्य जन की आशाओं और आकांक्षाओं को तो पूरा करने का प्रयास करेगा ही, लेकिन विश्व जो आशा की किरण देख रहा है...उन अपेक्षाओं को पूरा करने का भी प्रयास करेगा।’’आम बजट पर 12 फरवरी तक भाजपा चलाएगी देशव्यापी अभियान
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष जे पी नड्डा ने आम बजट पर चर्चा के लिए एक से 12 फरवरी तक देशव्यापी अभियान चलाने का फैसला किया है। उन्होंने इसके लिए एक नौ सदस्यीय समिति गठित की है, जिसका संयोजक बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी को बनाया गया है। इस समिति में पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री सुनील बंसल, किसान मोर्चा के अध्यक्ष राजकुमार चाहर, भाजपा युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष तेजस्वी सूर्या समेत अनेक आर्थिक विशेषज्ञों को सदस्य बनाया गया है। सुशील मोदी की ओर से जारी एक बयान के मुताबिक, इस समिति ने दिल्ली स्थित पार्टी मुख्यालय में अपनी पहली बैठक में निर्णय लिया कि 4-5 फरवरी के बीच देश के सभी राज्यों की राजधानियों सहित 50 महत्वपूर्ण केंद्रों पर केंद्रीय मंत्री, पार्टी के राष्ट्रीय पदाधिकारी एवं आर्थिक विशेषज्ञ "बजट पर सम्मेलन" एवं संवाददाता सम्मेलन का आयोजन करेंगे।बजट, फेडरल रिजर्व के फैसले से पहले रुपया 36 पैसे लुढ़का
वर्ष 2022-23 की आर्थिक समीक्षा में देश का निर्यात सुस्त रहने तथा चालू खाते का घाटा (कैड) बढ़ने का अनुमान लगाए जाने के बाद मंगलवार को रुपये पर दबाव कायम हो गया और यह अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 36 पैसे लुढ़ककर 81.88 प्रति डॉलर पर बंद हुआ। बाजार सूत्रों ने कहा कि बुधवार को आने वाले केंद्रीय बजट और फेडरल रिजर्व के नीतिगत घोषणा से पहले विदेशी पूंजी की निकासी होने और घरेलू शेयर बाजार में नरमी से भी निवेशकों की कारोबारी धारणा प्रभावित हुई। अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 81.61 पर खुला। दिन के कारोबार में यह 82 प्रति डॉलर से नीचे लुढ़क गया।Budget 2023 Live: आर्थिक सर्वेक्षण पर एक्सपर्ट की राय
यह क्षेत्र अब प्राथमिक क्षेत्र होने के बारे में नहीं है। आर्थिक सर्वेक्षण पर मुख्य आर्थिक सलाहकार का कहना है कि इसमें जबरदस्त निर्यात क्षमता भी है।लॉजिस्टिक्स इंफ्रास्ट्रक्चर करें मजबूत
लॉजिस्टिक्स इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत किया जा सके। इसके लिए इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के लिए कैपेक्स का प्रावधान किया जाना चाहिए। इसके साथ ही नए बजट में डिजिटाइजेशन और डाटा ड्राइविंग टेक्नोलॉजी के लिए भी और प्रोत्साहन दिए जाने की जरूरत है।Budget 2023 Live: एक्सपर्ट मनोज शर्मा का नजरिया
मनोज शर्मा यह भी मानते हैं कि 80C की लिमिट बढ़ाना भी बेहद जरूरी है, क्योंकि इसमें लंबे अरसे से संशोधन नहीं किया गया है। नौकरीपेशा लोगों को कुछ खास डिडक्शन दिए जाएं या फिर उन्हें टैक्स की रकम के हिसाब से कुछ इंसेंटिव दिया जाए। मनोज शर्मा का एक सुझाव यह भी है कि 80C की लिमिट को इनकम के स्लैब में जोड़ा जा सकता है।Budget 2023 Live: सीईए नागेश्वरन ने क्या कहा?
IMF ने आज सुबह FY23 में 6.8% आर्थिक वृद्धि, FY24 के लिए 6.1% और FY25 के लिए 6.8% का आकलन किया है। इस साल का हमारा आर्थिक सर्वेक्षण उसी का स्पष्ट प्रतिबिंब है।Budget 2023 Live: नौकरीपेशा लोगों को टैक्स की राहत
वेतन पाने वाले नौकरीपेशा लोगों को आम तौर पर टैक्स को ईमानदारी से भरना होता है। एक्सपर्ट के अनुसार इसके बाद उन्हें इसका इनाम भी दिया जाना चाहिए। पॉलिसीबाजार (Policybazaar) के को-फाउंडर और डायरेक्टर मनोज शर्मा का कहना है कि नौकरीपेशा लोगों को कुछ खास डिडक्शन दिए जाएं। टैक्स भरने के बदले में स्पेशल बेनिफिट भी होने चाहिए।Budget 2023 Live: टैक्स लिमिट में बदलाव है जरूरी
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज (Geojit Financial Services) के चीफ इनवेस्टमेंट स्ट्रैटेजिस्ट डॉ वीके विजयकुमार का मानना है कि 2.5 लाख रुपये की लिमिट 9 साल पहले, 2014 में तय की गई थी, लिहाजा इसमें बदलाव बेहद जरूरी है।Budget 2023 Live: 4 लाख हो सकती है इनकम टैक्स एग्जम्पशन लिमिट
सैलरी पेशा वाले आम आदमी को राहत देते हुए नए बजट में वित्त मंत्री इनकम टैक्स की बेसिक एग्जम्पशन लिमिट को 2.5 लाख से बढ़ाकर 4 लाख रुपये किए जाने का ऐलान कर सकती हैं। यह राहत 'नो एग्जम्पशन रिजीम' यानी नई टैक्स रिजीम में हो सकती है और इसे सरकार सफल भी बनाना चाहती है।Economic Survey 2023: इकॉनॉमिक ग्रोथ के ड्राइवर
प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) योजना, पीएम गति शक्ति, राष्ट्रीय रसद नीति, सार्वजनिक डिजिटल प्लेटफॉर्म का विस्तार, पूंजी निवेश चक्र और ऋण वितरण भारत की आर्थिक वृद्धि को आगे बढ़ाने का काम करेंगे।Economic Survey 2023: रुपये ने बढ़ाई चिंता
आर्थिक सर्वेक्षण 2023 ने आगाह किया है कि अगर चालू खाता घाटा (सीएडी) बढ़ता रहा तो भारतीय रुपया दबाव में आ सकता है। आर्थिक सर्वेक्षण 2023 ने चालू वित्त वर्ष 2023-24 में भारतीय अर्थव्यवस्था के लगभग 7 फीसदी की दर से आगे बढ़ने की उम्मीद थी।Economic Survey 2023: तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था
आर्थिक सर्वेक्षण 2023 में इस बात पर प्रकाश डाला गया है कि भारत विनिमय दर (एक्सचेंज रेट) के मामले में 5वीं सबसे बड़ी और क्रय शक्ति समानता के मामले में तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है।Budget 2023: बजट को लेकर डिफेंस सेक्टर से उम्मीदें?
डिफेंस सेक्टर में इस साल सरकार स्पेस रिसर्च, रक्षा क्षेत्र से जुड़े इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस और लोकलाइजेश पर विशेष जोर दे सकती है। एलकेपी सिक्योरिटीज के सीनियर रिसर्च एनालिस्ट अश्विन पटेल इस बार केंद्र सरकार स्पेस रिसर्च सेक्टर के लिए विशेष पीएलआई स्कीम (PLI schemes) का ऐलान भी कर सकती है।Budget 2023 Live: सीईए नागेश्वरन की राय
IMF ने आज सुबह वित्त वर्ष 2023 में 6.8 फीसदी आर्थिक वृद्धि, वित्त वर्ष 24 के लिए 6.1% और वित्त वर्ष 2025 के लिए 6.8% वृद्धि दर का आकलन किया है। इस साल का आर्थिक सर्वेक्षण उसी का स्पष्ट प्रतिबिंब दिखाता है।Budget 2023 Live: कांग्रेस ने उठाया महंगाई का मुद्दा
हर साल आर्थिक सर्वेक्षण में एक व्यापक अंतर्निहित विषय होता है। विषय अर्थव्यवस्था की स्थिति और अपेक्षित आर्थिक पथ का प्रतिनिधित्व करता है जो कि अर्थव्यवस्था के कई प्रमुख क्षेत्रों को चार्ट करने की उम्मीद है।Economic Survey 2023 theme: आर्थिक सर्वे की थीम
हर साल आर्थिक सर्वेक्षण में एक व्यापक अंतर्निहित विषय होता है। जो विषय अर्थव्यवस्था की स्थिति और अपेक्षित आर्थिक रास्ते को दिखाता है और इसमें अर्थव्यवस्था के विभिन्न प्रमुख क्षेत्रों के दिखने की उम्मीद है।Economic Survey 2023 expectations: सबसे तेज अर्थव्यवस्था में शामिल भारत
आर्थिक सर्वेक्षण 2023 की संभावना के बावजूद भारत की जीडीपी वृद्धि दर बीते 3 सालों में सबसे कम रखी गई है। आपको बता दें कि भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक होगा।Budget 2023 Live: नौकरीपेशा लोगों को टैक्स में राहत
आम तौर पर वेतनभोगी नौकरीपेशा लोग अपना टैक्स ईमानदारी से देते हैं और उन्हें इसका इनाम मिलना चाहिए। टैक्स भरने के एवज में स्पेशल बेनिफिट भी दिए जाने चाहिए। पॉलिसीबाजार को-फाउंडर और डायरेक्टर मनोज शर्मा का कहना है कि नौकरीपेशा लोगों को कुछ खास डिडक्शन मिलेंगे या फिर उन्हें टैक्स रकम के हिसाब से कुछ इंसेंटिव दिए जा सकते हैं।Economic Survey 2023: फोकस वाला क्षेत्र
पिछले साल के आर्थिक सर्वेक्षण के फोकस के प्रमुख क्षेत्रों की लिस्ट यहां देख सकते हैं। इनमें से अधिकांश को इस साल भी महत्व मिलेगा:मौद्रिक प्रबंधन और वित्तीय मध्यस्थताकीमतें और मुद्रास्फीतिसतत विकास और जलवायु परिवर्तनअर्थव्यवस्था की स्थितिराजकोषीय विकासबाहरी क्षेत्रकृषि और खाद्य प्रबंधनउद्योग और बुनियादी ढांचासेवाएंसामाजिक अवसंरचना और रोजगारसैटेलाइट इमेज और कार्टोग्राफी की मदद से ट्रैकिंग विकासEconomic Survey 2023: विश्व संस्थाओं का भरोसा
आर्थिक सर्वेक्षण को आम तौर पर कई अध्यायों में बांटा जाता है जो चालू वित्तीय वर्ष में अर्थव्यवस्था में कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों की स्थिति की समीक्षा करता है। आर्थिक सर्वेक्षण 2023 ऐसे समय में पेश किया जाएगा, जब वैश्विक अर्थव्यवस्था धीमी हो रही है और विश्व की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में मंदी का खतरा है। हालांकि, विश्व बैंक, आईएमएफ, ओईसीडी जैसे अधिकांश वैश्विक संस्थान उम्मीद करते हैं कि भारतीय अर्थव्यवस्था सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था में से एक रहेगी।Economic Survey 2023: IMF का भारत पर भरोसा
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष यानी आईएमएफ ने द्विवार्षिक विश्व आर्थिक आउटलुक के अपने ताजा अपडेट में कहा कि भारत और चीन 2023 में संयुक्त राज्य अमेरिका और यूरो क्षेत्र के लिए सिर्फ दसवें की तुलना में वैश्विक आर्थिक विकास का आधा हिस्सा होगा।Budget 2023 Live: प्रधानमंत्री ने बताया आम आदमी का बजट
संसद के बजट सेशन से पहले मीडिया को संबोधित करते हुए, पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि केंद्रीय बजट का उद्देश्य आम आदमी की इच्छाओं को पूरा करना होगा। उन्होंने यह भी कहा कि भारत को दुनिया एक उज्ज्वल जगह के रूप में देख रही है और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का बजट 2023 उस दिशा में काम करेगा।Economic Survey 2023: क्या होता है इकॉनॉमिक सर्वे?
हर साल केंद्रीय बजट से एक दिन पहले वित्त मंत्री की ओर से पेश होने वाला आर्थिक सर्वेक्षण चालू वित्त वर्ष में अर्थव्यवस्था की स्थिति का आकलन करता है। आर्थिक सर्वेक्षण व्यक्तिगत क्षेत्रों के प्रदर्शन का विस्तृत विश्लेषण देता है और आगामी वित्तीय वर्ष के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि और अन्य आर्थिक संकेतक भी पेश करता है।Gold-Silver Price Today 12 December 2024: सोना-चांदी की कीमतों में आज कितनी हुई बढ़त या गिरावट, जानें अपने शहर का भाव
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