Budget 2023: जब महज 800 शब्द बोलकर भारत के वित्त मंत्री ने पेश कर दिया था बजट, खास थे ये भाषण
Budget Speech Facts: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से 1 फरवरी को आम बजट 2023 को पेश किया जाना है और आम चुनाव 2024 से पहले यह अंतिम पूर्ण बजट होने वाला है। निर्मला सीतारमण आम तौर पर लंबी विस्तृत स्पीच देकर बजट को पेश करती हैं लेकिन एक समय ऐसा भी था जब वित्त मंत्री ने महज 800 शब्द बोलकर अपना बजट भाषण खत्म कर दिया था।
बजट स्पीच 2023
Budget Speech Interesting Facts: वित्त वर्ष 2023-24 का केंद्रीय बजट 1 फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से पेश किया जाएगा। यह उनका पांचवां केंद्रीय बजट भाषण होने वाला है। देश का सबसे लंबा बजट पेश करने का रिकॉर्ड निर्मला सीतारमण के नाम है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि अब तक का सबसे छोटा बजट भाषण किसने दिया? आम चुनाव 2024 से पहले का अंतिम पूर्ण बजट कुछ ही घंटे में पेश होने वाला है। इस बीच केंद्रीय बजट भाषणों के बारे में कुछ रोचक तथ्य यहां पर जान सकते हैं।
सबसे छोटा बजट भाषण:
साल 1977 में पूर्व वित्त मंत्री हीरूभाई मूलजीभाई पटेल ने देश का सबसे छोटा बजट पेश किया था। वह एक अंतरिम बजट था जोकि कुछ ही मिनट में पेश कर दिया गया था। इसे 28 मार्च 1977 को पेश किया गया था। उस वर्ष के बजट भाषण में 800 शब्द शामिल थे।
सबसे लंबा बजट भाषण:
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के नाम सबसे लंबा बजट भाषण देने का रिकॉर्ड है। उन्होंने केंद्रीय बजट 2020 पेश करते हुए लगातार 2.42 घंटे तक भाषण दिया था। दो पेज नहीं पढ़े जाने के कारण उन्हें अपना भाषण छोटा करना पड़ा क्योंकि वह अस्वस्थ महसूस कर रही थीं।
सबसे ज्यादा शब्दों वाला बजट भाषण:
साल 1991 में तत्कालीन वित्त मंत्री मनमोहन सिंह ने नरसिम्हा राव सरकार के तहत शब्दों के मामले में (18,650 शब्दों) सबसे लंबा बजट भाषण दिया था। अरुण जेटली 2018 में सूची में शामिल हुए जब उन्होंने 18,604 शब्दों में बजट भाषण दिया। उनका भाषण 1 घंटा 49 मिनट का था।
सबसे ज्यादा बार बजट किसने पेश किया?
इतिहास में सबसे ज्यादा बजट पेश करने का रिकॉर्ड पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई के नाम है। साल 1962-69 में वित्त मंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने 10 बजट पेश किए थे, इसके बाद पी चिदंबरम ने 9 बजट, प्रणब मुखर्जी ने 8, यशवंत सिन्हा ने 8 और मनमोहन सिंह ने 6 बजट पेश किए थे।
बजट का समय: अंग्रेजों के जमाने से यह प्रथा थी कि बजट फरवरी महीने के आखिरी वर्किंग डे को शाम 5 बजे पेश किया जाता था। साल 1999 में तत्कालीन वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने बजट का समय बदलकर सुबह 11 बजे कर दिया था। साल 2017 में अरुण जेटली ने बजट के दिन में बदलाव किया था। फरवरी के आखिरी वर्किंग डे से इसे बदलकर फरवरी का पहला दिन यानी 1 फरवरी कर दिया गया था।
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रक्षा और अंतर्राष्ट्रीय कूटनीतिक विषयों में विशेष रुचि रखने वाले प्रभाष रावत कुछ-ना-कुछ नया सीखते रह...और देखें
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