Budget 2024: विकसित भारत का खाका होगा पूर्ण बजट, राजकोषीय घाटे पर भी होगी नजर- रिपोर्ट

Budget 2024: ब्रोकरेज कंपनी ने अनुमान जताया है कि चालू वित्त वर्ष के लिए राजकोषीय घाटा लक्ष्य जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) के 5.1 प्रतिशत पर बना रहेगा। यह अंतरिम बजट में तय लक्ष्य के अनुरूप है। साथ ही सरकार अगले वित्त वर्ष तक इसे 4.5 प्रतिशत पर लाने के लक्ष्य पर कायम रहेगी।वित्त वर्ष 2023-24 में राजकोषीय घाटा जीडीपी का 5.6 प्रतिशत था।

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बजट में विकसित भारत का होगा रोडमैप

Budget 2024: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इस महीने पेश किये जाने वाले बजट में 2047 तक ‘विकसित भारत’ के लिए खाका और राजकोषीय मजबूती के लिए मध्यम अवधि की योजना पेश कर सकती हैं। वैश्विक ब्रोकरेज कंपनी मॉर्गन स्टेनले ने अपनी एक रिपोर्ट में यह अनुमान जताया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि राजकोषीय सूझ-बूझ वाले रुख के साथ हमारा अनुमान है कि राजस्व व्यय के मुकाबले पूंजीगत खर्च पर जोर बना रहेगा। साथ ही भौतिक, सामाजिक और डिजिटल बुनियादी ढांचे तक पहुंच में सुधार के साथ लक्षित सामाजिक क्षेत्र पर ध्यान दिया जाएगा। सीतारमण 23 जुलाई को वित्त वर्ष 2024-25 के लिए पूर्ण बजट पेश करेंगी।

राजकोषीय घाटे पर होगा फोकस

ब्रोकरेज कंपनी ने अनुमान जताया है कि चालू वित्त वर्ष के लिए राजकोषीय घाटा लक्ष्य जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) के 5.1 प्रतिशत पर बना रहेगा। यह अंतरिम बजट में तय लक्ष्य के अनुरूप है। साथ ही सरकार अगले वित्त वर्ष तक इसे 4.5 प्रतिशत पर लाने के लक्ष्य पर कायम रहेगी।वित्त वर्ष 2023-24 में राजकोषीय घाटा जीडीपी का 5.6 प्रतिशत था।रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) से अपेक्षा से अधिक लाभांश मिलने के साथ राजकोष के मोर्चे पर गुंजाइश बेहतर हुई है। इससे पूंजीगत व्यय की गति बनाये रखने और लक्षित कल्याणकारी उपायों पर खर्च बढ़ाने में मदद मिलेगी।
ब्रोकरेज कंपनी ने कहा कि इसके साथ कर और गैर-कर राजस्व बेहतर रहने की संभावना को देखते हुए राजकोषीय घाटा लक्ष्य थोड़ा कम यानी 5.1 प्रतिशत से कम हो सकता है।रिपोर्ट के अनुसार, यह भी उम्मीद है कि बजट में 2047 तक ‘विकसित भारत’ के लिए रूपरेखा पर विशेष रूप से ध्यान होगा।इसके अलावा, बजट में 2025-26 से आगे राजकोषीय मजबूती के लिए एक मध्यम अवधि की योजना होने का भी अनुमान है।
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प्रशांत श्रीवास्तव author

करीब 17 साल से पत्रकारिता जगत से जुड़ा हुआ हूं। और इस दौरान मीडिया की सभी विधाओं यानी टेलीविजन, प्रिंट, मैगजीन, डिजिटल और बिजनेस पत्रकारिता में काम कर...और देखें

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