8th Pay Commission: 8 वें वेतन आयोग का गठन, पुरानी पेंशन स्कीम, आयकर छूट का बढ़े दायरा-वित्त मंत्री से श्रमिक संगठनों की मांग

8th Pay Commission: श्रमिक संगठनों ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से 8वें वेतन आयोग के गठन की मांग की है। इसके अलावा नई पेंशन योजना को खत्म करने और पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) को बहाल करने के लिए भी कहा है। साथ ही खाने-पीने और दवाओं की कीमत घटाने की भी मांग की है।

Hike in income tax exemption limit to job creation: Expectations from FM Sitharaman’s 4th Budget

8 वें वेतन आयोग के गठन की मांग

Budget Expectations, 8th Pay Commission:सरकार को 8वें वेतन आयोग का गठन, वेतनभोगी वर्ग के लिए कर छूट में वृद्धि और पुरानी पेंशन योजना की बहाली करनी चाहिए। श्रमिक संगठनों के नेताओं ने सोमवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ बजट पूर्व बैठक के दौरान यह मांग की है।श्रमिक संगठनों ने सरकार से सार्वजनिक उपक्रमों के निजीकरण को रोकने, नई पेंशन योजना को खत्म करने और पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) को बहाल करने के लिए भी कहा। साथ ही खाने-पीने और दवाओं की कीमत घटाने की भी मांग की है।

आयकर में मिले ये फायदा

संगठनों ने अपने ज्ञापन में कहा है कि वेतनभोगी वर्ग के लिए उनके वेतन और ग्रैच्युटी पर आयकर छूट की अधिकतम सीमा को पर्याप्त रूप से बढ़ाना चाहिए। असंगठित श्रमिकों और कृषि श्रमिकों के लिए सरकार द्वारा प्रायोजित सामाजिक सुरक्षा कोष की स्थापना की जानी चाहिए, ताकि उन्हें न्यूनतम 9,000 रुपये प्रति माह पेंशन और अन्य चिकित्सा, शैक्षिक लाभ आदि मिल सकें।इसके अलावा, उन्होंने मांग की है कि केंद्र सरकार के विभागों और सार्वजनिक उपक्रमों में सभी मौजूदा रिक्तियों को तुरंत भरा जाना चाहिए और अनुबंध तथा आउटसोर्सिंग की प्रथा को रोकना चाहिए।

खाने-पीने और दवाओं की घटे कीमत

उन्होंने आगे कहा कि आवश्यक खाद्य वस्तुओं और दवाओं पर जीएसटी के जरिये आम जनता पर बोझ डालने की जगह कॉरपोरेट कर, संपत्ति कर में वृद्धि और विरासत कर को लागू करना चाहिए।बैठक में इंटक, एआईटीयूसी, सीटू, एआईयूटीयूसी, टीयूसीसी और यूटीयूसी सहित 12 मजदूर संगठनों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस) ने अलग से अपनी मांग के साथ एक ज्ञापन सौंपा। उन्होंने मनरेगा का दायरा बढ़ाने और प्रत्येक परिवार को 200 दिन काम की गारंटी देने की मांग की। इसके अलावा कृषि और संबद्ध क्षेत्रों के कार्य को मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम) से जोड़ने की बात भी कही गई।ज्ञापन के अनुसार, आयुष्मान भारत योजना के मानदंडों को 1.20 लाख रुपये से बढ़ाकर तीन लाख रुपये करना चाहिए।

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प्रशांत श्रीवास्तव author

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