Budget 2024: बजट से इनकम टैक्स में 5 बड़ी राहत की उम्मीद, क्या वित्त मंत्री देंगी मिडिल क्लास को तोहफा
Budget 2024-25 Updates: इस बजट से देश के सैलरीड क्लास लोगों को काफी उम्मीदें हैं। उन्हें उम्मीद है कि बजट में वित्त मंत्री उनके लिए कुछ बड़ी घोषणाएं कर सकती हैं। सैलरीड क्लास को उम्मीद है कि सरकार इनकम टैक्स अधिनियम की धारा 80C के तय डिडक्शन लिमिट को बढ़ाने के प्रस्ताव पर विचार-विमर्श करेगी।
Budget 2024 (Image Source: iStockphoto)
Budget 2024 Expectations: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 23 जुलाई को देश का आम बजट संसद के पटल पर पेश करेंगी। इस बजट से देश के सैलरीड क्लास लोगों को काफी उम्मीदें हैं। उन्हें उम्मीद है कि बजट में वित्त मंत्री उनके लिए कुछ बड़ी घोषणाएं कर सकती हैं। खास तौर पर उन्हें टैक्स में कटौती और टैक्सेशन प्रोसेस को आसान और अनुकूल बनाने के लिए किए जाने वाले सुधारों पर सैलरीड क्लास की नजर है। सैलरीड क्लास टैक्सपेयर्स महंगाई दर और ब्याज दरों में बढ़ोतरी के प्रभाव को कम करने के लिए इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव की उम्मीद कर रहे हैं।
टैक्स स्लैब का एडजस्टमेंट
टैक्स स्लैब रेट में रिवीजन व्यापक रूप से एक ऐसा तरीका है, जिससे टैक्स सिसस्टम प्रोग्रेसिव हो सकता है। इस संभावित एडजस्टमेंट से मध्यम आय वर्ग के व्यक्तियों के लिए टैक्स का बोझ कम हो सकता है। इसके अलावा, नई टैक्स व्यवस्था के तहत, अधिकतम सरचार्ज वर्तमान में 25 फीसदी निर्धारित की गई है, जो पिछले टैक्स स्ट्रक्चर से 37 फीसदी से काफी कम है। यह संभव है कि नए टैक्स सिस्टम में प्रदान किए गए बेनिफिट्स को पुराने टैक्स स्ट्रक्चर मे भी शामिल किया जा सके।
80C डिडक्शन लिमिट
सैलरीड क्लास को उम्मीद है कि सरकार इनकम टैक्स अधिनियम की धारा 80C के तय डिडक्शन लिमिट को बढ़ाने के प्रस्ताव पर विचार-विमर्श करेगी। टैक्सपेयर्स के मध्यम वर्ग को सहायता प्रदान करने के लिए यह एडजस्टमेंट अहम माना जाता है। वित्त वर्ष 2014-15 से डिडक्शन की लिमिट 1.5 लाख रुपये पर स्थिर बनी हुई है। बढ़ते जीवन-यापन खर्च को देखते हुए उम्मीद जताई जा रही है कि सरकार इस बजट में 80C के तहत डिडक्शन की लिमिट को 1.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 2 लाख रुपये करेगी। इससे सैलरीड क्लास वर्कफोर्स के एक अहम वर्ग को काफी राहत मिलेगी।
स्टैंडर्ड डिडक्शन में बढ़ोतरी
केंद्रीय बजट 2018 में सैलरीड क्लास ते लिए प्रति वर्ष 40,000 रुपये के स्टैंडर्ड डिडक्शन को फिर से शुरू किया गया था। इसके बाद, अंतरिम बजट 2019 में इसकी लिमिट बढ़ाकर 50,000 रुपये कर दी गई। तब से स्टैंडर्ड डिडक्शन की राशि स्थिर बनी हुई है। ऐसी अटकलें हैं कि वित्त मंत्री स्टैंडर्ड डिडक्शन लिमिट को बढ़ाकर एक लाख सालाना करने पर विचार कर सकती हैं।
80D हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम डिडक्शन
इनकम टैक्स अधिनियम 1961 की धारा 80D के तहत हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम के लिए डिडक्शन की लिमिट को आखिरी बार 9 साल पहले बजट 2015 में 15,000 रुपये से बढ़ाकर 25,000 रुपये किया गया था। टैक्सपेयर्स को उम्मीद को है वित्त मंत्री इस बार के बजट में इसमें इजाफा कर उन्हें राहत देंगी। एक्सपर्ट्स और टैक्सपेयर्स इस लिमिट को बढ़ाने के पक्ष में दलील दे रहे हैं। उनका कहना है कि 80D की कटौती की मौजूदा लिमिट को 25,000 रुपये से बढ़ाकर 50,000 रुपये की जाए।
इसी तरह, माता-पिता के लिए भुगतान किए गए प्रीमियम के लिए कटौती की सीमा को बढ़ाकर 75,000 रुपये किया जाना चाहिए। क्योंकि इंश्योरेंस कवर अब काफी महंगा हो गया है। इस वजह से 25,000 रुपये (टैक्स कटौती के लिए) की लिमिट को बढ़ा दिया जाए और 50,000 रुपये की लिमिट को सिर्फ सीनियर सिटीजन तक सीमित नहीं रखना चाहिए।
पुरानी टैक्स
केंद्रीय बजट 2023 में नई पर्सनल टैक्स रिजीम में बदलाव किए गए थे। मंगलवार को पेश होने वाले बजट में ओल्ड टैक्स रिजीम के स्लैब स्ट्रक्चर में अहम सुधार की उम्मीद है। जिन बदलावों की उम्मीद की जा रही है, उनमें से एक इनकम टैक्स छूट लिमिट को बढ़ाकर 5 लाख रुपये करना शामिल हो सकता है। एनडीए सरकार पर्सनल टैक्सरपेयर्स के बोझ को कम करने के लिए टैक्स स्लैब को आसान बनाने के साथ रेट्स में भी बदलाव कर सकती है। वर्तमान में, नई व्यवस्था के तहत, इनकम के लेवल के आधार पर टैक्स की दरें 5 फीसदी से 30 फीसदी तक अलग-अलग हैं।
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रोहित ओझा Timesnowhindi.com में बतौर सीनियर कॉरस्पॉडेंट सितंबर 2023 से काम कर रहे हैं। यहां पर ...और देखें
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