Budget 2024: ब्रीफकेस से 'बही खाता' तब बजट, जानिए कब और कैसे बदल गई परंपरा

Budget 2024 Briefcase to Bahi Khata: वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी अंतिरम बजट पेश करने जा रही हैं। पहले बजट ब्रीफकेस के जरिये संसद में पेश किया जाता था। अब बही खाता के जरिए पेश किया जाता है। जानिए कब और कैसे परंपरा बदल गई।

Budget 2024: कैसे बदल गई बजट की ये परंपरा

Budget 2024: वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को वर्ष 24 के लिए बजट पेश करने जा रही हैं। हालांकि यह पूर्ण बजट नहीं होगा। यह अंतरिम बजट होगा। चुनाव के बाद नई सरकार के सत्ता में आने के बाद 2024 में पूर्ण बजट पेश किया जाएगा। पिछले कुछ बजटों की तरह निर्मला सीतारमण ब्रीफकेस की जगह 'बही खाता' से बजट पेश करेंगी। ऐसी संभावना है। आइए जानते हैं ब्रीफकेस की जगह कब 'बही खाता' को अपनाया गया।

बजट में 'बही खाता' कब अपनाया गया था?

साल 2019 में बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लंबे समय से चली आ रही औपनिवेशिक युग की प्रथा को तोड़ने का फैसला किया। उन्होंने पारंपरिक भारतीय 'बही खाता' को चुना। 'बही खाता' ने केंद्रीय बजट पेश करते समय अंग्रेजों के जमाने से ब्रीफकेस ले जाने की पुरानी परंपरा को बदल दिया।

क्यों अपनाया गया बही खाता?

भारत सरकार के कामकाज को अंग्रेजों की गुलामी की छाया से मुक्त करने के लिए बही खाता को अपनाया गया था। इसके अतिरिक्त भारतीय बजट पेश करने का समय और तारीख भी बदल दी गई क्योंकि पिछली बार भारत की आजादी के बाद कई दशकों तक ब्रिटिश संसद द्वारा निर्धारित कैलेंडर का पालन किया जाता था। ब्रिटिश काल की प्रथाओं से एक और विचलन में सरकार ने बजट वर्ष 2017-18 से रेल बजट को भी केंद्रीय बजट में मिला दिया। एकवर्थ समिति (1920-21) की सिफारिशों के बाद 1924 में रेलवे वित्त को सामान्य वित्त से अलग कर दिया गया था।

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