Budget 2024: 1.5 लाख भी होगी सैलरी तो नहीं देना होगा ज्यादा टैक्स, अगर वित्त मंत्री ने मान ली ये बात

Income Tax Budget 2024-25: टैक्सपेयर्स का कहना है कि महंगाई दर के मुताबिक टैक्स स्लैब में बदलाव करना चाहिए, ताकी उन्हें राहत मिले। इस बीच बैंकबाजार ने एक नया इनकम टैक्स स्लैब प्रस्तावित किया है। ​​बैंकबाजार के अनुसार, 20 फीसदी और 30 फीसदी टैक्स स्लैब को अपडेट किया जाना चाहिए।

Budget 2024-25

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Budget 2024-25: केंद्रीय वित्त मंत्री देश का आम बजट 23 जुलाई को संसद में पेश करने वाली हैं। इससे पहले देश के तमाम आर्थिक जानकार और टैक्सपेयर्स अपनी सुझाव दे रहे हैं और अपनी मांग भी बता रहे हैं। सबसे अधिक इनकम टैक्स में राहत की मांग हो रही है। टैक्सपेयर्स का कहना है कि महंगाई दर के मुताबिक टैक्स स्लैब में बदलाव करना चाहिए, ताकी उन्हें राहत मिले। इस बीच बैंकबाजार ने एक नया इनकम टैक्स स्लैब प्रस्तावित किया है, जो एक महत्वपूर्ण बदलाव लाएगा। इस प्रस्ताव के तहत पुरानी टैक्स व्यवस्था में 30 फीसदी स्लैब में बदलाव किया जाए। ताकी टैक्सपेयर्स पर से बोझ को कम किया जा सके।

30 फीसदी टैक्स

बैंकबाजार के अनुसार, मौजूदा महंगाई दर को देखते हुए इस टैक्स में बदलाव किया जाना चाहिए। अगर ऐसा होता है, तो 30 फीसदी टैक्स 18 लाख रुपये की सालाना कमाई पर देना होगा, जो फिलहाल 10 लाख रुपये की वार्षिक आय पर लगता है। पुरानी टैक्स रीजिम के तहत मौजूदा समय में टैक्स स्ट्रक्चर के अनुसार, 2.5 लाख रुपये से 5 लाख रुपये तक की आय पर 5 फीसदी टैक्स लगता है। 5 लाख रुपये से 10 लाख रुपये तक की आय पर 20 फीसदी और 10 लाख रुपये से अधिक की आय पर 30 फीसदी टैक्स लगता है।

महंगाई इंडेक्स और टैक्स स्लैब

बैंकबाजार के अनुसार, 2012-13 के बेंचमार्क की तुलना में पुरानी व्यवस्था के लिए 20 फीसदी और 30 फीसदी टैक्स स्लैब को अपडेट किया जाना चाहिए। लागत महंगाई दर इंडेक्स के आधार पर 2012-13 और 2024-25 के बीच महंगाई का इंडेक्स 81.5 फीसदी बढ़ा है। हाल के साल में महंगाई दर इंडेक्स में लगातार बढ़ोतरी हुई है। इसलिए, यह जरूरी है कि पुरानी स्लैब दरों को बिना किसी देरी के उचित रूप से समायोजित किया जाए।

राहत के लिए ये बदलाव भी जरूरी
  • 80C की लिमिट को 1.5 लाख रुपये को बढ़ाकर कम से कम 2 लाख रुपये किया जाना चाहिए।
  • 80D डिडक्शन को कोविड के बाद बीमा प्रीमियम की बढ़ती लागत को देखते हुए इसे सामान्य टैक्सपेयर्स के लिए 50,000 रुपये और वरिष्ठ नागरिकों के लिए 100,000 रुपये तक बढ़ाया जाना चाहिए।
  • होम लोन ब्याज और प्रिंसिपल अमाउंट पेमेंट : अलग-अलग सेक्शन में रखे जाने चाहिए, जो 5 लाख रुपये तक हो सकते हैं।
  • 87A के तहत छूट 2019 में किए गए अंतिम अपडेट की तुलना में 6.3 लाख रुपये तक की इनकम तक बढ़ाई जानी चाहिए।

पसंदीदा क्यों है पुरानी टैक्स रीजिमनई टैक्स व्यवस्था में 7 लाख रुपये या उससे कम की इनकम पर कोई इनकम टैक्स नहीं लगता है। हालांकि, उस इनकम लेवल से ऊपर के टैक्सपेयर्स पुरानी टैक्स रीजिम को पसंद करते हैं, जिसमें 2013-14 से टैक्स स्लैब स्थिर हैं। एक दशक से अधिक समय से महंगाई के मुताबित टैक्स स्लैब में नहीं हुए बदलाव के बावजूद कई टैक्सपरेयर्स को डिडक्शन के कारण देनदारी कम लगती है।

अगर सरकार महंगाई दर के मुताबिक टैक्स स्लैब में बदलाव करती है और 18 लाख रुपये तक सालाना इनकम पर कम 30 प्रतिशत तक टैक्‍स नहीं देना होगा। टैक्सपेयर्स लगातार राहत की मांग कर रहे हैं।

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Rohit Ojha author

रोहित ओझा Timesnowhindi.com में बतौर सीनियर कॉरस्पॉडेंट सितंबर 2023 से काम कर रहे हैं। यहां पर वो बिजेनस और यूटिलिटी की खबरों पर काम करते हैं। मी...और देखें

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