क्या खत्म होगा 12 साल का इंतजार, महंगाई इंडेक्स 81.5 फीसदी बढ़ा, ओल्ड टैक्स रिजीम में भी बढ़े छूट
एनडीए सरकार अपने तीसरे कार्यकाल में भी निजीकरण के अपने एजेंडे पर कायम रहेगी, जिसका लक्ष्य गठबंधन सहयोगियों के महत्वपूर्ण प्रभाव के बिना राजस्व लक्ष्यों को पूरा करना है। निजीकरण से होने वाली आय सामाजिक क्षेत्र की पहलों को वित्तपोषित करने और बजट 2024 में राजकोषीय अनुशासन बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2021-22 के बजट प्रस्तुति के दौरान दो सरकारी बैंकों और एक बीमा कंपनी के निजीकरण की योजना की रूपरेखा तैयार की थी।
Budget 2024 Expectations: इनकम टैक्स पर 12 साल बाद मिलेगी राहत, महंगाई इंडेक्स 81.5 फीसदी बढ़ा
साल 2012-13 में आखिरी बार सरकार ने इनकम टैक्स के स्लैब में बदलाव किया था। अब इस बदलाव के 12 साल हो चुके हैं और टैक्सपेयर्स राहत की आस लगाए बैठे हैं, क्योंकि पिछले एक दशक में महंगाई दर में इजाफा हुआ और इसका बोझ उनपर भी बढ़ा है।क्या टैक्स का बोझ कम करेगी सरकार
टैक्सपेयर्स को उम्मीद है कि सरकार इस बजट में इनकम टैक्स में राहत देगी। साल 2012-13 में आखिरी बार सरकार ने इनकम टैक्स के स्लैब में बदलाव किया था। अब इस बदलाव के 12 साल हो चुके हैं और टैक्सपेयर्स राहत की आस लगाए बैठे हैं, क्योंकि पिछले एक दशक में महंगाई दर में इजाफा हुआ और इसका बोझ उनपर भी बढ़ा है।सीमा शुल्क को रिजनेबल बनाने का सुझाव
इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स (आईसीसी) ने सरकार को घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए इस्पात, सौर बैटरी, एल्यूमीनियम और लिथियम सेल सहित विभिन्न क्षेत्रों में सीमा शुल्क को युक्तिसंगत बनाने का सुझाव दिया है। आईसीसी के अध्यक्ष अमेय प्रभु ने कहा कि इस्पात, सौर बैटरी, एल्युमीनियम और लिथियम सेल सहित अन्य क्षेत्रों में घरेलू उद्योग की वृद्धि के लिए सुरक्षात्मक उपायों की आवश्यकता है।Budget 2024 Expectations Live Updates:बेसिक सैलरी में बढ़ोतरी का हो सकता है ऐलान
वित्त मंत्री बजट में कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) में योगदान के लिए न्यूनतम मूल वेतन सीमा यानी बेसिक सैलरी में बढ़ोतरी का ऐलान कर सकती हैं। जिसे 15,000 रुपये से बढ़ाकर 25,000 रुपये किए जाने का प्रपोजल श्रम और रोजगार मंत्रालय तैयार किया है। अगर ऐसा होता है तो करीब 10 साल बाद नियमों में संशोधन किया जाएगा। इससे पहले सितंबर 2014 को बेसिक सैलरी 6,500 रुपये से बढ़ाकर 15,000 रुपये की गई थी। अगर ऐसा होता है तो ईपीएफ खाताधारकों का पेंशन फंड और पीएफ में कंट्रीब्यूशन बढ़ जाएगा।होम लोन के ब्याज पर बजट में बढ़ सकती है छूट
इनकम टैक्स की धारा 80C के तहत टैक्सपेयर्स को होम लोन के प्रिसिंपल अमाउंट के पेमेंट पर इनकम टैक्स में 1.5 लाख रुपये तक का डिडक्शन मिल सकता है। इसमें स्टैम्प-ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन फीस भी शामिल हो सकते हैं। हालांकि, इस पर साल में एक बार ही डिडक्शन का लाभ लिया जा सकता है। ध्यान रहे कि यह डिडक्शन 80C के तहत मिलता है और सिर्फ ओल्ड टैक्स रीजिम में उपलब्ध है। नई टैक्स रीजिम में यह व्यवस्था नहीं है।Budget 2024 Expectations Live Updates:टैक्स फ्री हो सकता है 25000 रुपये तक का ब्याज
बजट में मिडिल क्लास को राहत मिल सकती है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बैंक खातों पर मिलने वाले ब्याज पर लगने वाले इनकम टैक्स पर छूट बढ़ा सकती हैं। बजट में इसके तहत बैंक खाताधारकों को बचत खाते के ब्याज से होने वाली 25000 रुपये तक की कमाई टैक्स फ्री की जा सकती है। अभी यह लिमिट 10,000 रुपये है। अगर ऐसा होता है तो इसका बड़ा फायदा मिडिल क्लास को मिल सकता है।Budget 2024 Expectations Live Updates: बीमा कंपनियों को हेल्थ इंश्योरेंस के लिए टैक्स छूट मिलने की उम्मीद
बीमा कंपनी फ्यूचर जनरली इंडिया इंश्योरेंस के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) अनूप राऊ ने कहा कि देशभर में स्वास्थ्य देखभाल की लागत में उल्लेखनीय वृद्धि के बावजूद इनकम टैक्स अधिनियम के सेक्शन 80डी के तहत हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर कटौती की सीमा पिछले नौ साल से बिना बदली हुई बनी हुई है। उन्होंने कहा कि यह सबसे अच्छा होगा अगर मेडिकल इंश्योरेस की सीमा महंगाई दर से जुड़ी हो और प्रत्येक एक-दो साल में खुद-ब-खुद इसमें संशोधन हो। साथ ही, नई टैक्स व्यवस्था में भी हेल्थ इंश्योरेंस का लाभ बढ़ाने की जरूरत है क्योंकि इसकी पहुंच बढ़ाना महत्वपूर्ण है। इसीलिए, हमें उम्मीद है कि आगामी बजट में हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर छूट सीमा में कुछ बढ़ोतरी की घोषणा की जाएगी।Budget 2024 Expectations Live Updates: कब से शुरू हुआ था डिजिटल बजट
2019 में निर्मला सीतारमण ने ब्रीफकेस की जगह बहीखाता का इ्स्तेमाल किया था। वहीं 2021 में पहली बार पेपरलेस बजट पेश किया गया था। ऐसे में पहली बार साल 2021 में डिजिटल तौर पर बजट पेश किया गया था।Budget 2024 Expectations Live Updates: मेडिकल उपकरणों पर टैक्स ज्यादा
मेडिकल टेक्नोलॉजी एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एम-ताई) के अध्यक्ष पवन चौधरी ने कहा कि भारत में मेडिकल उपकरणों पर लगाए गए सीमा शुल्क और टैक्स दुनिया में सबसे ज्यादा हैं और यह सीधे मरीजों को प्रभावित करते हैं। उन्होंने कहा कि दूसरी ओर, सिंगापुर, हांगकांग, इटली और नॉर्वे जैसे देश इस तरह का कोई शुल्क नहीं लगाते हैं। ऑस्ट्रेलिया और जापान केवल न्यूनतम 0.5 प्रतिशत शुल्क लगाते हैं, जबकि अमेरिका में यह दो प्रतिशत और चीन में तीन प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि ऐसे में भारत में मेडिकल उपकरणों के अवैध आयात का जोखिम है। इस तरह के व्यापार से देश के राजस्व में कमी आएगी।
Budget 2024 Expectations Live Updates: 70 वर्ष से अधिक आयु वालों को भी मिले आयुष्मान भारत का लाभ
राजीव गांधी कैंसर इंस्टिट्यूट एंड रिसर्च सेंटर (आरजीसीआईआरसी) के मुख्य कार्यपालक अधिकारी डीएस नेगी ने कहा कि देश में कैंसर देखभाल में सुधार पर ध्यान देना महत्वपूर्ण है। यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि सभी मरीजों इन अत्याधुनिक उपचारों तक पहुंच हो। उन्होंने कहा कि आयुष्मान भारत को 70 वर्ष से अधिक आयु वालों तक विस्तारित करना वरिष्ठ नागरिकों के लिए अत्यधिक फायदेमंद होगा। साथ ही इस बात पर भी गौर करने की जरूरत है कि पांच लाख रुपये की वर्तमान सीमा कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों के लिए पर्याप्त नहीं है। इस बीमारी के उपचार की लागत 15-20 लाख रुपये तक हो सकती है।Budget 2024 Expectations Live Updates:स्टैण्डर्ड डिडक्शन हुआ डबल तो आयकर दाता को मिलेगा बंपर फायदा
आम बजट 2024-25 में मानक कटौती को दोगुना करके एक लाख रुपये किए जा सकता है। इसके अलावा होम लोन पर दिए जाने वाले ब्याज पर कर छूट बढ़ाने और कैपिटल गेन सिस्टम को युक्तिसंगत बनाने की उम्मीद है। इसी तरह नयी कर व्यवस्था के तहत मूल कर छूट सीमा को तीन लाख रुपये से बढ़ाकर पांच लाख रुपये किया जाए। उसके अनुसार ऐसा होने से अधिक खर्च करने योग्य पैसा उपभोक्ताओं के हाथ में आएगा।Budget 2024 Expectations Live Updates: बजट में राजकोषीय घाटा लक्ष्य घटा सकती है सरकार
सरकार राजस्व में आए उछाल के दम पर अगले हफ्ते पेश होने वाले बजट में चालू वित्त वर्ष के लिए राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को घटाकर सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का 4.9-5.0 प्रतिशत कर सकती है। रेटिंग एजेंसी इक्रा ने मंगलवार को यह संभावना जताई। सरकार ने इस साल फरवरी में अंतरिम बजट पेश करते समय वित्त वर्ष 2024-25 के लिए राजकोषीय घाटा जीडीपी का 5.1 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया था।Budget 2024 Expectations Live Updates: हेल्थकेयर सेक्टर ने बजट में एआई को बढ़ावा देने की वकालत की
बजट 2024 की उम्मीदें लाइव: "हम स्वास्थ्य सेवा पहलों और शीर्ष शैक्षणिक संस्थानों में तीन 'उत्कृष्टता केंद्रों' की स्थापना सहित AI तकनीक को आगे बढ़ाने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को स्वीकार करते हैं और उसकी सराहना करते हैं, जो केंद्रीय बजट 2023-2024 की घोषणा में उल्लिखित 'भारत के लिए AI बनाएं' और 'भारत के लिए AI काम करें' को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। AI में चिकित्सा डेटा और छवियों के तेज़, अधिक सटीक विश्लेषण के माध्यम से रोग निदान और उपचार को बदलने की क्षमता है। जापानी मॉडल से प्रेरित भारत के AI-आधारित स्वास्थ्य जांच केंद्र NURA में, हम बुद्धिमान स्कैनिंग और भविष्यवाणियों को सक्षम करने वाले AI-सहायता प्राप्त उपकरणों के साथ इमेजिंग और स्क्रीनिंग उद्योग को बदलने की कोशिश कर रहे हैं। प्रारंभिक जांच की अवधारणा को बढ़ावा देकर, हम सक्रिय स्वास्थ्य सेवा प्रथाओं की वकालत करते हैं जो रोगी के परिणामों में काफी सुधार करती हैं और स्वास्थ्य सेवा की लागत को कम करती हैं। इसके अलावा, हम AI के माध्यम से भारत में स्वास्थ्य सेवा की पहुँच और प्रभावशीलता को बढ़ाने के लिए स्वास्थ्य सेवा मॉडल को बदलने और महत्वपूर्ण शोध को प्रोत्साहित करने पर सरकार के ध्यान का समर्थन करते हैं। एनयूआरए के मेडिकल प्रमुख डॉ. बिलाल थंगल टीएम ने कहा, "हम देश भर में अत्याधुनिक स्वास्थ्य देखभाल समाधानों के लिए नवाचार को बढ़ावा देने वाले सहयोगात्मक प्रयासों की उत्सुकता से प्रतीक्षा कर रहे हैं।"
Budget 2024 Expectations Live Updates: केंद्रीय बजट 2024 का लाइव कवरेज कहां देखें
बजट 2024 उम्मीदें लाइव अपडेट: बजट प्रस्तुति को संसद टीवी, दूरदर्शन और वित्त मंत्रालय की आधिकारिक वेबसाइट जैसे कई प्लेटफार्मों पर लाइव प्रसारित किया जाएगा।
Budget 2024 Expectations Live Updates: रियल एस्टेट सेक्टर को निर्मला सीतारमण से क्या उम्मीदें हैं
बजट 2024 की उम्मीदें लाइव अपडेट: द गार्डियंस रियल एस्टेट एडवाइजरी के चेयरमैन कौशल अग्रवाल ने कहा, "जैसे-जैसे हम केंद्रीय बजट 2024-25 के करीब पहुंच रहे हैं, रियल एस्टेट सेक्टर संभावित नीतिगत बदलावों की उम्मीद कर रहा है, जिसका इसके भविष्य पर काफी असर पड़ सकता है। आवास की बढ़ती मांग के साथ, हम घर के मालिकों और डेवलपर्स दोनों के लिए कर नीतियों और प्रोत्साहनों में समायोजन के लिए आशान्वित हैं। वर्तमान मोदी 3.0 प्रशासन के सत्ता में आने के साथ, उद्योग जगत का आशावाद कर राहत के नवीनीकरण और बुनियादी ढांचे में निवेश में वृद्धि की उम्मीदों से बढ़ा है, जिससे विकास को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। PMAY के तहत क्रेडिट-लिंक्ड सब्सिडी स्कीम (CLSS) जैसी पहल, जो किफायती आवास को बढ़ावा देती है, शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में मांग बढ़ाने की क्षमता दिखाती है। इसके अतिरिक्त, किफायती आवास विकास पर काम करने वाले डेवलपर्स के लिए 100% कर छूट को फिर से शुरू करने से बड़ी आपूर्ति की कमी दूर हो सकती है।"
Budget 2024 Expectations Live Updates: रियल एस्टेट सेक्टर आगामी बजट में महत्वपूर्ण नीतिगत बदलाव क्यों चाहता है?
किंजल ग्रुप के संस्थापक और अध्यक्ष हीरालाल दोशी ने कहा, “केंद्रीय बजट 2024-25 की घोषणा के करीब आते ही, भारत का रियल एस्टेट सेक्टर मोदी 3.0 सरकार के तहत महत्वपूर्ण नीतिगत बदलावों का इंतजार कर रहा है। आवास, कार्यालयों और वाणिज्यिक क्षेत्रों की बढ़ती मांग के साथ, हम शहरी जीवन को बेहतर बनाने और उभरते क्षेत्रों में विकास को बढ़ावा देने के लिए कर प्रोत्साहन और बुनियादी ढाँचे के उन्नयन की उम्मीद करते हैं। आवास क्षेत्र को 'उद्योग का दर्जा' देने से विकास को प्रोत्साहन मिल सकता है और महत्वपूर्ण निवेश आकर्षित हो सकता है। इसके अतिरिक्त, रियल एस्टेट निर्माण के लिए एकल खिड़की अनुमोदन प्रणाली की शुरूआत भी प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करेगी, देरी को कम करेगी और पूरे क्षेत्र में दक्षता को बढ़ावा देगी। भारत में EPC क्षेत्र को फलने-फूलने के लिए अधिक निवेश और स्पष्ट नियमों की आवश्यकता है। नए कर नियम EPC फर्मों को चुनौतियों से उबरने और नया करने में मदद कर सकते हैं। आगामी बजट में स्मार्ट शहरों, नवीकरणीय ऊर्जा और हाई-स्पीड रेल पर भी ध्यान केंद्रित किया जाएगा, जिसका उद्देश्य बुनियादी ढाँचे का आधुनिकीकरण करना और आर्थिक विकास को गति देना है।”© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited