Budget 2024 Expectations: रोबोट टैक्स, गाय विश्वविद्यालय समेत बजट से RSS संगठनों की ये हैं डिमांड
Budget 2024 Expectations: राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) के सहयोगी संगठनों जैसे स्वदेशी जागरण मंच (SJM) और भारतीय किसान संघ (BKS) ने मोदी सरकार 3.0 पहले बजट के सुझाव दिए हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 22 जुलाई को शुरू हो रहे बजट सत्र में बजट पेश करने जा रही हैं।
आरएसएस की बजट से कई उम्मीदें
Budget 2024 Expectations : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मोदी सरकार 3.0 का पहला बजट 23 जुलाई को पेश करने जा रही हैं। इसी बीच राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) के सहयोगी संगठनों जैसे स्वदेशी जागरण मंच (SJM) और भारतीय किसान संघ (BKS) ने सरकार को कई सुझाव दिए। इनमें किसानों के लिए कृषि उपकरणों पर इनपुट टैक्स खत्म जाए यानी जीएसटी हटाया जाए, अधिक रोजगार पैदा करने वाली कंपनियों को टैक्स में छूट मिले, मैनपावर की जगह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का इस्तेमाल करने वाली कंपनियों पर ‘रोबोट टैक्स’ लगाया जाए, पीएम किसान सम्मान निधि योजना के लिए आवंटन में बढ़ोतरी की जाए और गायों पर रिसर्च के लिए केंद्रीय कृषि यूनिवर्सिटी के लिए आवंटन किया जाए। संसद का बजट सत्र 22 जुलाई से शुरू होगा और 12 अगस्त तक समाप्त हो सकता है।
जीएसटी फ्री हो कृषि उपकरण
बीकेएस ने कहा है कि किसानों को या तो अन्य निर्माताओं की तरह जीएसटी के तहत इनपुट टैक्स क्रेडिट मिलना चाहिए या उनके इनपुट और कृषि उपकरण ट्रैक्टर आदि को टैक्स फ्री किया जाना चाहिए। इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक बीकेएस महासचिव मोहिनी मोहन मिश्रा के हवाले से बताया कि जीएसटी की मूलभूत विशेषताओं में से एक देश भर में और साथ ही पूरा चेन (माल के निर्माण से लेकर उनकी खपत तक) में इनपुट क्रेडिट का निर्बाध प्रवाह है। किसान उत्पादक हैं। फसल उत्पादन के लिए वे जिन इनपुट का उपयोग कर रहे हैं, उनमें से अधिकांश पर जीएसटी व्यवस्था के तहत बहुत अधिक टैक्स लगाया जाता है। किसानों को कोई इनपुट टैक्स क्रेडिट नहीं मिल रहा है।
मिश्रा ने कहा कि इसलिए या तो किसानों को इनपुट टैक्स क्रेडिट प्राप्त करने के लिए कुछ प्रावधान होना चाहिए, या सभी कृषि इनपुट और उपकरणों को जीएसटी-फ्री किया जाना चाहिए। भारतीय किसान संघ ने यह भी मांग की है कि उर्वरकों फर्टिलाइजर्स और कृषि उपकरणों पर सब्सिडी सीधे किसानों को डीबीटी के जरिये मिलनी चाहिए न कि इसका लाभ कंपनियों को मिलना चाहिए।
AI इस्तेमाल करने वालों पर लगे रोबोट टैक्स
अर्थशास्त्री और SJM के राष्ट्रीय सह-संयोजक अश्विनी महाजन बजट को लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ अर्थशास्त्रियों की बैठक में शामिल हुए। इसके बाद महाजन ने कहा कि बेरोजगारी एक मुद्दा है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के इस्तेमाल के कारण लोग अपनी नौकरी खो रहे हैं। बीपीओ, सॉफ्टवेयर और मीडिया में नौकरियां खत्म हो रही हैं। दुनिया भर में रोबोट टैक्स की बात हो रही है। मैनपावर की जगह AI का इस्तेमाल करने वाली कंपनियों पर टैक्स लगाया जाना चाहिए। इससे मिलने वाले रेवेन्यू का इस्तेमाल लोगों को स्किल देने में किया जा सकता है। मैं यह नहीं कह रहा हूं कि आपको इसे तुरंत लागू करना है, लेकिन एक रोडमैप तैयार किया जाना चाहिए। महाजन ने रोजगार सृजन के आधार पर टैक्स लगाने की भी वकालत की। स्वदेशी जागरण मंच के सुझावों में कंपनियों पर रोजगार सृजन की संख्या के आधार पर अलग-अलग कर लगाना और ऑटोमेशन के कारण कर्मचारियों की छंटनी करने वाली कंपनियों पर ‘रोबोट टैक्स’ लगाना शामिल है।
रोबोट टैक्स क्यों लगाना चाहिए?
महाजन ने कहा कि आज एक कंपनी जो 100 करोड़ रुपये कमाती है लेकिन 10 लोगों को रोजगार देती है और एक कंपनी जो 10 करोड़ रुपये कमाती है लेकिन 200 लोगों को रोजगार देती है, उन्हें एक ही तरह का टैक्स देना पड़ता है। क्या हम नौकरियों और टैक्स का अनुपात बना सकते हैं?
पीएम किसान सम्मान निधि राशि
अपने सुझावों में बीकेएस ने कहा है कि पीएम किसान सम्मान निधि के लिए आवंटन बढ़ाया जाना चाहिए, क्योंकि किसानों के लिए इनपुट लागत बढ़ गई है।
गाय पर रिसर्च के लिए कृषि विश्वविद्यालय
बीकेएस ने कहा है कि देशी गाय, बकरी आदि के अनुसंधान, विकास और वितरण के लिए पर्याप्त बजट और गाय आधारित केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के लिए बजट आवंटन की भी मांग की। एसजेएम ने यह भी सुझाव दिया है कि उत्पादन से जुड़े प्रोत्साहन (PLI) योजना को सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (MSME) क्षेत्र तक बढ़ाया जाना चाहिए, जो भारतीय अर्थव्यवस्था में सबसे बड़ा रोजगार सृजनकर्ता है।
खाली जमीन के मालिकों पर संपत्ति टैक्स
खाली जमीन के मालिकों पर संपत्ति टैक्स लिया जाना चाहिए। सभी के लिए आवास विषय पर SJM ने सुझाव दिया कि खाली जमीन रखने वालों पर संपत्ति टैक्स लगाया जाना चाहिए, ताकि भविष्य की जरूरतों के बहाने अनावश्यक भूमि रखने वालों की संख्या कम हो।
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