Budget 2024: क्या होता है भू-आधार, भूमि सुधार में कैसे साबित होगा मददगार
Budget 2024: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने भाषण में कहा कि केंद्र ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में इन भूमि सुधारों को लागू करने के लिए राज्यों के साथ मिलकर काम करेगा। शहरी भूमि से संबंधित कार्यों के बारे में सीतारमण ने कहा कि शहरी क्षेत्रों में भूमि अभिलेखों को जीआईएस मैपिंग के साथ डिजिटल किया जाएगा।
भूमि-संबंधी सुधारों के लिए ऐलान (Image Source: iStockphoto)
Budget 2024: केंद्र सरकार ने आम बजट में कई भूमि-संबंधी सुधारों के हिस्से के रूप में ग्रामीण क्षेत्रों में भूमि के लिए यूनिक पहचान संख्या या ‘भू-आधार’ और सभी शहरी भूमि अभिलेखों के डिजिटलीकरण का प्रस्ताव रखा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने भाषण में कहा कि केंद्र ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में इन भूमि सुधारों को लागू करने के लिए राज्यों के साथ मिलकर काम करेगा। केंद्र अगले तीन वर्षों के भीतर इन सुधारों को पूरा करने के लिए राज्यों को प्रोत्साहित करने को वित्तीय सहायता प्रदान करेगा।
भूमि-संबंधी सुधार
वित्त मंत्री ने कहा कि ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में भूमि-संबंधी सुधार और कार्रवाई में (1) भूमि प्रशासन, योजना और प्रबंधन, और (2) शहरी नियोजन, उपयोग और भवन उपनियम शामिल होंगे। इन्हें उचित वित्तीय सहायता के माध्यम से अगले तीन वर्षों के भीतर पूरा करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
यूनिक भूमि पार्सल पहचान संख्या
ग्रामीण भूमि से संबंधित कार्यों के बारे में उन्होंने कहा कि इनमें सभी भूमि के लिए यूनिक भूमि पार्सल पहचान संख्या (ULPIN) या भू-आधार का आवंटन, भू-आधार मानचित्रों का डिजिटलीकरण, वर्तमान स्वामित्व के अनुसार मानचित्र उप-विभाजनों का सर्वेक्षण, भूमि रजिस्ट्री की स्थापना और किसानों की रजिस्ट्री से संबद्ध (लिंक) करना शामिल होगा। मंत्री ने कहा कि इन कार्यों से कर्ज प्रवाह और अन्य कृषि सेवाओं में भी सुविधा होगी।
शहरी क्षेत्रों जीआईएस मैपिंगशहरी भूमि से संबंधित कार्यों के बारे में सीतारमण ने कहा कि शहरी क्षेत्रों में भूमि अभिलेखों को जीआईएस मैपिंग के साथ डिजिटल किया जाएगा। संपत्ति रिकॉर्ड प्रशासन, अपडेशन और टैक्स प्रशासन के लिए एक आईटी आधारित सिस्टम स्थापित किया जाएगा। इससे शहरी स्थानीय निकायों की वित्तीय स्थिति में सुधार करने में भी मदद मिलेगी।
वित्त मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार आर्थिक विकास के लिए व्यापक दृष्टिकोण को रेखांकित करने और रोजगार के अवसरों को सुविधाजनक बनाने और उच्च विकास को बनाए रखने के लिए सुधारों की अगली पीढ़ी का दायरा निर्धारित करने को एक ‘आर्थिक नीति ढांचा’ तैयार करेगी।
राज्य और केंद्र बीच सहमति की आवश्यकता
उन्होंने कहा कि हमारी सरकार (1) उत्पादन के कारकों की उत्पादकता में सुधार लाने और (2) बाजारों और क्षेत्रों को अधिक कुशल बनाने के लिए सुधारों को आरंभ करेगी और उन्हें प्रोत्साहित करेगी। ये सुधार उत्पादन के सभी कारक अर्थात भूमि, श्रम, पूंजी और उद्यमिता, और प्रौद्योगिकी को अपने दायरे में लेंगे। वित्त मंत्री ने कहा कि इनमें से कई सुधारों के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए केंद्र और राज्यों के बीच सहयोग और आम सहमति बनाने की आवश्यकता है, क्योंकि देश का विकास राज्यों के विकास में निहित है। (इनपुट-भाषा)
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रोहित ओझा Timesnowhindi.com में बतौर सीनियर कॉरस्पॉडेंट सितंबर 2023 से काम कर रहे हैं। यहां पर वो बिजेनस और यूटिलिटी की खबरों पर काम करते हैं। मी...और देखें
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