Budget 2024 : चुनाव से पहले आम लोगों को तोहफा देगी सरकार, होम लोन पर सब्सिडी बढ़ाने का कर सकती है ऐलान

Subsidy on Home Loan: मोदी सरकार हाउसिंग स्कीम के विस्तार और कम लागत वाले हाउसिंग लोन के लिए उपलब्ध सब्सिडी में बढ़ोतरी का ऐलान करने की प्लानिंग कर रही है।

होम लोन पर बढ़ सकती है सब्सिडी

Subsidy on Home Loan: मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल पर आखिरी बजट 1 फरवरी को संसद में पेश किया जाएगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अंतरिम बजट पेश करेंगी। सूत्रों के मुताबिक इस बजट में सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रमुख हाउसिंग स्कीम के विस्तार और कम लागत वाले हाउसिंग लोन के लिए उपलब्ध सब्सिडी में बढ़ोतरी का ऐलान करने की प्लानिंग कर रही है। कम लागत वाले घर के लिए आवंटन को 2023-24 में 790 अरब रुपए से 2024-25 के लिए 15% से अधिक बढ़ाकर 1 ट्रिलियन रुपए (12 अरब डॉलर यानी 997,907,856,000 रुपए) किए जाने की संभावना है। सरकार के आंतरिक अनुमान के मुताबिक 1.4 अरब से अधिक की आबादी वाले भारत को ग्रामीण क्षेत्रों में 2 करोड़ से अधिक घरों की कमी का सामना करना पड़ता है। उद्योग के पूर्वानुमानों के अनुसार शहरी आवास की कमी, जिसका अनुमान 1.5 करोड़ से अधिक है। 2030 तक दोगुनी होने की उम्मीद थी। मई के अंत से पहले आम चुनावों में मतदाताओं का सामना करने वाले मोदी ने 2015 में सभी के लिए घर के लक्ष्य के साथ स्कीम शुरू की थी।

पांच साल के लिए बढ़ा सकती है हाउसिंग स्कीम

सरकार ने पिछले महीने संसद को बताया कि भारत की केंद्र और राज्य सरकारों ने ग्रामीण और शहरी कम लागत वाले घर के लिए सहायता प्रदान करने के कार्यक्रम के तहत पिछले 5 वर्षों में 29 अरब डॉलर खर्च किए हैं। इसे दिसंबर 2024 में समाप्त होना था लेकिन सरकार इसे तीन से पांच साल के लिए बढ़ा सकती है क्योंकि इसे अभी भी अपना लक्ष्य पूरा करना बाकी है। मनी कंट्रोल के मुताबिक सरकारी सूत्र ने पहचान जाहिर न करते हुए कहा कि क्योंकि बजट प्रस्ताव सार्वजनिक नहीं हैं । वित्त मंत्रालय ने टिप्पणी के अनुरोध को अस्वीकार कर दिया।

4 करोड़ गरीब परिवारों को मिला घर

मोदी ने सोमवार को कहा कि उनकी सरकार ने 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद से करीब 4 करोड़ गरीब परिवारों के लिए कंक्रीट के घरों का निर्माण किया है। विपक्षी दलों ने कहा है कि यह योजना अपने लक्ष्यों को पूरा करने के लिए 2022 की मूल समय सीमा से चूक गई है और लाखों लोगों को अभी भी लाभ नहीं मिला है।

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