Budget 2025: शेयर बाजार में पैसा लगाने वालों को मिलेगी खुशखबरी? जानें बजट 2025 से क्या उम्मीदें

Demand to remove STT: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से एसटीटी को हटाने की मांग, जानिए एसटीटी टैक्स क्या है और क्यों निवेशक इस पर जोर दे रहे हैं।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण

Demand to remove STT: भारत में 1 फरवरी 2025 को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मोदी सरकार 3.0 का दूसरा बजट पेश करने जा रही हैं। इस बजट से भारतीय शेयर बाजार के निवेशकों को कई उम्मीदें हैं, खासकर एसटीटी (Securities Transaction Tax) को खत्म करने के लिए। इस मुद्दे पर लगातार चर्चा हो रही है और पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (पीएचडीसीसीआई) ने वित्त मंत्री से एसटीटी को हटाने के लिए कदम उठाने की अपील की है।

एसटीटी (Securities Transaction Tax) क्या है?

एसटीटी एक ऐसा टैक्स है जो भारत में शेयर बाजार में होने वाले लेन-देन पर लगाया जाता है। इसका उद्देश्य शेयर बाजार के लेन-देन को पारदर्शी और सुव्यवस्थित बनाना था। एसटीटी को साल 2004 में लागू किया गया था और यह टैक्स शेयर खरीदने और बेचने दोनों पर लगता है। इसके अलावा, डेरिवेटिव (Futures और Options) में लेन-देन पर भी एसटीटी की अलग-अलग दरें लगती हैं।

एसटीटी की दरें

शेयर पर डिलीवरी-आधारित ट्रेडिंग: 0.1% एसटीटी लगता है।

  • इंट्राडे ट्रेडिंग: बिक्री पर 0.025% एसटीटी लगता है।
  • डेरिवेटिव (Futures): 0.01% एसटीटी लगता है।
  • ऑप्शंस (सिर्फ बिक्री पर): 0.05% एसटीटी लगता है।
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