Budget 2025 Expectations: फिनटेक सेक्टर को उम्मीद, समावेशन, इनोवेशन और इंफ्रास्ट्रक्चर पर होगा फोकस
Budget 2025 Expectations: डिजिटल लेंडिंग प्लेटफॉर्म्स और एनबीएफसी (NBFCs) के दिग्गजों को बजट से काफी उम्मीदें हैं। फिनटेक सेक्टर चाहता है कि वित्तीय समावेशन, डिजिटल नवाचार और बुनियादी ढांचे पर फोकस हो।
बजट से फिनटेक सेक्टर की उम्मीदें
Budget 2025 Expectations: भारतीय फिनटेक सेक्टर यूनियन बजट 2025 को लेकर आशान्वित है। सेक्टर के एक्सपर्ट्स को उम्मीद है कि यह बजट वित्तीय समावेशन, इनोवेशन और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने वाले सुधारों और पहलों का मार्ग प्रशस्त करेगा। डिजिटल लेंडिंग प्लेटफॉर्म्स और एनबीएफसी (NBFCs) के दिग्गजों ने बजट को लेकर अपनी अपेक्षाओं को शेयर किया, जो उनके अनुसार, भारत की आर्थिक प्रगति में इस सेक्टर की भूमिका को और मजबूत कर सकता है।
भारतलोन के संस्थापक अमित बंसल ने कहा कि एक प्रमुख डिजिटल लेंडिंग प्लेटफॉर्म के रूप में हम उन नीतियों की उम्मीद करते हैं जो वित्तीय समावेशन को और बेहतर बनाएं। खासतौर पर पिछड़े क्षेत्रों में लोन तक आसान पहुंच की बढ़ती मांग के साथ, सरकार द्वारा डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतर बनाने और नियामकीय समर्थन प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित करना जरूरी है। लोन प्रक्रिया को सरल बनाने और इनोवेशन को बढ़ावा देने से हम जैसे प्लेटफॉर्म और अधिक ग्राहकों तक पहुंच सकते हैं।
फिनटेक इंडस्ट्री, विशेष रूप से एनबीएफसी, पूरे देश में क्रेडिट गैप को भरने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। रुपये112 के संस्थापक विकास गोयल ने इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंसिंग की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि एनबीएफसी बुनियादी ढांचे के विकास को गति देने में अहम भूमिका निभाते हैं। हमें उम्मीद है कि सरकार लंबी अवधि की फंडिंग योजनाओं या एनबीएफसी के लिए विशेष क्रेडिट एन्हांसमेंट प्रोग्राम की घोषणा करेगी। टैक्स-फ्री इंफ्रास्ट्रक्चर बॉन्ड और नियामकीय प्रक्रिया को सरल बनाना हमारे लिए महत्वपूर्ण क्षेत्रों जैसे परिवहन, ऊर्जा और शहरी विकास में क्रेडिट प्रवाह को बढ़ा सकता है।
एनबीएफसी का वित्तीय समावेशन को बढ़ाने में अहम योगदान है, खासकर उन क्षेत्रों में जहां बैंकिंग सेवाएं सीमित हैं। सैलरीऑनटाइम के मैनेजिंग डायरेक्टर अंकित मोदी ने डिजिटल परिवर्तन के समर्थन की जरुरत पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि छोटे और मझोले एनबीएफसी के लिए डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर को सब्सिडी देना डिजिटलाइजेशन को तेज कर सकता है, लागत को कम कर सकता है और ग्राहक आउटरीच को सुधार सकता है। इसके साथ ही एनबीएफसी और बैंकों के बीच को-लेंडिंग साझेदारी को बढ़ावा देने के लिए एक फ्रेमवर्क सुनिश्चित कर सकता है कि प्रतिस्पर्धी दरों पर क्रेडिट वितरित किया जाए। उन्होंने प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में लोन देने के लिए टैक्स इंसेंटिव और वित्तीय सेवाओं पर जीएसटी को तर्कसंगत बनाने की भी सिफारिश की।
लेंडिंगप्लेट (यूसीआईएल) के संस्थापक और सीईओ कौशिक चटर्जी ने लोन प्रक्रियाओं को आसान बनाने के लिए सुधारों की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि SARFAESI अधिनियम की सीमा को 1 लाख रुपये तक घटाने से छोटे लोन की वसूली प्रक्रिया में सुधार होगा, बेहतर कैश प्रवाह सुनिश्चित होगा और उधारकर्ताओं के लिए तेज लोन पहुंच प्रदान करेगा। ब्याज आय पर 10% टीडीएस छूट एनबीएफसी के लिए तरलता बढ़ाएगी, जिससे वे अधिक सुलभ ऋण प्रदान कर सकें।
जैसा कि भारत 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है, फिनटेक और एनबीएफसी सेक्टर एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए तैयार हैं। वित्तीय समावेशन, डिजिटल नवाचार और बुनियादी ढांचे पर केंद्रित एक सुधार-उन्मुख बजट इन क्षेत्रों को सशक्त बनाएगा और सभी आर्थिक वर्गों में समान विकास सुनिश्चित करेगा।
(प्रेस रिलीज पर आधारित)
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