Budget 2025 Expectations: क्या केंद्रीय कर्मचारियों को 8वें वेतन आयोग की मिलेगी सौगात?
Budget 2025 Expectations: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को वित्त वर्ष 2025-26 के लिए केंद्रीय बजट पेश करने जा रही हैं। कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को वित्त मंत्री से 8वें वेतन आयोग गठन का उम्मीद है।
बजट से 8वें वेतन आयोग के गठन को लेकर उम्मीदें
Budget 2025 Expectations: वित्त वर्ष 2025-26 के लिए केंद्रीय बजट के करीब आने के साथ ही केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को उम्मीद है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 8वें वेतन आयोग की स्थापना की उनकी मांग पर गौर करेंगी। यह मांग ट्रेड यूनियन प्रतिनिधियों के साथ बजट-पूर्व बैठक में उठाई गई, समय पर आयोग के गठन की मांग कर रहे हैं। बैठक में प्राइवेट और सरकारी क्षेत्रों के लाखों कर्मचारियों का प्रतिनिधित्व करने वाले नेताओं ने भाग लिया। जिसमें प्राथमिक ध्यान वेतन और पेंशन स्ट्रैक्टचर के लंबे समय से प्रतीक्षित संशोधन पर था।
वर्तमान में 2014 में स्थापित 7वां वेतन आयोग दिसंबर 2025 में समाप्त होने वाला है और कर्मचारी जनवरी 2026 से शुरू होने वाले समयबद्ध संशोधनों को सुनिश्चित करने के लिए 8वें वेतन आयोग की स्थापना की मांग कर रहे हैं। पिछले आयोग के बाद से एक दशक के लंबे अंतराल के बाद 7वें वेतन आयोग की सिफारिशें जनवरी 2016 में लागू की गईं। ट्रेड यूनियनों का तर्क है कि इस 10-वर्षीय चक्र को बनाए रखना महत्वपूर्ण है जो 1986 में चौथे वेतन आयोग के बाद से एक मिसाल है।
नए वेतन आयोग की मांग के अलावा यूनियनों ने बजट-पूर्व चर्चा में कई अन्य महत्वपूर्ण मुद्दे उठाए हैं। प्रमुख मांगों में से एक कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) योजना के तहत न्यूनतम पेंशन को बढ़ाकर 5000 रुपये प्रति माह करना है। उन्होंने सुपर-रिच पर उच्च टैक्स लगाने की भी मांग की है, साथ ही अनौपचारिक श्रमिकों के लिए सामाजिक सुरक्षा फंड के लिए 2% अतिरिक्त टैक्स लगाने का प्रस्ताव भी दिया है। ट्रेड यूनियनें इनकम टैक्स छूट सीमा को बढ़ाकर 10 लाख रुपये प्रति वर्ष करने और सरकारी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने पर भी जोर दे रही हैं।
यूनियनों ने सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयू) के निजीकरण और निगमीकरण पर चिंता व्यक्त की है और इन प्रक्रियाओं को रोकने का आह्वान किया है। इसके अतिरिक्त वे कृषि श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा लाभ देने और उनके लिए न्यूनतम वेतन की स्थापना की मांग करते हैं।
भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस) के पवन कुमार ने ईपीएस-95 योजना के तहत न्यूनतम पेंशन को 1,000 रुपये से बढ़ाकर 5,000 रुपये प्रति माह करने की आवश्यकता पर जोर दिया, जिसके बाद परिवर्तनीय महंगाई भत्ते (वीडीए) से संबंधित संशोधन किए जाएंगे। अन्य प्रमुख मांगों में पेंशन आय को करों से छूट देना और सरकारी कर्मचारियों की वेतन और पेंशन आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए 8वें वेतन आयोग का समय पर गठन सुनिश्चित करना शामिल है। जैसे-जैसे बजट नजदीक आ रहा है, ये मुद्दे देश भर के सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों की अपेक्षाओं के केंद्र में बने हुए हैं।
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रामानुज सिंह author
रामानुज सिंह अगस्त 2017 से Timesnowhindi.com के साथ करियर को आगे बढ़ा रहे हैं। यहां वे असिस्टेंट ...और देखें
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