Budget 2025: 'शेयरों पर खत्म हो STT, टैक्स का बोझ हो कम', बजट से पहले PHDCCI ने वित्त मंत्री के सामने रखी मांगें
Budget 2025 Expectations: पीएचडीसीसीआई के सबसे बड़े मुद्दों में से एक हाल ही में लिस्टेड शेयरों पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स (LTCG) टैक्स को 10% से बढ़ाकर 12.5% किया जाना है। PHDCCI ने तर्क दिया कि अब LTCG टैक्स अन्य एसेट्स के बराबर है, इसलिए सिक्योरिटीज ट्रांजेक्शन टैक्स (STT) को समाप्त कर दिया जाना चाहिए।
खत्म होना चाहिए STT
मुख्य बातें
- खत्म होना चाहिए STT
- टैक्स का बोझ भी हो कम
- PHDCCI ने रखी मांगें
Budget 2025 Expectations: केंद्रीय बजट 2025 लगभग एक महीने बाद पेश किया जाना है। उससे पहले ही पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (पीएचडीसीसीआई) ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के सामने अपनी मांगों की लिस्ट पेश कर दी है। ईटी की रिपोर्ट के अनुसार इंडस्ट्री बॉडी ने टैक्स स्ट्रक्चर में सुधार करने से लेकर MSME के लिए सहायता तक, आर्थिक विकास को गति देने के लिए अपनी अपेक्षाओं और सिफारिशों को रखा है। चैंबर को उम्मीद है कि बजट का साइज 2024-25 में 48.2 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 51 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो जाएगा। इसने टैक्सेशन और इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट में निवेश में बड़े सुधार करने की मांग की है।
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शेयर बाजार के लिए डिमांड
पीएचडीसीसीआई के सबसे बड़े मुद्दों में से एक हाल ही में लिस्टेड शेयरों पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स (LTCG) टैक्स को 10% से बढ़ाकर 12.5% किया जाना है। PHDCCI ने तर्क दिया कि अब LTCG टैक्स अन्य एसेट्स के बराबर है, इसलिए सिक्योरिटीज ट्रांजेक्शन टैक्स (STT) को समाप्त कर दिया जाना चाहिए।
निवेशकों पर बोझ होगा कम
PHDCCI का कहना है कि एसटीटी को खत्म करने से निवेशकों पर टैक्स का बोझ कम होगा और शेयर बाजार में अधिक भागीदारी को बढ़ावा मिलेगा, जिससे आर्थिक गतिविधि को बढ़ावा मिलेगा। पीएचडीसीसीआई ने ये भी सुझाव दिया कि व्यक्तियों और लिमिटेड लायबिलिटी पार्टनरशिप (एलएलपी) फर्मों के लिए टैक्स रेट को घटाकर 25% कर दिया जाए, क्योंकि इस कटौती से न केवल बिजनेसों और व्यक्तियों पर फाइनेंशियल बोझ कम होगा, बल्कि सभी क्षेत्रों में निवेश और आर्थिक गतिविधि को भी बढ़ावा मिलेगा।
बढ़ाया जाए कैपिटल एक्सपेंडिचर
खर्च के मोर्चे पर, PHDCCI ने कैपिटल एक्सपेंडिचर में पर्याप्त वृद्धि की आवश्यकता पर जोर दिया और 2025-26 में 13 लाख करोड़ रुपये से अधिक के आवंटन का सुझाव दिया, जो 2024-25 में 11.11 लाख करोड़ रुपये था। इसने कहा कि मांग को बढ़ाने, रोजगार पैदा करने और इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के लिए यह कदम जरूरी है।
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काशिद हुसैन author
काशिद हुसैन अप्रैल 2023 से Timesnowhindi.Com (टाइम्स नाउ नवभारत) के साथ काम कर रहे हैं। यहां पर व...और देखें
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