Budget 2024: हाउसिंग सेक्टर को चाहिए बूस्ट, होम लोन पर ब्याज छूट 2 से बढ़ाकर हो 3 लाख, GST भी घटे
Budget Expectations, Housing Sector: बजट से एक बड़ी उम्मीद यह है कि होम लोन की ब्याज दरों पर सब्सिडी में बढ़ोतरी की जाएगी। इस सीमा को बढ़ाकर रु 3 लाख कर दिया जाय। निर्माणाधीन प्रॉपर्टी के लिए जीएसटी (गुड्स एण्ड सर्विस टैक्स) में कटौती होगी।
बजट में होम लोन पर छूट की उम्मीद
Budget Expectations, Housing Sector:आगामी बजट में देश को कुछ विशेष सुधारों की उम्मीद है। अनुमान है कि रियल एस्टेट सेक्टर, खासतौर पर हाउसिंग सेक्टर पर इसका गहरा असर होगा। ऐसे में होम लोन की अहम भूमिका को देखते हुए आगामी बजट पर ढेरों उम्मीदें टिकी हैं। घर के खरीददार और डेवलपर्स यह देखने के लिए उत्सुक हैं कि सरकार मौजूदा चुनौतियों को हल करने के लिए कौनसे उपाय लेकर आती है, जो सेक्टर के विकास को गति प्रदान करेंगे। होम लोन को लेकर आगमी बजट से कुछ इस तरह की उम्मीदें हैं:
ब्याज दरों में छूट और कटौती
बजट से एक बड़ी उम्मीद यह है कि होम लोन की ब्याज दरों पर सब्सिडी में बढ़ोतरी की जाएगी। घर के खरीददारों के लिए ब्याज दर कम होने से सेक्टर में स्थिरता बढ़ेगी और आरबीआई द्वारा तय उतार-चढ़ाव वाली दरों के बावजूद मार्केट में खरीददारों का भरोसा बढ़ेगा। इसके अलावा, आयकर की धारा खंड 24-बी के तहत होमलोन की ब्याज दरों में कटौती बढ़ने का अनुमान है। वर्तमान में यह सीमा रु 2 लाख है, इस बात की संभावना है कि इस सीमा को बढ़ाकर रु 3 लाख कर दिया जाएगा। उम्मीद है कि इससे मध्यम वर्ग को राहत मिलेगी और हाउसिंग मार्केट को प्रोत्साहन मिलेगा।
प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए राशि बढ़ाना
प्रधानमंत्री आवास योजना को सभी के लिए किफ़ायती आवास उपलब्ध कराने हेतु मुख्य योजना माना जाता रहा है। हालांकि देरी एवं फंडिंग के मुद्दे इस योजना में रूकावट पैदा करते रहे हैं। उम्मीद है कि बजट 2024 में प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए तय राशि में बढ़ोतरी की जाएगी, इससे सुनिश्चित होगा कि सभी के किफायती आवास के प्रयोजन को पूरा किया जा सके। फंडिंग बढ़ाने से रिहायशी क्षेत्र के विकास को गति मिलेगी और समाज के आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्ग के लिए आवास सुविधाएं अधिक सुलभ होंगी।
GST दरों में कमी
एक बड़ी उम्मीद यह की जा रही है कि वर्तमान में निर्माणाधीन सम्पत्ति के लिए जीएसटी (गुड्स एण्ड सर्विस टैक्स) में कटौती होगी। वर्तमान में जीएसटी दरों की बात करें तो यह नॉन-अफॉर्डेबल हाउसिंग पर 5 फीसदी और अफॉर्डेबल हाउसिंग पर 1 फीसदी हैं ऐसे में उम्मीद है कि सरकार निर्माणाधीन सम्पत्ति की मांग बढ़ाने के लिए इन दरों में कटौती लेकर आएगी। निस्संदेह जीएसटी की दरों में कटौती करने से सभी के लिए आवास अधिक किफायती हो जाएगा और अधिक से अधिक खरीददार नई रिहायशी सम्पत्ति में निवेश के लिए प्रोत्साहित होंगे।
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स्थायी (सस्टेनेबल) एवं ग्रीन घरों के फायदे
हाल ही के वर्षों में पर्यावरण संरक्षण और स्थायी प्रथाओं को बढ़ावा देने पर फोकस बढ़ा है। परिणामस्वरूप डेवलपर्स भी ग्रीन बिल्डिंग एवं निर्माण की स्थायी प्रथाओं को प्राथमिकता दे रहे हैं। पर्यावरण स्थायित्व के बढ़ते महत्व को देखते हुए अनुमान है कि बजट 2024 इस पहलू को बढ़ावा देगा। ऐसे में उन डेवलपर्स को प्रोत्साहन दिया जा सकता है जो पर्यावरण के अनुकूल एवं स्थायी सामग्री का उपयोग करें, साथ ही हरित होम लोन पर कम ब्याज़ दरों का प्रावधान लाए जाने की उम्मीद भी है।
(लेखक-अतुल मोंगा, बेसिक होम लोन के सीईओ एवं सह-संस्थापक हैं )
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