Budget Preparation 2025: जमा बढ़ाने को फिक्स्ड डिपॉजिट पर टैक्स प्रोत्साहन, बॉन्ड इक्विटी को बढ़ावा देने का सुझाव
Union Budget 2025: वित्तीय संस्थानों, खासकर बैंकों ने बजट से पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को बचत और फिक्स्ड डिपॉजिट में आ रही कमी को रोकने के लिए सुझाव दिया।
बजट की तैयारी जारी
Union Budget 2025: वित्तीय संस्थानों, खासकर बैंकों ने बचत को बढ़ावा देने के लिए आगामी बजट में सावधि जमा के लिए प्रोत्साहन का सुझाव दिया है। हाल के दिनों में बचत में कमी के बीच बजट से पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ गुरुवार को हुई बैठक में यह सुझाव दिया गया। एडलवाइस म्यूचुअल फंड की प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) राधिका गुप्ता ने यहां मीडिया से कहा कि वित्त मंत्री के साथ बजट-पूर्व बैठक के दौरान पूंजी बाजार की दक्षता में सुधार और पूंजी बाजार समावेश को बढ़ाने के संबंध में भी सुझाव भी दिए गए। उन्होंने कहा कि लॉन्ग टर्म बचत यानी बॉन्ड और इक्विटी शेयर दोनों को प्रोत्साहन देने की भी सिफारिशें की गईं।
वित्त मंत्री सीतारमण ने बजट की तैयारियों के सिलसिले में वित्तीय और पूंजी बाजार से जुड़े प्रतिनिधियों के साथ बैठक की। यह इस कड़ी में सातवीं बैठक थी। बैठक में वित्त सचिव और दीपम (निवेश और लोक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग) सचिव, आर्थिक मामलों और वित्तीय सेवाओं के विभाग के सचिव और मुख्य आर्थिक सलाहकार शामिल हुए। वित्त वर्ष 2025-26 का बजट एक फरवरी को संसद में पेश किया जाना है।
गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के निकाय एफआईडीसी (वित्त उद्योग विकास परिषद) के निदेशक रमन अग्रवाल ने कहा कि एनबीएफसी क्षेत्र ने हरित वित्त और इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए पुनर्वित्त सुविधा की वकालत की है। उन्होंने कहा कि एनबीएफसी को प्रत्यक्ष रूप से पुनर्वित्त सुविधा प्रदान करने का मजबूत मामला बनता है। एमएसएमई, छोटे उधारकर्ताओं और इलेक्ट्रिक वाहन जैसी पर्यावरण-अनुकूल पहल के लिए एक विशिष्ट कोष सिडबी और नाबार्ड जैसे संगठनों को प्रदान किया जा सकता है। ये ठीक उसी तरह से काम करे जैसे कि आवास वित्त कंपनियों के मामले में राष्ट्रीय आवास बैंक कर रहा है।
पुनरुद्धार के संदर्भ में अग्रवाल ने कहा कि वित्तीय संपत्तियों का प्रतिभूतिकरण और पुनर्गठन तथा प्रतिभूति हित का प्रवर्तन (सरफेसी) अधिनियम में कुछ बदलाव की जरूरत है ताकि एनबीएफसी को इससे फायदा हो सके। उन्होंने कहा कि वर्तमान में सरफेसी अधिनियम के तहत सीमा 20 लाख रुपये है। इसे कम किया जा सकता है ताकि छोटे एनबीएफसी इसके दायरे में आ सके। अग्रवाल ने यह भी कहा कि सरकार गैर-व्यक्तिगत उधारकर्ताओं पर टीडीएस (स्रोत पर कर कटौती) हटाने पर विचार कर सकती है क्योंकि इस प्रावधान से कोई अतिरिक्त राजस्व उत्पन्न नहीं होता है।
सूत्रों के मुताबिक, बैंक प्रतिनिधियों ने दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ कर को सावधि जमा के साथ जोड़ने का सुझाव दिया ताकि जमा को प्रोत्साहित किया जा सके। सावधि जमा से प्राप्त रिटर्न पर आयकर लगाया जाता है। इससे लोग अपनी बचत को सावधि जमा में लगाने को लेकर हतोत्साहित होते हैं।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) पढ़ें हिंदी में और देखें छोटी बड़ी सभी न्यूज़ Times Now Navbharat Live TV पर। बिजनेस (Business News) अपडेट और चुनाव (Elections) की ताजा समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से।
रामानुज सिंह अगस्त 2017 से Timesnowhindi.com के साथ करियर को आगे बढ़ा रहे हैं। यहां वे असिस्टेंट एडिटर के तौर पर काम कर रहे हैं। वह बिजनेस टीम में ...और देखें
Sensex 2025: सेंसेक्स की टॉप 10 कंपनियों में आया भारी उलटफेर! HDFC बैंक और TCS को लगा बड़ा झटका!
Gold-Silver Price Today 5 January 2025: सोने-चांदी की कीमतों में धमाकेदार उछाल! क्या आपके लिए है ये सही समय?
Stock Market Outlook : शेयर बाजार में इस हफ्ते हो सकती है बड़ी उथल-पुथल, ये 5 फैक्टर बदल सकते हैं बाजार की दिशा!
RBI Gold Reserve: जमकर सोना खरीद रहा RBI, महंगाई-रुपए के लिए बहुत जरूरी, 1991 से जुड़ा ये वाकया भी अहम
NTPC Green Energy के शेयरों में आने वाला है तूफानी उछाल! 2025 में 1000 MW सोलर एनर्जी प्रोजेक्ट से मिलेगा बूस्ट?
© 2025 Bennett, Coleman & Company Limited