Budget 2024:मोदी सरकार ने क्यों बदल दी बजट की तारीख, पीछे थी ये वजह

Budget 2024: साल 2017 में तत्कालीन केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने घोषणा की । उन्होंने कहा कि केंद्रीय बजट अब फरवरी के आखिरी कामकाजी दिन पर पेश नहीं किया जाएगा ।

Arun Jaitely

2017 में बदली परंपरा2017 में बदली परंपरा

Budget 2024: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इस बार 1 फरवरी को साल 2024-25 के लिए अंतरिम बजट पेश करेंगी। लेकिन छह साल पहले तक हर साल बजट एक फरवरी नहीं बल्कि फरवरी के अंत में पेश किया जाता था। और उस परपंरा को साल 2017 में मोदी सरकार ने बदला। साल 2017 में तत्कालीन केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने घोषणा की । उन्होंने कहा कि केंद्रीय बजट अब फरवरी के आखिरी कामकाजी दिन पर पेश नहीं किया जाएगा ।जैसा कि ब्रिटिश समय में हुआ करता था। तारीख बदलने की वजह बाद में वित्त मंत्री ने विस्तार से समझाई थी।

क्यों बदली तारीख

ब्रिटिश काल की इस परंपरा को बदलने के पीछे एक खास वजह थी। चूंकि, बजट फरवरी की आखिरी तारीख को पेश किया जाता था, ऐसे में एक अप्रैल से शुरू होने वाले नए वित वर्ष के लिए तैयारियों के लिए पर्याप्त समय नहीं मिलता था। और कई बार आवंटित बजट राशि इस्तेमाल नहीं हो पाती थी। इस समस्या को हल करने के लिए तत्कालीन वित्त मंत्री जेटली ने बजट की तारीख बदलने का सुझाव दिया । और 2017 में केंद्रीय बजट फरवरी की शुरुआत में पेश किया गया। और उस वक्त से बजट एक फरवरी को पेश किया जा रहा है।

आम बजट से भी अलग हुआ रेलवे बजट

जेटली ने रेलवे के लिए अलग बजट पेश करने की परंपरा को बदला। साल 2017 में 92 साल पुरानी ब्रिटिश परंपरा को खत्म कर रेल बजट को केंद्रीय बजट में मिला दिया गया। पहले रेल बजट को अलग से केंद्रीय बजट के पहले पेश किया जाता था। ये परंपरा भी खत्म कर दी गई। और अब अलग से रेल बजट नहीं पेश किया जाता है।

यशवंत सिन्हा ने बदला था समय

इसी तरह अटल बिहारी बाजपेयी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार में वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने अहम बदलाव किया था। साल 1999 तक केंद्रीय बजट फरवरी के आखिरी दिन शाम 5 बजे पेश किया जाता था। यह भी ब्रिटिश दौर की परंपरा थी, जिसे आजादी के बाद भी 50 वर्षों तक नहीं बदला गया था। असल में भारत का बजट ब्रिटिश समय को ध्यान में रखकर पेश किया जाता था। क्योंकि जब भारत में शाम 5 बजते थे, उस वक्त ब्रिटेन में 11 बजता था। उसी आधार पर भारत में शाम 5 बजे बजट पेश करने की परंपरा थी। 1999 में तत्कालीन वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने सुझाव दिया कि केंद्रीय बजट सुबह 11 बजे पेश करना चाहिए परिवर्तन के पीछे विचार यह था कि इससे संख्याओं के बेहतर विश्लेषण के लिए पर्याप्त समय मिलेगा जिसके परिणामस्वरूप अधिक जानकारी से भरी बहस और चर्चा होगी।

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