Direct Tax Collection:मोदी सरकार के 10 साल में इनकम और कॉरपोरेट टैक्स 3 गुना बढ़ा, अब बजट पर नजर

Direct Tax Collection: सरकार कई वर्षों से कम दरों और कम छूट के साथ कर व्यवस्था को सरल बनाने की कोशिश कर रही है। 2019 में सरकार ने छूट छोड़ने वाले कॉरपोरेट घरानों के लिए टैक्स की कम दरों की पेशकश की। अप्रैल 2020 में लोगों के लिए इसी तरह की योजना शुरू की गई।

टैक्स कलेक्शन बढ़ा

Direct Tax Collection:प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अगुआई वाली एनडीए सरकार के 10 वर्षों के कार्यकाल में पर्सनल इनकम टैक्स तथा कॉरपोरेट टैक्स कलेक्शन बढ़कर 19 लाख करोड़ रुपये से अधिक होने की संभावना है। जो कि पिछले 10 साल में करीब 3 गुना बढ़ोतरी होगी। शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह वित्त वर्ष 2013-14 में 6.38 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर वित्त वर्ष 2022-23 में 16.61 लाख करोड़ रुपये हो गया। जबकि चालू वित्त वर्ष 2023-24 में शुद्ध प्रत्यक्ष करों ( पर्सनल इनकम टैक्स तथा कॉरपोरेट टैक्स ) से कलेक्शन अभी तक 20 प्रतिशत बढ़ा है। इसी गति से बढ़ने पर 31 मार्च 2024 को समाप्त हो रहे वित्त वर्ष में कलेक्शन करीब 19 लाख करोड़ रुपये होने की संभावना है। यह वित्त वर्ष 2023-24 के बजट में अनुमानित राशि 18.23 लाख करोड़ रुपये से अधिक है। इसी तरह वित्त वर्ष 2023-24 में अक्टूबर तक 7.41 करोड़ आईटीआर फाइल हुए हैं।

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कम टैक्स दर और सिंपल सिस्टम की कोशिश

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सरकार कई वर्षों से कम दरों और कम छूट के साथ कर व्यवस्था को सरल बनाने की कोशिश कर रही है। 2019 में सरकार ने छूट छोड़ने वाले कॉरपोरेट घरानों के लिए कर की कम दर की पेशकश की। अप्रैल 2020 में लोगों के लिए इसी तरह की योजना शुरू की गई। शार्दुल अमरचंद मंगलदास एंड कंपनी पार्टनर (प्रत्यक्ष कर) गौरी पुरी ने कहा कि कर लेनदेन के डिजिटलीकरण और अर्थव्यवस्था को औपचारिक बनाने पर निरंतर ध्यान देने से कर भुगतान की प्रवृत्ति बढ़ी है।पुरी ने कहा कि इससे सरकार को कर दरों को तर्कसंगत बनाने के कुछ अवसर मिलने की उम्मीद है। भारत में व्यापार सुगमता सुनिश्चित करने के लिए कर संधि आवेदन के बारे में निश्चितता महत्वपूर्ण होगी। 2024 में सरकार से उम्मीद रहेगी कि वह कर निश्चितता बढ़ाने के लिए प्रत्यक्ष कर प्रावधानों को सुव्यवस्थित करना जारी रखेगी।

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