Economic Survey 2024: हर साल 78 लाख से अधिक नौकरियां देने की जरूरत, बेरोजगारी दर में आई इतनी गिरावट
Economic Survey 2024: आर्थिक सर्वेक्षण 2023-24 के अनुसार, भारतीय इकोनॉमी को नॉन फॉर्म सेक्टर (गैर-कृषि क्षेत्र) में आने वाले 2030 तक हर साल 7.85 मिलियन (78.5 लाख) नौकरियां जोड़ने की आवश्यकता है। भारत में नौकरियों की मौजूदा स्थिति पर सर्वेक्षण में कहा गया है कि भारत ने अपने रोजगार लैंडस्केप में परिवर्तन देखा है।
Economic Survey 2024
Economic Survey 2024: आम बजट 2024 से पहले संसद में सोमवार को पेश आर्थिक सर्वेक्षण में रोजगार को लेकर कई महत्वपूर्ण आंकड़े सामने आए हैं। आर्थिक सर्वेक्षण 2023-24 के अनुसार, भारतीय इकोनॉमी को नॉन फॉर्म सेक्टर (गैर-कृषि क्षेत्र) में आने वाले 2030 तक हर साल 7.85 मिलियन (78.5 लाख) नौकरियां जोड़ने की आवश्यकता है। इसके अलावा, सर्वेक्षण से पता चला है कि युवा बेरोजगारी दर में गिरावट आई है। वित्त वर्ष 2017-18 में युवा बेरोजगारी दर 17.8 फीसदी थी, जो वित्त वर्ष 2022-23 में घटकर 10 फीसदी हो गई है। साथ ही वर्क फोर्स में युवाओं की भागीदारी में भी इजाफा हुआ है।
2022-23 के अनुमान के अनुसार, भारत का वर्कफोर्स लगभग 56.5 करोड़ था। रोजगार के डिस्ट्रिब्यूशन से पता चलता है कि 45 फीसदी से अधिक वर्कफोर्स कृषि में, 11.4 फीसदी मैन्युफैक्चरिंग, 28.9 फीसदी सर्विसेज और 13 फीसदी कंस्ट्रक्शन में लगा हुआ है।
श्रमिकों की रोजगार की स्थिति
सर्वेक्षण के अनुसार, श्रमिकों की रोजगार की स्थिति के संदर्भ में कुल वर्कफोर्स का 57.3 फीसदी स्व-रोजगार में लगा हुआ है और 18.3 फीसदी वर्कफोर्स घरेलू उद्यमों में बिना किसी सैलरी वाले श्रमिक के रूप में काम कर रहे हैं। कुल वर्कफोर्स में कैजुअल लेबर का हिस्सा 21.8 प्रतिशत है और नियमित वेतन/वेतनभोगी कर्मचारी कुल वर्कफोर्स का 20.9 फीसदी हैं। जेंडर के हिसाब से, महिलाएं स्व-रोजगार की ओर बढ़ रही हैं, जबकि पुरुष वर्कफोर्स का हिस्सा स्थिर रहा है।
भारत में नौकरियों की मौजूदा स्थिति पर सर्वेक्षण में कहा गया है कि भारत ने अपने रोजगार लैंडस्केप में परिवर्तन देखा है, जो पिछले दशक में आर्थिक विकास और सामाजिक विकास में योगदान देने वाले कई सकारात्मक रुझानों द्वारा चिह्नित है।
फैक्टरियों में नौकरी
वार्षिक उद्योग सर्वेक्षण में लगभग 2.0 लाख भारतीय फैक्टरियों में काम करने वाले श्रमिकों का डेटा है। 2013-14 और 2021-22 के बीच फैक्टिरियों में काम करने वाली नौकरियों की कुल संख्या में सालाना 3.6 फीसदी की वृद्धि हुई। कुछ हद तक संतोषजनक बात यह है कि 100 से अधिक कर्मचारियों को रोजगार देने वाली फैक्ट्रियां में छोटी फैक्ट्रियों (जिनमें सौ से कम कर्मचारी हैं) की तुलना में 4.0 फीसदी अधिक तेजी से बढ़ीं। बाद वाली फैक्ट्रियों में वार्षिक वृद्धि दर 1.2 फीसदी थी।
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रोहित ओझा Timesnowhindi.com में बतौर सीनियर कॉरस्पॉडेंट सितंबर 2023 से काम कर रहे हैं। यहां पर वो बिजेनस और यूटिलिटी की खबरों पर काम करते हैं। मी...और देखें
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