Budget 2024: बैंकिंग सेक्टर में सुधार के लिए बजट सत्र में कानून में संशोधन का प्रस्ताव ला सकती है सरकार, ऐसे मिलेगी मदद
Budget 2024: संसद का बजट सत्र 22 जुलाई से शुरू होने वाला है। इस दौरान 23 जुलाई को बजट पेश किया जाएगा और 12 अगस्त को वित्त विधेयक पारित होने के साथ ही बजट अधिवेशन समाप्त हो जाएगा। सरकार ने इन बैंकिंग कानूनों में संशोधन को 2021 में शीतकालीन सत्र के दौरान उठाए जाने के लिए भी सूचीबद्ध किया था, लेकिन उस समय ये विधेयक पेश नहीं किए जा सके थे।
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निजीकरण।
Budget 2024: सरकार आगामी बजट सत्र के दौरान बैंक क्षेत्र में सुधारों को आगे बढ़ाने के लिए बैंकिंग नियमन अधिनियम, 1949 और कुछ अन्य कानूनों में संशोधन का प्रस्ताव ला सकती है। सूत्रों ने बजट सत्र में लाए जाने वाले प्रस्तावों का जिक्र करते हुए कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निजीकरण के लिए बैंकिंग कंपनी (उपक्रमों का अधिग्रहण एवं हस्तांतरण) अधिनियम, 1970 और बैंकिंग कंपनी (उपक्रमों का अधिग्रहण एवं हस्तांतरण) अधिनियम, 1980 में संशोधन की भी जरूरत है।
सार्वजनिक बैंकों के निजीकरण वाले कानून
सूत्रों के मुताबिक, इन दोनों अधिनियमों की वजह से दो चरणों में बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया गया था लेकिन अब सार्वजनिक बैंकों के निजीकरण के लिए इन कानूनों के प्रावधानों में बदलाव करने होंगे। सूत्रों ने बताया कि संसद से इन संशोधनों को मंजूरी मिल जाने के बाद सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में सरकार की हिस्सेदारी 51 प्रतिशत से नीचे लाने, बैंकिंग कामकाज को सुधारने और निवेशकों की सुरक्षा बढ़ाने में मदद मिलेगी।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2021-22 का बजट पेश करते हुए सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) के निजीकरण की घोषणा की थी। उन्होंने कहा था, "आईडीबीआई बैंक के अलावा, हम 2021-22 में दो पीएसबी और एक साधारण बीमा कंपनी का निजीकरण करने का प्रस्ताव रखते हैं।"
साधारण बीमा कंपनी का निजीकरण
साधारण बीमा कंपनी का निजीकरण सुनिश्चित करने के लिए, सरकार को अगस्त 2021 में समाप्त हुए मानसून सत्र में साधारण बीमा व्यवसाय (राष्ट्रीयकरण) संशोधन विधेयक, 2021 के लिए संसद से मंजूरी मिल चुकी है। सरकार ने अप्रैल, 2020 में सार्वजनिक क्षेत्र के 10 बैंकों का विलय कर चार बैंक बनाए थे। इसके साथ पीएसबी की कुल संख्या मार्च 2017 के 27 से घटकर 12 हो गई।
बैंकों की विलय योजना
बैंकों की विलय योजना के तहत यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया और ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स का पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) में विलय कर दिया गया। इसके बाद पीएनबी देश का दूसरा बड़ा पीएसबी बन गया। वहीं सिंडिकेट बैंक का विलय केनरा बैंक में कर दिया गया, जबकि इलाहाबाद बैंक को इंडियन बैंक में मिला दिया गया। आंध्रा बैंक और कॉरपोरेशन बैंक का यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में विलय कर दिया गया।
इससे पहले, तीनतरफा विलय में बैंक ऑफ बड़ौदा ने 2019 में विजया बैंक और देना बैंक का खुद में विलय किया था।
इसके अलावा एसबीआई ने अपने पांच सहयोगी बैंकों- स्टेट बैंक ऑफ पटियाला, स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एंड जयपुर, स्टेट बैंक ऑफ मैसूर, स्टेट बैंक ऑफ त्रावणकोर और स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद के अलावा भारतीय महिला बैंक का भी विलय किया था।
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