Budget 2024: 80C में कितनी मिलती है इनकम टैक्स छूट, क्या नई टैक्स रिजीम में भी फायदा, बजट से पहले जानें सब कुछ

Income Tax 80C Deduction: देश के सैलरीक्लास टैक्सपेयर्स को बजट से उम्मीद है कि सरकार इनकम टैक्स की धारा 80C के तहत मिलने वाली छूट की लिमिट में इजाफा करेगी। जीवन-यापन की बढ़ती लागत और रिटेल महंगाई दर को देखते हुए टैक्सपेयर्स के बीच इस लिमिट में बढ़ोतरी उम्मीद लंबे समय से की जा रही है।

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Income Tax 80C Deduction: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 23 जुलाई को आम बजट 2024 संसद के पटल पर पेश करेंगी। देश के हर एक वर्ग को बजट से खास उम्मीदें हैं, लेकिन अगर कोई सबसे अधिक उम्मीद लगाए बैठा है, तो वो हैं देश के टैक्सपेयर्स। देश के सैलरीक्लास टैक्सपेयर्स को बजट से उम्मीद है कि सरकार इनकम टैक्स की धारा 80C के तहत मिलने वाली छूट की लिमिट में इजाफा करेगी। इनकम टैक्स एक्ट 1961 की बदौलत इन्वेस्टमेंट इंस्ट्रूमेंट केल जरिए टैक्स बचा सकते हैं। हर वित्तीय वर्ष में टैक्सपेयर्स इनकम टैक्स की धारा 80C के तहत डिडक्शन का लाभ उठाकर 1.5 लाख रुपये अपनी टैक्सबेल इनकन से बचा सकते हैं।

पुरानी टैक्स व्यवस्था में उपलब्ध

80C डिडक्शन इंडिविजुअल और हिंदू अविभाजित परिवारों (HUF) के लिए उपलब्ध है। टैक्सपेयर्स धारा 80C के तहत अपनी कुल आय से अधिकतम 1.5 लाख रुपये तक के डिडक्शन के लिए क्लेम कर सकते हैं। बता दें कि 80C डिडक्शन का लाभ सिर्फ ओल्ड टैक्स रीजिम को चुनने वाले टैक्सपेयर्स ही उठा सकते हैं। नई टैक्स रीजिम में 80C के तहत डिडक्शन की सुविधा उपलब्ध नहीं है।

कैसे उठा सकते हैं डिडक्शन का लाभ

इनकम टैक्स एक्ट 1961 की धारा 80C के तहत टैक्सपेयर्स अलग-अलग सेविंग और निवेश पर कटौती का लाभ उठा सकते हैं। इनमें एलआईसी, पीपीएफ, आरपीएफ/सुपरएनुएशन फंड में कर्मचारियों के कंट्रब्यूशन पर कटौती का लाभ उठाया जा सकता है। धारा 80सी के तहत अधिकतम कटौती लिमिट 1,50,000 रुपये प्रति वर्ष है। यह कटौती 5 साल की फिक्स्ड डिपॉजिट, इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम (ELSS), होम लोन के प्रिंसिपल पेमेंट के भुगतान, जीवन बीमा, सुकन्या समृद्धि योजना, भविष्य निधि योगदान और अन्य जैसे कई योग्य निवेशों को कवर करती है।

लिमिट 3 लाख करने की मांग

जीवन-यापन की बढ़ती लागत और रिटेल महंगाई दर को देखते हुए टैक्सपेयर्स के बीच इस लिमिट में बढ़ोतरी उम्मीद लंबे समय से की जा रही है। मौजूदा महंगाई दर के साथ तालमेल बिठाने के लिए, कई लोग तर्क देते हैं कि धारा 80C के लिए व्यावहारिक लिमिट को बढ़ाकर 3 लाख रुपये कर दिया जाना चाहिए। तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली के कार्यकाल के दौरान 2014 में लिमिट बढ़ाई गई थी। इसके बाद से 80C की लिमिट में कोई और संशोधन नहीं किया गया है।

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Rohit Ojha author

रोहित ओझा Timesnowhindi.com में बतौर सीनियर कॉरस्पॉडेंट सितंबर 2023 से काम कर रहे हैं। यहां पर वो बिजेनस और यूटिलिटी की खबरों पर काम करते हैं। मी...और देखें

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