Budget 2025: हेल्थ इंश्योरेंस सस्ता होगा? जानिए सरकार क्या बदलाव कर सकती है!
Insurance Budget 2025, GST on Insurance: बीमा कंपनियां बजट 2025 में जीएसटी दर में कटौती, टैक्स छूट बढ़ाने और एफडीआई सुधारों की उम्मीद कर रही हैं। एक्सपर्ट्स का मानना है कि इन बदलावों से बीमा सेक्टर को मजबूती मिलेगी, नए निवेशक आकर्षित होंगे और आम लोगों के लिए बीमा अधिक सुलभ होगा।
बजट 2025: बीमा सेक्टर की बड़ी मांग – कम जीएसटी, ज्यादा टैक्स छूट और एफडीआई सुधार
मुख्य बातें
- बीमा प्रीमियम पर 18% जीएसटी कम करने की मांग
- आयकर अधिनियम की धारा 80D के तहत टैक्स छूट सीमा ₹50,000 का सुझाव
- बीमा क्षेत्र में एफडीआई 100% करने से कंपनियों को अधिक फंडिंग मिलेगी
Insurance Budget 2025, GST on Insurance: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी 2025 को केंद्रीय बजट 2025-26 पेश करेंगी, जिसे लेकर बीमा क्षेत्र (Insurance Sector) की बड़ी उम्मीदें जुड़ी हैं। बीमा कंपनियां चाहती हैं कि सरकार बीमा प्रीमियम पर जीएसटी घटाए, टैक्स छूट बढ़ाए और एफडीआई लिमिट में सुधार करे।
जीएसटी कटौती से बीमा होगा सस्ता
वर्तमान में बीमा प्रीमियम पर 18% जीएसटी लगता है, जो आम लोगों के लिए इंश्योरेंस खरीदना महंगा बना देता है। एक्सिस सिक्योरिटीज के विशेषज्ञों ने सुझाव दिया है कि हेल्थ और टर्म इंश्योरेंस को अधिक किफायती बनाने के लिए जीएसटी दरों में कटौती की जाए। अगर जीएसटी कम होता है, तो अधिक लोग बीमा पॉलिसी खरीदने के लिए प्रेरित होंगे।
80D के तहत टैक्स छूट बढ़ाने की मांग
आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 80D के तहत, लोग हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर टैक्स डिडक्शन का दावा कर सकते हैं। एक्सपर्ट्स ने सुझाव दिया है कि सभी करदाताओं के लिए इस सीमा को ₹50,000 और वरिष्ठ नागरिकों के लिए ₹1 लाख किया जाए। वर्तमान नई टैक्स व्यवस्था (New Tax Regime) में कोई टैक्स छूट नहीं मिलती, लेकिन विशेषज्ञों का सुझाव है कि कम से कम हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर छूट दी जाए।
एफडीआई में बढ़ोतरी से बीमा सेक्टर को फायदा
सरकार बीमा अधिनियम, 1938 (Insurance Act, 1938) में संशोधन करके एफडीआई (FDI) की सीमा 75% से बढ़ाकर 100% करने की योजना बना रही थी। संयुक्त लाइसेंस (Composite License) प्रणाली लागू करने का भी प्रस्ताव था, जिससे बीमा कंपनियां एक ही लाइसेंस के तहत जीवन, सामान्य और स्वास्थ्य बीमा उत्पादों की पेशकश कर सकें। उद्योग जगत ने इस बिल के संसद के शीतकालीन सत्र में आने की उम्मीद की थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। अब बीमा कंपनियां बजट 2025 में इस पर बड़ी घोषणा की उम्मीद कर रही हैं। मूडीज रेटिंग्स (Moody's Ratings) का कहना है कि एफडीआई लिमिट बढ़ाने से बीमा कंपनियों को अधिक पूंजी मिलेगी, वित्तीय स्थिति मजबूत होगी और नए आईपीओ (IPO) लाने की संभावना बढ़ेगी।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी 2025 को केंद्रीय बजट 2025-26 पेश करेंगी, जिसे लेकर बीमा क्षेत्र (Insurance Sector) की बड़ी उम्मीदें जुड़ी हैं। बीमा कंपनियां चाहती हैं कि सरकार बीमा प्रीमियम पर जीएसटी घटाए, टैक्स छूट बढ़ाए और एफडीआई लिमिट में सुधार करे।
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आशीष कुशवाहा author
आशीष कुमार कुशवाहा Timesnowhindi.com में बतौर सीनियर कॉपी एडिटर काम कर रहे हैं। वह 2023 से Timesn...और देखें
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