Share Buyback Rule:एक अक्टूबर से लागू होगा शेयरों के बॉयबैक का नियम, माना जाएगा डिविडेंड, देना होगा ज्यादा टैक्स
Share Buyback: बॉयबैक पर लाभांश के रूप में कर लगाने से निवेशकों पर टैक्स का बोझ बढ़ सकता है। अभी तक इसपर 20 प्रतिशत टैक्स लगता है। अब इसका इस्तेमाल केवल वहीं कंपनियां करेंगी, जहां उन्हें वास्तव में पूंजी में कमी की जरूरत महसूस होगी, न कि मुनाफे के वितरण के लिए ऐसा करेंगी।
शेयर बॉयबैक
Share Buyback:शेयर बॉयबैक ( Share Buyback) पर नया टैक्स सिस्टम एक अक्टूबर से लागू होगा। यानी एक अक्टूबर से अगर कोई निवेशक शेयर बॉयबैक का फायदा लेता है तो उसे डिविडेंड माना जाएगा। और उस आधार पर टैक्स लगेगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस संबंध में कहा है कि एक अक्टूबर से शेयरों की पुनर्खरीद पर शेयरधारकों को मिलने वाले लाभांश के समान कर लगाया जाएगा।इसके अलावा, इन शेयरों को हासिल करने के लिए शेयरधारक जिस राशि का भुगतान करेंगे, उसे उनके पूंजीगत लाभ या हानि की गणना में जोड़ा जाएगा।
वित्त मंत्री ने बजट में क्या किया ऐलान
सीतारमण ने अपने बजट भाषण में कहा इक्विटी के लिए मैं प्राप्तकर्ता के हाथों में शेयरों की पुनर्खरीद यानी बॉयबैक से हुई आय पर कर लगाने का प्रस्ताव करती हूं। इसके तहत कंपनियों के शेयरों की पुनर्खरीद से होने वाली आय को प्राप्तकर्ता निवेशक को मिले लाभांश के रूप में माना जाएगा। वर्तमान व्यवस्था के तहत इसे कंपनियों को हुई अतिरिक्त आमदनी मानकर इस पर आयकर लगाया जाता है।विशेषज्ञों ने कहा कि सरकार के इस कदम से निवेशकों पर बोझ बढ़ सकता है। इसके अलावा पुनर्खरीद में कमी आ सकती है।
आम निवेशक पर बढ़ेगा टैक्स बोझ
कर और परामर्श फर्म एकेम ग्लोबल के कर भागीदार अमित माहेश्वरी ने कहा कि बॉयबैक पर लाभांश के रूप में कर लगाने से निवेशकों पर टैक्स का बोझ बढ़ सकता है। अभी तक इसपर 20 प्रतिशत टैक्स लगता है, लेकिन संशोधन के बाद उच्च कर दायरे वाले करदाताओं को अधिक कर देना होगा।उन्होंने कहा कि अब इसका इस्तेमाल केवल वहीं कंपनियां करेंगी, जहां उन्हें वास्तव में पूंजी में कमी की जरूरत महसूस होगी, न कि मुनाफे के वितरण के लिए।आनंद राठी शेयर्स एंड स्टॉक ब्रोकर्स के सीईओ (निवेश सेवाएं) रूप भूतरा ने कहा कि आगे चलकर पुनर्खरीद में कमी हो सकती है और कंपनियां इसके बजाय पूंजीगत व्यय के लिए अतिरिक्त पूंजी आवंटित करने का रास्ता चुन सकती हैं।
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