Budget Trivia: बजट प्रस्तुति टाइम शाम 5 बजे से सुबह 11 बजे कब और क्यों हुआ

Budget Trivia: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मोदी सरकार 3.0 का पहला बजट 23 जुलाई को पेश करने जा रही हैं। यह बजट सुबह 11 बजे पेश किया जाएगा। पहले बजट शाम 5 बजे पेश किया जाता था। जानिए बजट प्रस्तुति समय कब और क्यों बदला?

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बजट प्रस्तुति का समय क्यों बदला

Budget Trivia: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण वित्त वर्ष 2024-25 का पूर्ण बजट 23 जुलाई को पेश करने जा रही हैं। यह बजट नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार का तीसरे कार्यकाल के लिए फिर से चुने जाने के बाद पहला बजट है। कोई भी बजट में आगामी वित्तीय वर्ष के लिए देश की आर्थिक वृद्धि, विकास और राजकोषीय पॉलिसी के लिए सरकार के दृष्टिकोण को रेखांकित करता है। बजट लोकसभा में सुबह 11 बजे पेश किया जाता है हालांकि पहले बजट शाम 5 बजे पेश किया जाता है लेकिन अब सुबह 11 बजे पेश किया जाने लगा है।

बजट प्रस्तुति समय का इतिहास

भारत का आम बजट 1999 तक शाम 5 बजे पेश किया जाता था, यह अंग्रेज जमाने से चली आ रही परंपरा थी। बजट पेश करने का समय ब्रिटिश सरकार के लिए सुविधाजनक था, क्योंकि इससे ब्रिटेन और भारत में एक साथ घोषणाएं की जा सकती थीं। चूंकि भारत का समय ब्रिटेन से 5 घंटे 30 मिनट आगे है, इसलिए भारत में शाम 5 बजे का समय GMT के 11:30 बजे के अनुरूप था। जिससे ब्रिटिश सरकार के लिए बजट घोषणाओं का समन्वय करना आसान था।

क्यों बदला गया बजट प्रस्तुति का समय

आजादी मिलने के बाद भी भारत में शाम 5 बजे ही बजट पेश होता रहा। लेकिन 1999 में अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली सरकार के तहत तत्कालीन वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने बजट प्रस्तुति का समय बदलकर सुबह 11 बजे करने का फैसला किया। यह परिवर्तन दो महत्वपूर्ण कारणों से किया गया था। सबसे पहले, भारत अब ब्रिटिश उपनिवेश नहीं था, और इसलिए उसे लंदन के समय क्षेत्र का पालन करने की जरूरत नहीं थी। दूसरे वह सांसदों और अधिकारियों को बजट का अध्ययन करने और चर्चा करने के लिए अधिक समय देना चाहते थे। 27 फरवरी 1999 को यशवंत सिन्हा ने पहली बार सुबह 11 बजे केंद्रीय बजट पेश किया। यह नया समय एक स्थायी परिवर्तन बन गया और तब से सभी केंद्रीय बजट सुबह 11 बजे पेश किए गए हैं।

बजट पेश करने की तारीख भी बदली

पहले बजट फरवरी के आखिरी दिन पेश किया जाता था। हालांकि 2017 में तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इस परंपरा को तोड़ते हुए 1 फरवरी को बजट पेश करना शुरू कर दिया। यह बदलाव 1 अप्रैल को नए वित्तीय वर्ष की शुरुआत से नई बजटीय नीतियों के सुचारू क्रियान्वयन के लिए किया गया था। अतिरिक्त महीने ने सरकार को बजट योजनाओं को अमल में लाने के लिए अधिक व्यावहारिक समय प्रदान किया। सिर्फ बजट की तारीख ही नहीं, जेटली ने रेलवे के लिए अलग से बजट पेश करने की 92 साल पुरानी ब्रिटिश परंपरा को भी खत्म कर दिया उन्होंने 2017 में रेलवे बजट को केंद्रीय बजट के साथ मिला दिया।
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रामानुज सिंह author

रामानुज सिंह अगस्त 2017 से Timesnowhindi.com के साथ करियर को आगे बढ़ा रहे हैं। यहां वे असिस्टेंट एडिटर के तौर पर काम कर रहे हैं। वह बिजनेस टीम में ...और देखें

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