CII Survey: पहली तिमाही में बिजनेस कॉन्फिडेंस बढ़ा, जानिए क्या रहे कारण

CII's Business Confidence Index: सीआईआई के सर्वे में शामिल 180 कंपनियों में से 63 प्रतिशत का कहना है कि चालू वित्त वर्ष में भारत की GDP विकास दर छह से सात प्रतिशत रहेगी। हालांकि, यह पिछले वित्त वर्ष के 7.2 प्रतिशत के आंकड़े से कम है।

CII's Business Confidence Index

पहली तिमाही में बिजनेस कॉन्फिडेंस बढ़ा

मुख्य बातें
  • CII का कारोबारी विश्वास सूचकांक बढ़ा
  • कई पॉजिटिव कारणों से आई बढ़त
  • अप्रैल-जून तिमाही में बढ़कर 66.1 रहा

CII's Business Confidence Index: भारतीय उद्योग परिसंघ (Confederation of Indian Industry) सीआईआई (CII) का कारोबारी विश्वास सूचकांक (CII's Business Confidence Index) अप्रैल-जून तिमाही में इससे पिछली तिमाही की तुलना में बढ़कर 66.1 हो गया है। जनवरी-मार्च की तिमाही में यह 64 पर था। जीएसटी कलेक्शन, हवाई और रेल यात्रियों की संख्या जैसे डेटा में सुधार से सकारात्मक रुझान का पता चलता है।

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कितनी जीडीपी ग्रोथ की उम्मीद

सीआईआई के सर्वे में शामिल 180 कंपनियों में से 63 प्रतिशत का कहना है कि चालू वित्त वर्ष में भारत की GDP विकास दर छह से सात प्रतिशत रहेगी। हालांकि, यह पिछले वित्त वर्ष के 7.2 प्रतिशत के आंकड़े से कम है। वैश्विक स्तर पर अनिश्चितताओं का असर भारत की वृद्धि दर पर भी पड़ेगा।

ग्रोथ रफ्तार को कायम रखना जरूरी

सर्वे में कहा गया है वृद्धि की रफ्तार को कायम रखने के लिए जरूरी है कि केंद्रीय बैंक रेपो रेट (Repo Rate) में बदलाव न करे। सर्वे में शामिल 53 प्रतिशत कंपनियों को उम्मीद है कि चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में रिजर्व बैंक रेपो रेट में बदलाव नहीं करेगा। सर्वे में शामिल 65 प्रतिशत कंपनियों का कहना है कि चालू वित्त वर्ष में निजी निवेश की रफ्तार कायम रहेगी।

वैश्विक वृद्धि में सुस्ती रहने का अनुमान

सर्वे के मुताबिक 62 प्रतिशत प्रतिशत कंपनियों का मानना है कि वैश्विक वृद्धि सुस्त रहेगी। भू-राजनीतिक संकट चालू वित्त वर्ष में प्रमुख कारोबारी चिंता रहेगा। सीआईआई के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी के अनुसार चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में सीआईआई के कारोबारी विश्वास सूचकांक में जो सकारात्मक रुख दिखाई दिया है, वह उत्साहजनक है।

मांग में सुधार से कई क्षेत्रों में कैपेसिटी यूज बढ़ा है जिससे इस साल निजी निवेश को और रफ्तार मिलेगी।

प्राइवेट कंपनियों की भूमिका

सर्वे के अनुसार, रिजर्व बैंक द्वारा ब्याज दर में बढ़ोतरी को रोकने से इंडियन इंडस्ट्री के लिए कैपिटल कॉस्ट में कमी आने की उम्मीद है, जिससे नए निवेश को बढ़ावा मिलेगा और प्राइवेट कैपिटल एक्सपेंडिचर को बढ़ावा मिलेगा। सर्वे में शामिल आधी से ज्यादा यानी 52 प्रतिशत कंपनियों का मानना है कि अप्रैल-जून में क्षमता इस्तेमाल 75 से 100 प्रतिशत के बीच रहेगा। इससे पिछली तिमाही में यह 45 प्रतिशत था।

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काशिद हुसैन author

काशिद हुसैन अप्रैल 2023 से Timesnowhindi.Com (टाइम्स नाउ नवभारत) के साथ काम कर रहे हैं। यहां पर वे सीनियर कॉरेस्पोंडेंट हैं। टाइम्स नाउ नवभारत की ब...और देखें

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