Business Bulletin:थोक महंगाई 3 साल के निचले स्तर पर, HUL में बढ़े करोड़पति कर्मचारी, ये हैं आज की टॉप न्यूज
Business Bulletin: CEO फैक्ट्री के रुप में मशहूर एफएमसीजी कंपनी हिंदुस्तान यूनीलीवर लिमिटेड (HUL) के करोड़पति कर्मचारियों की संख्या में एक बार फिर इजाफा हुआ है। कंपनी में एक करोड़ से ज्यादा सालाना सैलरी लेने वाली कर्मचारियों की संख्या 25 फीसदी के करीब बढ़ गई है।
ये हैं आज की टॉप बिजनेस न्यूज
Business Bulletin:CEO फैक्ट्री के रुप में मशहूर एफएमसीजी कंपनी हिंदुस्तान यूनीलीवर लिमिटेड (HUL) के करोड़पति कर्मचारियों की संख्या में एक बार फिर इजाफा हआ है। दुनिया का सबसे बड़ा सर्च इंजन गूगल अपने कर्मचारियों को लेकर सख्त कदम उठाने के मूड में नजर आ रहा है। एशिया और भारत के सबसे अमीर शख्स मुकेश अंबानी अपनी ड्रीम सिटी बना रहे हैं। 2023 के दौरान 6,500 उच्च निवल मूल्य वाले व्यक्ति या हाई नेटवर्थ इंडिविजुअल (HNI) भारत छोड़ कर जा सकते हैं। ये हैं आज की टॉप बिजनेस न्यूज..
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के मुताबिक मई में थोक मुद्रास्फीति में गिरावट की मुख्य वजह खनिज तेल, बेसिक मेटल, फूड प्रोडक्ट, कपड़ा, नॉन-फूड आइटम, कच्चे पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस, रसायन और रसायन उत्पादों की कीमतों में कमी आना है।
इस कंपनी में करोड़पति कर्मचारियों की भरमार,एक साल में बढ़ गए 25 फीसदी, घर-घर यूज होते हैं प्रोडक्ट
CEO फैक्ट्री के रुप में मशहूर एफएमसीजी कंपनी हिंदुस्तान यूनीलीवर लिमिटेड (HUL) के करोड़पति कर्मचारियों की संख्या में एक बार फिर इजाफा है। कंपनी में एक करोड़ से ज्यादा सालाना सैलरी लेने वाली कर्मचारियों की संख्या 25 फीसदी के करीब बढ़ गई है। HUL भारत के उन कंपनियों में शामिल है जहां पर करोड़पति कर्मचारियों की संख्या सबसे ज्यादा है। वित्त वर्ष 2022-23 के अंत तक कंपनी में करोड़पति कर्मचारियों की संख्या 163 से बढ़कर 205 हो गई है। यानी बीते साल करोड़पति कर्मचारियों की संख्या में 42 का इजाफा हुआ है।
दुनिया का सबसे बड़ा सर्च इंजन गूगल अपने कर्मचारियों को लेकर सख्त कदम उठाने के मूड में नजर आ रहा है। रिटर्न-टू-मैनडेट को लेकर गूगल काफी गंभीर है और उसने अपने कर्मचारियों से कहा है कि उनके परफॉर्मेंस रिव्यू में बैज ट्रैकिंग और अटेंडेंस को भी शामिल किया जाएगा। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक गूगल ऐसे कर्मचारियों के खिलाफ एक्शन लेने का प्लान बना रहा है जो कंपनी के उस नियम का पालन नहीं कर रहे हैं, जिसमें कर्मचारियों को हफ्ते में 3 दिन ऑफिस आने के आदेश दिए गए हैं।
एशिया और भारत के सबसे अमीर शख्स मुकेश अंबानी अपनी ड्रीम सिटी बना रहे हैं। जिस तरह रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन अपने हर काम को बेहद भव्य और खास तरीके से अमलीजामा पहनाते हैं। उनकी यह ड्रीम सिटी भी उत्तर भारत की सबसे खास सिटी के रुप में विकसित की जा रही है। जिसमें रेजिडेंशियल घर के अलावा इंडस्ट्रियल टाउन भी होंगे। कंपनी ने इसे मॉडल इकोनॉमिक टाउनशिप नाम दिया है। यह ड्रीम सिटी हरियाणा के झज्जर में डेवलप की जा रही है। जो कि गुरूग्राम के नजदीक हैं। ड्रीम सिटी में विश्व स्तरीय इंफ्रास्ट्रक्चर देने की तैयारी हैं।
देश की प्रमुख आईटी कंपनियों में से एक विप्रो (Wipro) के एचआर सौरभ गोविल (Saurabh Govil) ने कंपनी के आगे के प्लान्स को लेकर कुछ अहम बातों का खुलासा किया है। इनमें कंपनी अपने कर्मचारियों से क्या उम्मीद करती है और नए लोगों के लिए उसके क्या प्लान्स हैं, ये सब शामिल है। इनमें नये कर्मचारियों के लिए एक बुरी खबर भी है। दरअसल आईटी कंपनी नए लोगों को बहुत अधिक वेतन वृद्धि (Salary Hike) के साथ काम पर नहीं रखेगी। साथ ही जो नए कर्मचारी अपने स्किल में सुधार करेंगे, वे प्रीमियम सैलरी प्राप्त करने के हकदार होंगे।
2023 के दौरान 6,500 उच्च निवल मूल्य वाले व्यक्ति या हाई नेटवर्थ इंडिविजुअल (HNI) भारत छोड़ कर जा सकते हैं। हालांकि ये पिछले साल के 7,500 करोड़पतियों के देश छोड़ने से थोड़ा कम आंकड़ा होगा। अमीर लोगों के अपना देश छोड़ने के मामले में चीन पहले नंबर पर है। चीन के बाद भारत का ही नंबर आता है। चालू वर्ष के दौरान, चीन से 13,500 करोड़पति देश छोड़ कर जा सकते हैं, जबकि 2022 में 10,800 चाइनीज करोड़पतियों ने अपना देश छोड़ा था। इस मामले में ब्रिटेन तीसरे स्थान पर है।
तूफानों से लग चुकी है 1.40 लाख करोड़ की चपत, बिपारजॉय दे सकता है महंगाई से लेकर ये झटके
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के मुताबिक चक्रवात 'बिपारजॉय' (Cyclone Biparjoy) काफी नुकसान कर सकता है। बिपारजॉय के गुजरात के कच्छ, देवभूमि द्वारका और जामनगर जिलों को सबसे अधिक प्रभावित करने की संभावना है। इस चक्रवात से इन जिलों में बहुत अधिक बारिश हो सकती है। बिपारजॉय के चलते बहुत अधिक वित्तीय नुकसान होने की भी संभावना है।जब भी कोई तूफान आता है तो उसकी तैयारी पर राज्य और केंद्र सरकारों हजारों करोड़ रु खर्च करती हैं। इस तरह की कोई भी प्राकृतिक आपदा सरकारी खजाने को काफी नुकसान पहुंचाती है। राहत एवं बचाव कार्यों पर सरकार को बहुत पैसा खर्च करना पड़ता है। साथ ही कारोबारियों को भी कई तरह से नुकसान होता है।
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