Byju's: सुप्रीम कोर्ट पहुंचे बायजू के रवींद्रन, अमेरिकी कंपनी के खिलाफ दायर किया कैविएट

Byju's Raveendran: ग्लास ट्रस्ट ने यह आरोप लगाया था कि भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) के साथ 158.9 करोड़ रुपये के बकाया भुगतान का पैसा गलत तरीके से जुटाया गया था। और यह ‘राउंड-ट्रिपिंग’ का मामला था।

बायजू।

Byju's Raveendran:बायजू रवींद्रन ने दिवाला अपीलीय न्यायाधिकरण ‘एनसीएलएटी’ द्वारा पारित आदेश के विरोध में अमेरिकी कर्जदाता ग्लास ट्रस्ट कंपनी एलएलसी के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में ‘कैविएट’ दायर किया है।यह ‘कैविएट’ तीन अगस्त को सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष दायर किया गया।राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय अधिकरण (NCLAT) ने शिक्षा प्रौद्योगिकी मंच बायजू का संचालन करने वाली थिंक एंड लर्न के खिलाफ दिवाला कार्यवाही को दो अगस्त को खारिज करते हुए उसके निदेशक मंडल को बहाल करने का आदेश पारित किया था। ग्लास ट्रस्ट ने भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) के साथ 158.9 करोड़ रुपये के बकाया भुगतान का विरोध करते हुए आरोप लगाया था कि रिजु रवींद्रन (बायजू रवींद्रन के भाई) द्वारा भुगतान किया गया पैसा गलत तरीके से जुटाया गया और यह ‘राउंड-ट्रिपिंग’ का मामला था।

क्या है मांग

अमेरिकी ऋणदाता के एनसीएलएटी के आदेश को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती देने की आशंका के बीच बायजू रवींद्रन ने ‘कैविएट’ दायर किया। इसमें अनुरोध किया गया है कि अमेरिकी ऋणदाताओं द्वारा दायर याचिका पर न्यायालय द्वारा कोई भी आदेश पारित करने से पहले उसका पक्ष भी सुना जाए।‘कैविएट’ आवेदन किसी वादी द्वारा यह सुनिश्चित करने के लिए दायर किया जाता है कि उसका पक्ष सुने बिना उसके विरुद्ध कोई आदेश पारित न किया जाए।

क्या है मामला

एनसीएलएटी ने अपने फैसले में कहा था कि लेनदारों की समिति (सीओसी) के गठन से पहले ही दोनों पक्षों के बीच समझौता हो गया था। साथ ही भुगतान का स्रोत ‘‘विवादित नहीं है’’ और न ही विदेशी धन से संबंधित है, जैसा कि अमेरिकी लेनदारों ने आरोप लगाया है। एनसीएलएटी की दो-सदस्यीय चेन्नई पीठ ने अपने आदेश में कहा था कि दाखिल हलफनामे को ध्यान में रखते हुए पक्षों के बीच समझौता स्वीकृत किया जाता है। इसके साथ ही एनसीएलटी द्वारा पारित आदेश को रद्द किया जाता है।हालांकि, अपीलीय न्यायाधिकरण ने आगाह किया कि भुगतान करने में कोई भी विफलता बायजू के खिलाफ दिवाला कार्यवाही को दोबारा शुरू कर देगी।

End Of Feed