अर्थव्यवस्था की वृद्धि को बनाए रखना है, तो पूंजी निर्माण जरूरी, ET NOW Leadership Dialogues 2024 में बोले SBI चेयरमैन दिनेश कुमार खारा

ET NOW Leadership Dialogues 2024: भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के चेयरमैन दिनेश कुमार खारा ने ईटी नाउ की 15वीं वर्षगांठ पर ईटी नाउ लीडरशिप डायलॉग्स 2024 को संबोधित करते हुए कहा कि अर्थव्यवस्था की वृद्धि को बनाए रखना है, तो पूंजी निर्माण को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है।

ईटी नाउ लीडरशिप डायलॉग्स 2024 में SBI चेयरमैन दिनेश कुमार खारा

ET NOW Leadership Dialogues 2024: ईटी नाउ की 15वीं वर्षगांठ पर ईटी नाउ लीडरशिप डायलॉग्स 2024 को संबोधित करते हुए भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के चेयरमैन दिनेश कुमार खारा ने कहा कि अगर हमें अर्थव्यवस्था की वृद्धि को बनाए रखना है, तो पूंजी निर्माण को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि यह आर्थिक वृद्धि के मामले में सबसे बेहतरीन वर्षों में से एक होने जा रहा है। उम्मीद है कि मैक्रो ग्रोथ 7.5-8% रहेगी।

पूंजी बाजार की ओर जाने वाले पैसे से पूंजी निर्माण हो

SBI चेयरमैन खारा ने कहा कि पूंजी बाजार की ओर जाने वाले पैसे से पूंजी निर्माण होना चाहिए। जब बैंकिंग सिस्टम के पास रहने वाले पैसे की बात आती है तो वह पूंजी निर्माण के लिए जाता है। खारा ने कहा कि सरकारी खर्च लिक्विडिटी में एक प्रमुख योगदानकर्ता है। लिक्विडिटी का दूसरा स्रोत आरबीआई हो सकता है, जो सिस्टम में पर्याप्त लिक्विडिटी सुनिश्चित करेगा। विकासशील से विकसित स्थिति में जाने वाले देश के लिए अधिक लिक्विडिटी सही नहीं है। SBI चेयरमैन ने कहा कि निकट भविष्य में ROA को 1.1% तक ले जाने का लक्ष्य है। एसबीआई का फेयर वैल्यू अभी भी लोन बुक की गुणवत्ता, तकनीक में निवेश को देखते हुए कम आंका गया है।

ईटी नाउ की 15वीं वर्षगांठ पर ईटी नाउ लीडरशिप डायलॉग्स 2024

ईटी नाउ अपनी 15वीं वर्षगांठ पर 'ईटी नाउ लीडरशिप डायलॉग्स 2024' का आयोजन किया, जो एक अनूठी पहल है। जिसमें इंडस्ट्री, पॉलिसी चैंपियन और इकोनोमिक एक्सपर्ट्स की अग्रणी आवाजों को एक साथ लाया गया है ताकि भारत के लिए आगे की राह पर विचार-विमर्श और रूपरेखा तैयार की जा सके। 'India@2030' की थीम के साथ, शिखर सम्मेलन में प्रमुख स्टेकहोल्डर्स ने 'India@2030' के लिए अपने दृष्टिकोण को स्पष्ट किया। इसमें भारत को एक मजबूत और टिकाऊ भविष्य की ओर ले जाने के लिए इकोनॉमिक पॉलिसी, फाइनेंशियल रेगुलेशन और जरूरी रणनीतिक पहल के महत्वपूर्ण पहलुओं को शामिल किया।
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