Cash Challenges: बैंक जमा की तुलना में लोन बढ़ोतरी अधिक होने से नकदी की चुनौतियां संभव

Cash Challenges: सर्वेक्षण के निष्कर्ष बताते हैं कि बुनियादी ढांचा, धातु, लोहा और इस्पात जैसे क्षेत्रों के लिए दीर्घकालिक ऋण मांग में निरंतर वृद्धि हुई है। इसके पीछे बुनियादी ढांचे क्षेत्र पर सरकार के पूंजीगत व्यय को बढ़ावा देना एक कारण हो सकता है। रिपोर्ट के अनुसार, बैंकों और वित्तीय प्रौद्योगिकी कंपनियों के बीच साझेदारी में नवाचार को बढ़ावा देने, सेवा वितरण में सुधार करने और वित्तीय समावेशन को बढ़ाने की अपार संभावनाएं हैं।

Large Cash Transactions

Large Cash Transactions

Cash Challenges: बैंकों की तरफ से दिए जाने वाले ऋण की वृद्धि दर जमा वृद्धि से अधिक होने से बैंकिंग प्रणाली के समक्ष आने वाले समय में नकदी की चुनौतियां पैदा हो सकती हैं। एक रिपोर्ट में यह आशंका जताई गई है। उद्योग मंडल फिक्की और भारतीय बैंक संघ (आईबीए) की एक संयुक्त रिपोर्ट कहती है कि ऋण वृद्धि के साथ तालमेल बनाए रखने के लिए जमा को बढ़ाना और ऋण लागत को कम रखना बैंकों के एजेंडा में सबसे ऊपर है। रिपोर्ट के मुताबिक, सर्वेक्षण के मौजूदा दौर में 67 प्रतिशत उत्तरदाता बैंकों ने कुल जमा में चालू खाता और बचत खाता (कासा) जमा की हिस्सेदारी कम होने की बात कही है।

उच्च और आकर्षक दरों के कारण सावधि जमा में तेजी

रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘प्रतिभागी बैंकों से मिली जानकारी के मुताबिक, पिछले कुछ महीनों में उच्च और आकर्षक दरों के कारण सावधि जमा में तेजी आई है। भाग लेने वाले सार्वजनिक क्षेत्र के 80 प्रतिशत बैंकों ने 2024 की पहली छमाही के दौरान बचत खाते एवं चालू खाते में जमा की हिस्सेदारी घटने की सूचना दी। निजी क्षेत्र के भी आधे से अधिक बैंकों ने कासा जमा कम होने की सूचना दी।" इस सर्वेक्षण का 19वां दौर जनवरी से जून, 2024 के दौरान चला।

निजी क्षेत्र और विदेशी बैंकों सहित कुल 22 बैंकों ने भाग लिया

सर्वेक्षण में सार्वजनिक क्षेत्र, निजी क्षेत्र और विदेशी बैंकों सहित कुल 22 बैंकों ने भाग लिया। इनकी कुल बैंकिंग उद्योग में करीब 67 प्रतिशत हिस्सेदारी है। रिपोर्ट के मुताबिक, 71 प्रतिशत बैंकों ने पिछले छह महीनों में गैर-निष्पादित आस्तियों (एनपीए) के स्तर में कमी की सूचना दी है। सार्वजनिक क्षेत्र के 90 प्रतिशत बैंकों का एनपीए इस अवधि में घटा है जबकि निजी क्षेत्र के बैंकों में से 67 प्रतिशत ने कमी का हवाला दिया है।
भाषा इनपुट के साथ
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आशीष कुशवाहा author

आशीष कुमार कुशवाहा Timesnowhindi.com में बतौर सीनियर कॉपी एडिटर काम कर रहे हैं। वह मई 2023 से Timesnowhindi.com के साथ जुड़े हैं। वह यहां शेयर बाजा...और देखें

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