OLA Cab Refund: ओला का नही चलेगी मनमानी, रिफंड के लिए कस्टमर को मिलेगा ये ऑप्शन, रेगुलेटर का आदेश

OLA Cab Refund: सेंट्रल कंज्यूमर प्रोटेक्शन अथॉरिटी ने कंपनी को आदेश जारी किया है। इसके अनुसार रिफंड के लिए ऑप्शन नहीं देना कंज्यूमर राइट्स का उल्लंघन है। ऐसा करके कंपनी कस्टमर्स को दूसरे राइड के लिए मजबूर करती है।वह अपने प्लेटफॉर्म से बुक की गई सभी ऑटो राइड के लिए कस्टमर्स को बिल या रसीद या इनवॉइस प्रोवाइड करे।

ओला कैब

OLA Cab Refund:कैब सर्विस देने वाली कंपनी ओला कैब्स की कस्टमर पर अब मनमानी नहीं चलेगी। कंपनी को अब रिफंड देते वक्त कस्टमर को बैंक अकाउंट या कूपन में से किसी एक को चुनने का ऑप्शन देना होगा। अभी कोई भी कस्टमर ओला ऐप पर रिफंड के लिए शिकायत करता है, तो कंपनी रिफंड के तौर पर उसे कूपन देती है। यानी उस पैसे का यूज कस्टमर के लिए ओला राइड के लिए ही कर सकता है। ओला के इस मनमानी के खिलाफ कई कस्टमर ने शिकायत की थी। जिसके बाद सेंट्रल कंज्यूमर प्रोटेक्शन अथॉरिटी (CCPA) ने कंपनी को आदेश जारी किया है। इसके अनुसार रिफंड के लिए ऑप्शन नहीं देना कंज्यूमर राइट्स का उल्लंघन है। ऐसा करके कंपनी कस्टमर्स को दूसरे राइड के लिए मजबूर करती है।रेगुलेटर ने कहा है कि कस्टमर चाहे डायरेक्ट बैंक खाते में रिफंड की मांग करें या कूपन के रूप में ओला कैब्स को उसी रूप में रिफंड देना होगा।

अब कंपनी देगी ये ऑप्शन

CCPA की चीफ कमिश्नर निधि खरे ने ओला को यह निर्देश दिया कि वह अपने प्लेटफॉर्म से बुक की गई सभी ऑटो राइड के लिए कस्टमर्स को बिल या रसीद या इनवॉइस प्रोवाइड करे। इसकी तरह अगर कोई कस्टमर प्लेटफॉर्म पर बुक की गई ऑटो राइड के लिए चालान लेना करना चाहता है, तो ऐप 'ऑटो सर्विस के नियमों में बदलाव' का हवाला देकर ऐसा करने से मना कर देती है। रेगुलेटर ने कहा कि बिना सवाल पूछे रिफंड नीति का मतलब यह नहीं हो सकता कि कंपनी लोगों को केवल दूसरी सवारी लेने के लिए इस सुविधा का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करे। नियामक ने ओला को अपने प्लेटफॉर्म के जरिये बुक की गई सभी ‘ऑटो राइड’ के लिए बिल जारी करने का भी आदेश दिया।

शिकायतों का ढेर

इस साल 9 अक्टूबर तक ओला के खिलाफ नेशनल कंज्यूमर हेल्पलाइन पर (NCH) पर 2,061 शिकायतें दर्ज की गईं, जिनमें ज्यादातर शिकायतें बुकिंग के समय से ज्यादा किराया और कस्टमर्स को राशि रिफंड न करने की थी। पिछले सप्ताह, CCPA ने कंज्यूमर राइट्स के कथित उल्लंघन, भ्रामक विज्ञापन और अनफेयर ट्रेड प्रैक्टिस के लिए ओला इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को कारण बताओ नोटिस जारी किया था।
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