Real Estate News: सीमेंट के दाम घटे, फिर क्यों बढ़ी घरों के निर्माण की लागत? रियल एस्टेट एक्सपर्ट्स से जानिए वजह

Real Estate News: सीमेंट की कीमतों में कमी के बावजूद देश में भवन निर्माण के लागत में तेजी से वृद्धि हुई है। इसकी कई वजहें है। कोलीयर्स इंटरनेशनल द्वारा जारी किए गए रिपोर्ट और कई रियल एस्टेट एक्सपर्ट्स से समझ सकते हैं।

क्यों बढ़ी घरों के निर्माण की लागत

Real Estate News: कोलीयर्स इंटरनेशनल द्वारा जारी किए गए एक रिपोर्ट के मुताबिक पिछले 4 वर्षों में देश में भवन निर्माण के लागत में तेजी से वृद्धि हुई है। निर्माण के लिए जरुरी सामग्रियों के साथ-साथ श्रमिकों की मजदूरी भी इसमें शामिल है लेकिन अच्छी गुणवत्ता वाले श्रमिकों की लागत का हिस्सा इसमें ज्यादा है जबकि जरुरी सामग्रियों का हिस्सा सीमित है। इस कारण निर्माण की औसत लागत वर्ष 2020 में 2,000 रुपये प्रति वर्ग फीट से बढ़कर वर्ष 2024 में करीब 2,800 रुपये प्रति वर्ग फीट हो गई है जो करीब 40% की वृद्धि दर्शाता है। संस्थान की रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि इसी अंतराल में वर्ष 2021 में निर्माण लागत 2,200 रुपये प्रति वर्ग फीट, वर्ष 2022 में 2,300 रुपये प्रति वर्ग फीट, वर्ष 2023 में 2,500 रुपये प्रति वर्ग फीट थी जो इस वर्ष करीब 2,800 रुपये प्रति वर्ग फीट तक आ गई है जो एक वर्ष में अभी तक का सबसे ज्यादा, करीब 11-12% की वृद्धि है जो पहले वर्षों में केवल 5-8% की रही है।

भवन निर्माण लागत पर श्रमिकों की मजदूरी का असर

निर्माण लागत को सबसे ज्यादा प्रभावित करने वाले कारक में अच्छी गुणवत्ता वाले श्रमिकों की कैटेगरी है जिसके कारण निर्माण लागत करीब 25% तक प्रभावित हुआ है। डेवलपर्स द्वारा अपनी प्रोजेक्ट्स के कम समय में बढ़िया क्वालिटी, मजबूती एवं फिनिशिंग देने के लिए निर्माण में अब माईवन/एल्युमिनियम शटरिंग, इको-फ़्रेंडली और निर्माण के लेटेस्ट तकनीक का अधिकतम इस्तेमाल किया जा रहा है। इस सिस्टम पर कार्य करने वाले कुशल श्रमिकों की मांग बढ़ी है जिसका प्रभाव श्रमिकों की मजदूरी/भुगतान पर भी पड़ा है जो पहले से ज्यादा हो गया है।

भवन निर्माण लागत पर मटेरियल की कीमतों का असर

निर्माण लागत प्रभावित करने वाले दूसरे कारकों में स्टील, सीमेंट, कॉपर एवं एल्युमिनियम शमिल है। आश्चर्यजनक रूप से भवन निर्माण में भारी मात्रा में इस्तेमाल होने वाले सीमेंट की कीमतों में पिछले एक वर्ष में 15% की कमी दर्ज की गई है। सीमेंट के बाद निर्माण कार्यों में स्टील का उपयोग भी बड़ी मात्रा में किया जाता है और रिपोर्ट के अनुसार पिछले एक वर्ष में स्टील की कीमत में भी 1% की कमी आई है। जबकि कापर और एल्युमिनियम की कीमत में क्रमशः 19% और 5% की वृद्धि दर्ज हुई है। अगर इनका औसत लागत भी लगाया जाए तो निर्माण की लागत में, मामूली ही सही, लेकिन वृद्धि स्पष्ट रूप से दिखती है। रिपोर्ट में रियल एस्टेट संस्थानों द्वारा नई तकनीक के आधार पर कार्य करने लायक प्रशिक्षित श्रमिक तैयार करने और उनकी सुरक्षा के उपायों पर भी खर्च किया जा रहा है जिसका प्रभाव निर्माण लागत पर पड़ने की बात कही गई है।

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