IAS,IPS,IFS ने शेयर बाजार में कितना लगाया है पैसा, अब देनी होगी डिटेल, जानें क्या चाहती है मोदी सरकार
केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने शेयर मार्केट में निवेश करने वाले IAS, IPS और IFS अधिकारियों से उनके निवेश से जुड़ी डीटेल्स मांगी हैं. ये नियम उन अधिकारियों के लिए है, जिन्होंने शेयर बाजार में एक कैलेंडर इयर में अपने 6 महीने की बेसिक सैलरी से ज्यादा पैसा निवेश किया है.
IAS,IPS,IFS अधिकारियों को देनी होगी शेयर मार्केट निवेश की डिटेल
मुख्य बातें
- केंद्र ने शेयर मार्केट निवेश से जुड़ी डीटेल्स मांगी
- IAS, IPS और IFS अधिकारियों से मांगी डीटेल्स
- शेयर बाजार में अधिकारियों के निवेश पर नजर
Share Market Investments: मोदी सरकार ने आईएएस, आईपीएस और आईएफएस अधिकारियों के लिए एक नया आदेश जारी किया है। इस आदेश के मुताबिक यदि इन अधिकारियों का कुल निवेश, स्टॉक, शेयर या किसी अन्य इन्वेस्टमेंट में एक कैलेंडर इयर के दौरान 6 महीने की बेसिक सैलरी से ज्यादा हो जाता है तो उन्हें इसकी डिटेल देनी होगी। ये जानकारी एआईएस यानी अखिल भारतीय सेवा (आचरण) नियम, 1968 के नियम 16 (4) के तहत उनके द्वारा शेयर की जाने वाली समान जानकारी से अलग है। इस संबंध में कार्मिक मंत्रालय ने निर्देश जारी किए हैं.संबंधित खबरें
अधिकारियों के शेयर बाजार निवेश पर रहेगी सरकार की नजरसंबंधित खबरें
पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक ये नियम ऑल इंडिया सर्विसेज यानी आईएएस, आईपीएस और आईएफएस से जुड़े कर्मचारियों के लिए लागू होंगे। सरकार के इस फैसले से साफ जाहिर होता है कि वे आईएएस, आईपीएस और आईएफएस अधिकारियों के शेयर बाजार निवेश पर नजर रखना चाहती है। ये आदेश केंद्र सरकार के सभी मंत्रालयों के सचिवों को जारी किया गया है।संबंधित खबरें
आदेश में क्या कहा गया है?संबंधित खबरें
आदेश में कहा गया है, "ऑल इंडिया सर्विसेज (एआईएस) के अधिकारियों के संबंध में किसी भी स्टॉक, शेयर या किसी अन्य निवेश में ट्रांजैक्शन पर अथॉरिटी नजर रख सकेंगी। केंद्र सरकार के सभी सचिवों को जारी किए गए आदेश में कहा गया है कि स्टॉक, शेयर या किसी अन्य इन्वेस्टमेंट में एक कैलेंडर इयर के दौरान कुल लेनदेन उनके 6 महीने के बेसिक सैलरी से ज्यादा होने पर हर साल निर्धारित अथॉरिटी को संलग्न प्रोफॉर्मा में भेजा जा सकता है।''संबंधित खबरें
आदेश में दिया गया नियम 14(1) का हवालासंबंधित खबरें
इसमें आचरण नियमावली के नियम 14(1) का हवाला दिया गया है, जिसके मुताबिक, "सेवा का कोई भी सदस्य किसी स्टॉक, शेयर या अन्य निवेशों में सट्टा नहीं लगाएगा। लेकिन ये प्रावधान स्टॉक-दलालों या अन्य अधिकृत लोगों के माध्यम से किए गए सामयिक निवेश पर लागू नहीं होगा।'' नियम में आगे स्पष्ट किया गया है कि शेयर, सेक्योरिटीज या अन्य किसी निवेशों की बार-बार खरीद-बिक्री को उप-नियम के तहत सट्टा माना जाता है।संबंधित खबरें
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सुनील चौरसिया author
मैं सुनील चौरसिया,. मऊ (उत्तर प्रदेश) का रहने वाला हूं और अभी दिल्ली में रहता हूं। मैं टाइम्स ना...और देखें
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