Power Demand In India: अब एक्स्ट्रा बिजली का होगा यूज, सरकार ने बदले नियम, सप्लाई में आएगी तेजी
Power Demand In India: देश में बिजली खपत फरवरी में सालाना आधार पर आठ प्रतिशत से अधिक बढ़कर 127.79 अरब यूनिट (बीयू) हो गई। लंबे समय तक शीत लहर के कारण हीटर, ब्लोअर और गीजर जैसे उपकरणों का उपयोग बढ़ गया। इससे बिजली की खपत भी बढ़ गई।
बिजली की बढ़ेगी आपूर्ति
क्यों बदला गया नियम
केंद्रीय बिजली और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आर के सिंह ने कहा कि कुछ बिजली उत्पादक इस अधिशेष बिजली को बाजार में नहीं ला रहे हैं, जिसके चलते राष्ट्रीय स्तर पर बिना उपयोग की बिजली क्षमता बढ़ रही है।इस समस्या का समाधान निकालने और उपलब्ध बिजली के अधिकतम उपयोग के लिए यह व्यवस्था की गई है कि जो बिजली उत्पादक अपनी अतिरिक्त बिजली की पेशकश नहीं करेंगे, वे अब उस बिना उपयोग की गई बिजली की मात्रा के अनुरूप क्षमता या निश्चित शुल्क का दावा नहीं कर सकेंगे।इससे अतिरिक्त बिजली की बिक्री और उपयोग की संभावना बढ़ेगी।
क्या मिलेगा फायदा
भारत सरकार ने 2022 के बिजली (विलम्ब भुगतान अधिभार और संबंधित मामले) नियमों में संशोधन किया है। इससे सभी उपभोक्ताओं को बिजली आपूर्ति की अधिक भरोसेमंद होगी।केंद्रीय बिजली और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आर के सिंह ने कहा कि यह संशोधन एक्स्ट्रा बिजली से संबंधित है, जो घोषित उत्पादन क्षमता के भीतर है लेकिन वितरण कंपनियों ने इसकी मांग नहीं की है।
फरवरी में खपत 8 फीसदी बढ़ी
देश में बिजली खपत फरवरी में सालाना आधार पर आठ प्रतिशत से अधिक बढ़कर 127.79 अरब यूनिट (बीयू) हो गई। आंकड़ों के मुताबिक बिजली की खपत फरवरी 2023 में 118.29 अरब यूनिट और फरवरी 2022 में 108.03 अरब यूनिट थी।महीने के दौरान किसी भी एक दिन में बिजली की सबसे अधिक मांग फरवरी 2024 में बढ़कर 222 गीगावाट (एक गीगावाट बराबर 1,000 मेगावाट) हो गई। यह आंकड़ा फरवरी 2023 में 209.76 गीगावाट और फरवरी 2022 में 193.58 गीगावाट था।फरवरी में बिजली की खपत के साथ ही मांग में भी सुधार हुआ। लंबे समय तक शीत लहर के कारण हीटर, ब्लोअर और गीजर जैसे उपकरणों का उपयोग बढ़ गया। इससे बिजली की खपत भी बढ़ गई।
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