गेहूं की जमाखोरी का डर, सरकार ने थोक और खुदरा कारोबारियों पर कसी नकेल

Wheat Stock Limit Revised For Traders: व्यापारियों को अपना स्टॉक संशोधित सीमा तक कम करने के लिए 30 दिन का समय दिया जाएगा। सभी फर्मों को गेहूं स्टॉक सीमा संबंधी पोर्टल पर अपना पंजीकरण करना होगा और हर शुक्रवार को अपने स्टॉक के बारे में जानकारी देनी होगी।

गेहूं की स्टॉक लिमिट पर सख्ती

Wheat Stock Limit Revised For Traders:सरकार ने गेहूं की जमाखोरी रोकने और कीमतों पर अंकुश लगाने के लिए शुक्रवार को तत्काल प्रभाव से थोक विक्रेताओं, खुदरा विक्रेताओं, बड़े खुदरा विक्रेताओं और प्रसंस्करण फर्मों के लिए गेहूं का भंडार (स्टॉक) रखने के मानकों में सख्ती कर दी है। व्यापारियों एवं थोक विक्रेताओं के लिए गेहूं भंडारण की सीमा 2,000 टन से घटाकर 1,000 टन कर दी गई है। इसी तरह खुदरा विक्रेता के लिए भंडारण सीमा 10 टन के बजाय पांच टन, बड़े खुदरा विक्रेताओं के प्रत्येक डिपो के लिए पांच टन और उनके सभी डिपो के लिए यह सीमा कुल मिलाकर 1,000 टन होगी।

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सरकार को किस बात का है डर

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केंद्रीय खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने सख्ती पर कहा कि गेहूं के कृत्रिम अभाव की स्थिति को रोकने और जमाखोरी पर लगाम लगाने के लिए ऐसा किया गया है। संशोधित स्टॉक सीमा तत्काल प्रभाव से लागू होगी। इसके तहत व्यापारियों एवं थोक विक्रेताओं के लिए गेहूं भंडारण की सीमा 2,000 टन से घटाकर 1,000 टन कर दी गई है।उन्होंने कहा कि प्रत्येक खुदरा विक्रेता के लिए भंडारण सीमा 10 टन के बजाय पांच टन, बड़े खुदरा विक्रेताओं के प्रत्येक डिपो के लिए पांच टन और उनके सभी डिपो के लिए यह सीमा कुल मिलाकर 1,000 टन होगी।उन्होंने कहा कि गेहूं का प्रसंस्करण करने वालीं कंपनी वित्त वर्ष 2023-24 के बाकी महीनों के अनुपात में मासिक स्थापित क्षमता का 70 प्रतिशत रख सकती हैं।

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