Bombay High Court:चंदा कोचर उनके पति की गिरफ्तारी अवैध,वीडियोकॉन लोन फ्रॉम मामले में उच्च न्यायालय की अहम टिप्पणी
Chanda Kochhar And Bombay High Court: साल 2012 में वीडियोकॉन ग्रुप को दिए गए 3,250 करोड़ रुपये के लोन में अनियमितता बरतने के आरोप में कोचर दंपत्ति की गिरफ्तारी हुई थी। सीबीआई का आरोप है कि कोचर के पति और उनकी फैमिली को इस डील से फायदा पहुंचा।
चंदा कोचर
कोर्ट ने क्यों कहा ऐसा
न्यायमूर्ति प्रभुदेसाई की अध्यक्षता वाली पीठ ने मंगलवार को दंपति की याचिका को स्वीकार करते हुए और उनकी गिरफ्तारी को अवैध घोषित कर दिया है। सीबीआई ने मामले में कोचर के अलावा वीडियोकॉन समूह (Videocon Group) के संस्थापक वेणुगोपाल धूत को भी गिरफ्तार किया था। उन्हें जनवरी 2023 में उच्च न्यायालय ने अंतरिम आदेश में जमानत दे दी थी। असल में बॉम्बे हाई कोर्ट ने 6 फरवरी को कहा कि वीडियोकॉन लोन केस में ICICI बैंक की पूर्व MD और CEO चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर की गिरफ्तारी अवैध थी। इन दोनों को 9 जनवरी, 2023 को अंतरिम जमानत दी गई थी।
क्या है मामला
साल 2012 में वीडियोकॉन ग्रुप को दिए गए 3,250 करोड़ रुपये के लोन में अनियमितता बरतने के आरोप में कोचर दंपत्ति की गिरफ्तारी हुई थी। सीबीआई का आरोप है कि कोचर के पति और उनकी फैमिली को इस डील से फायदा पहुंचा। और इसी के तहत लोन के बदले वीडियोकॉन के पूर्व चेयमरैन वेणुगोपाल धूत ने न्यूपावर रिन्यूएबल्स में करोड़ों रुपये निवेश किए थे। न्यूपावर की स्थापना दीपक कोचर ने की थी। और इसमें धूत का निवेश वीडियोकॉन ग्रुप को ICICI बैंक की तरफ से लोन दिए जाने के बाद हुआ था। इस मामले वीडियोकॉन ग्रुप को अनुचित फायदा पहुंचाने के आरोपों के बाद चंदा कोचर ने अक्टूबर 2028 में ICICI बैंक की एमडी और सीईओ पद से इस्तीफा दे दिया था।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | बिजनेस (business News) की खबरों के लिए जुड़े रहे Timesnowhindi.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए Subscribe करें टाइम्स नाउ नवभारत YouTube चैनल
© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited