चाइनीज कंपनियों में होंगे इंडियन बॉस, टैक्स से बचना भी होगा मुश्किल

Chinese Smartphone Companies: सरकार ने चाइनीज भारतीय कंपनियों को इंडियन कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरर्स को नियुक्त करने, भारतीय बिजनेसों के साथ जॉइंट वेंचर के जरिए लोकल मैन्युफैक्चरिंग को कम्पोनेंट लेवल तक बढ़ाने, देश से होने वाले निर्यात में इजाफा करने और लोकल डिस्ट्रिब्यूटर्स रखने का भी निर्देश दिया है।

Chinese Smartphone Companies

चाइनीज कंपनियों को सरकार के निर्देश

मुख्य बातें
  • चाइनीज कंपनियों पर सरकार का डंडा
  • भारतीय बॉस रखने का आदेश
  • कंपनियों में बढ़ेगी भारतीयों की उपस्थिति

Chinese Smartphone Companies: सरकार ने चाइनीज मोबाइल फोन मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों को अपने लोकल ऑपरेशन में भारतीय इक्विटी पार्टनर्स को शामिल करने को कहा है। साथ ही इन कंपनियों से कहा गया है कि मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO), मुख्य परिचालन अधिकारी (COO), मुख्य वित्तीय अधिकारी (CFO) और मुख्य तकनीकी अधिकारी (CTO) जैसे प्रमुख पदों पर भारतीय अधिकारियों को नियुक्त करने के लिए भी कहा गया है।

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रखने होंगे इंडियन कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरर्स

ईटी की रिपोर्ट में 3 एग्जीक्यूटिव के हवाले से बताया गया है कि सरकार ने चाइनीज भारतीय कंपनियों को इंडियन कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरर्स को नियुक्त करने, भारतीय बिजनेसों के साथ जॉइंट वेंचर के जरिए लोकल मैन्युफैक्चरिंग को कम्पोनेंट लेवल तक बढ़ाने, देश से होने वाले निर्यात में इजाफा करने और लोकल डिस्ट्रिब्यूटर्स रखने का भी निर्देश दिया है। बता दें कि कुछ कंपनियों के चाइनीज डिस्ट्रिब्यूटबर्स हैं।

टैक्स को लेकर सरकार की सख्ती

इन एग्जीक्यूटिव ने कहा कि चीनी कंपनियों को कानूनी अनुपालन सुनिश्चित करने और भारत में टैक्स चोरी नहीं करने का निर्देश भी दिया गया है। इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने कुछ बैठकें की हैं, जिनमें टॉप सरकारी अधिकारियों ने Xiaomi, Oppo, Realme और Vivo सहित चीनी कंपनियों के साथ-साथ इंडिया सेल्युलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन (ICEA) को इन मुद्दों के बारे में बताया। ICEA मैन्युफैक्चरर्स का लॉबी ग्रुप है।

टैक्स चोरी का शक

इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की ये बैठकें ऐसे समय पर हुई हैं जब कई चीनी स्मार्टफोन निर्माता टैक्स चोरी और हजारों करोड़ रुपये के कथित अवैध रेमिटेंस के लिए जांच के दायरे में हैं, जिसके चलते स्थानीय बैंक खातों को सील कर दिया गया है।

ऑफलाइन रिटेलर्स भी सरकार के साथ

ऑफलाइन रिटेलर्स भी सरकार के साथ लॉबिंग कर रहे हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि ये कंपनियां प्रीडेटरी ऑनलाइन डिस्काउंटिंग का सहारा न लें। सरकार न सिर्फ मैन्युफैक्चरिंग ऑपरेशंस में बल्कि सेल्स और मार्केटिंग यूनिट्स में भी इंडियन इक्विटी पार्टनर चाहती है।

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काशिद हुसैन author

काशिद हुसैन अप्रैल 2023 से Timesnowhindi.Com (टाइम्स नाउ नवभारत) के साथ काम कर रहे हैं। यहां पर वे सीनियर कॉरेस्पोंडेंट हैं। टाइम्स नाउ नवभारत की ब...और देखें

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