Coal India: कोल इंडिया ने दिए 60,140 करोड़, इन राज्यों को मिला सबसे ज्यादा पैसा

Coal India: सरकारी खजाने को प्राप्त कुल 60,140.42 करोड़ रुपये में से सबसे ज्यादा राशि 13,268.55 करोड़ रुपये झारखंड सरकार को मिली। वहीं ओडिशा सरकार को 12,836.20 करोड़ रुपये, छत्तीसगढ़ को 11,890.79 करोड़ रुपये, मध्य प्रदेश को 10,865.96 करोड़ रुपये और महाराष्ट्र एवं अन्य को 6,188.89 करोड़ रुपये मिले।

COAL INDIA.

कोल इंडिया

Coal India:सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी कोल इंडिया लि. (सीआईएल) का सरकारी खजाने को योगदान वित्त वर्ष 2023-24 में सालाना आधार पर 6.4 प्रतिशत बढ़कर 60,140.31 करोड़ रुपये रहा है। यह योगदान रॉयल्टी समेत अन्य शुल्क के रूप में दिया गया।घरेलू कोयला उत्पादन में 80 प्रतिशत से अधिक हिस्सेदारी रखने वाली कोल इंडिया ने वित्त वर्ष 2022-23 में सरकारी खजाने में 56,524.11 करोड़ रुपये का योगदान दिया था।सरकार को इस साल मार्च में दिया गया कुल शुल्क भी 14.8 प्रतिशत बढ़कर 6,069.18 करोड़ रुपये रहा जो एक साल पहले 2022-23 के इसी महीने में 5,282.59 करोड़ रुपये था।

झारखंड को सबसे ज्यादा फायदा

सरकारी खजाने को प्राप्त कुल 60,140.42 करोड़ रुपये में से सबसे ज्यादा राशि 13,268.55 करोड़ रुपये झारखंड सरकार को मिली। वहीं ओडिशा सरकार को 12,836.20 करोड़ रुपये, छत्तीसगढ़ को 11,890.79 करोड़ रुपये, मध्य प्रदेश को 10,865.96 करोड़ रुपये और महाराष्ट्र एवं अन्य को 6,188.89 करोड़ रुपये मिले। कोयला उत्पादक राज्यों ने रॉयल्टी, जिला खनिज फाउंडेशन (डीएमएफ) और नेशनल मिनरल एक्सप्लोरेशन ट्रस्ट (एनएमईटी) सहित अन्य मदों से राजस्व प्राप्त किया।

9 साल में 1.52 लाख करोड़ का फायदा

सरकार ने पहले कहा था कि कोयला उत्पादक राज्यों ने रॉयल्टी, डीएमएफ और एनएमईटी से पिछले नौ साल में 1.52 लाख करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया है।राज्य सरकारें कोयले के बिक्री मूल्य पर रॉयल्टी का 14 प्रतिशत और प्रस्तावित जिला खनिज फाउंडेशन में योगदान के रूप में रॉयल्टी का 30 प्रतिशत प्राप्त करने की हकदार हैं। डीएमएफ का मकसद परियोजना से प्रभावित लोगों का समर्थन करना है। एनएमईटी का दो प्रतिशत कोयला कंपनियों और निजी क्षेत्र में उत्पादित कोयले से प्राप्त होता है। निजी उपयोग के मामले में, वाणिज्यिक खदान से भी राज्य प्रस्तावित राजस्व में हिस्सेदारी प्राप्त करने के हकदार हैं।

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