Mutual Fund NFO: NFO में पैसा लगाने से पहले इन 5 बातों पर करें गौर, काम आएगी जानकारी
What is MF NFO: फंड मैनेजर के अनुभव, पिछले प्रदर्शन और NFO के फोकस से जुड़ी स्पेसिफिक एक्सपर्टाइज पर रिसर्च करें। ट्रैक रिकॉर्ड वाला एक अनुभवी मैनेजर एक अच्छी एसेट हो सकता है, खासकर नई या जटिल स्ट्रेटेजी के लिए।
क्या है म्यूचुअल फंड एनएफओ
- MF लाते हैं NFO
- नए फंड का आता है NFO
- NFO में पैसा लगाएं संभल कर
What is MF NFO: जब कोई एसेट मैनेजमेंट कंपनी (AMC) या म्यूचुअल फंड हाउस निवेशकों के लिए कोई नया फंड लॉन्च करती है, तो उसे न्यू फंड ऑफर (NFO) कहा जाता है। NFO IPO की तरह सीमित समय के लिए उपलब्ध रहता है, जिसके दौरान निवेशक एक फिक्स निवेश पर फंड की यूनिट्स का सब्सक्रिप्शन ले सकता है। एनएफओ लॉन्च करने के पीछे का मेन मकसद निवेशकों से पैसा जुटाना और फिर उसे स्टॉक, बॉन्ड या अन्य एसेट्स में निवेश कनरा होता है। कई मायनों में, एनएफओ लॉन्च करना आईपीओ लॉन्च जैसा ही है। मगर आईपीओ के उलट, जहां निवेशक लिस्टिंग के बाद पैसा निकालकर संभावित रूप से इंस्टैंट प्रॉफिट कमा सकते हैं, एनएफओ ऐसे शुरुआती लाभ नहीं देता। एनएफओ में, निवेश आमतौर पर लंबी अवधि के लिए रखा जाता है। मगर एनएफओ में पैसा लगाने से पहले 5 चीजों पर गौर करना जरूरी है।
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फंड हाउस की प्रतिष्ठा/रेप्यूटेशन
एसेट मैनेजमेंट कंपनी के ट्रैक रिकॉर्ड, लॉन्ग टर्म में परफॉर्मेंस और अलग-अलग बाजार कंडीशन में उसके प्रदर्शन को जांचें। लगातार अच्छा प्रदर्शन करने वाला फंड हाउस आम तौर पर एक सुरक्षित दांव होता है।
इंवेस्टमें स्ट्रेटेजी
NFO के यूनीक सेलिंग प्रपोजिशन का आकलन करें। ये देखें कि क्या रणनीति वास्तव में इनोवेटिव है और लंबी अवधि में टिकाऊ हो, न कि केवल मार्केट ट्रेंड के अनुसार चलने वाली। देखें कि फंड अपने बेंचमार्क की तुलना में अतिरिक्त रिटर्न कैसे जनरेट करना चाहता है।
फंड मैनेजर की क्रेडिबिलिटी
फंड मैनेजर के अनुभव, पिछले प्रदर्शन और NFO के फोकस से जुड़ी स्पेसिफिक एक्सपर्टाइज पर रिसर्च करें। ट्रैक रिकॉर्ड वाला एक अनुभवी मैनेजर एक अच्छी एसेट हो सकता है, खासकर नई या जटिल स्ट्रेटेजी के लिए।
कॉस्ट स्ट्रक्चर
लंबी अवधि के एक्सपेंस रेशियो, छिपे हुए चार्ज और जिस फंड के NFO में पैसा लगा रहे हैं उसके जैसे फंड्स के चार्जेज से तुलना करें। इन चीजों शुरुआती ऑफर से हटकर देखें। कम चार्जेज समय के साथ रिटर्न को बढ़ा सकते हैं।
बाजार की टाइमिंग
एनएफओ के समय बाजार की स्थिति, मैक्रोइकोनॉमिक ट्रेंड और संभावित रेगुलेटरी बदलावों पर विचार करें जो फंड की स्ट्रेटेजी को प्रभावित कर सकते हैं। बाजार में तेजी के दौरान लॉन्च किए गए NFO से सावधान रहें।
डिस्क्लेमर : यहां मुख्य तौर पर म्यूचुअल फंड एनएफओ की जानकारी दी गयी है, निवेश की सलाह नहीं। म्यूचुअल फंड में जोखिम होता है, इसलिए निवेश अपने जोखिम पर करें। निवेश करने से पहले एक्सपर्ट की राय जरूर लें।
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