पिछले 3.5 महीनों में कंज्यूमर कमीशन ने 11 फीसदी लंबित मामलों का किया निपटारा
पिछले 3.5 महीनों में, देश भर में कंज्यूमर कमीशन ने 68,587 मामलों का निपटारा किया है, जिससे लंबित मामलों में लगभग 11% की कमी आई है। अगस्त के बाद से, कंज्यूमर कमीशन ने साल 2000 से पहले दायर किए गए 78% लंबित मामलों का भी निपटारा किया।
3.5 महीनों में 11 फीसदी लंबित मामलों का निपटारा हुआ
- 3.5 महीनों में 11 फीसदी लंबित मामलों का निपटारा हुआ
- 20 साल से ज्यादा पुराने मामलों का तेजी से किया गया निपटारा
- दिसंबर में लगेगी महा लोक अदालत
नई दिल्ली। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, जून 2022 तक 6,33,824 कंज्यूमर केस लंबित थे। अक्टूबर में लंबित मामलों की संख्या तेजी से घटी और 11 अक्टूबर तक के आंकड़ों के अनुसार 5,65,297 मामले ही पेंडिंग थे यानी 3.5 महीनों में 68,587 मामलों का निपटारा किया गया। अगस्त से अब तक लंबित मामलों में 11 फीसदी की गिरावट आई है। साल 2000 से पहले दर्ज हुए 78 फीसदी मामलों का निपटारा किया गया।
पेंडिंग केस के लिए विषेश प्लान
कंज्यूमर अफेयर्स मंत्रालय ने 5 महीने का एक्शन प्लान बनाया, जिसका उद्देश्य लंबित मामलों का "तेज और प्रभावी" निपटारा था, जिसके तहत 20 साल से ज्यादा लंबित मामलों का निपटारा पहले होगा। इस दौरान 5 महीनों में फैसलों और स्पीड की निगरानी होगी और इसी प्रदर्शन के आधार पर कंज्यूमर कमीशन को रैंकिंग दी जाएगी। कंज्यूमर अफेयर्स मंत्रालय की 12 नवंबर को राष्ट्रीय लोक अदालत और दिसंबर माह में महा लोक अदालत लगाने की योजना है।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स?
ET Now स्वदेश के खास शो Consumer Is King में कंज्यूमर वकील रेखा अग्रवाल ने कहा कि लोगों में कंज्यूमर राइट्स को लेकर जागरुकता बढ़ गई है और लोग अपने अधिकारों को लेकर कोर्ट जाना शुरू कर दिए हैं और खरीदारी बढ़ने से भी मामलों में बढ़ोतरी हुई है।
वहीं OSCDRC के प्रेसिडेंट, जस्टिस डी.पी. चौधरी का कहना है कि नवंबर में लगने वाली राष्ट्रीय लोक अदालत का मुख्य मकसद है पुराने मामलों को पहले और नए मामलों को जल्द से जल्द निपटाया जाए। कंज्यूमर्स को जल्द न्याय दिलाने के लिए डिस्ट्रिक्ट, स्टेट और नेशनल कंज्यूमर कमीशन को और कड़ाई से काम करने की जरूरत है
कंज्यूमर एक्सपर्ट बेजॉन मिश्रा का मानना है कि ग्राहकों को जल्द से जल्द न्याय दिलाने के लिए डिस्ट्रिक्ट, स्टेट और कंज्यूमर कमीशन में खाली पदों को जल्द भरा जाना चाहिए, ओडिशा से एक मॉडल की शुरुआत की गई है जिसका मुख्य उद्देश्य लंबित मामलों को न के बराबर करना और नए मामलों को 1 महीने में निपटाना है।
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सुजीत शर्मा ET Now स्वदेश के डेस्क पर कार्यरत हैं। वो फिलहाल सोशल मीडिया टीम का हिस्सा हैं। पत्रकारिता के क्षेत्र 4 साल से ज्यादा का अनुभव रखने वाले स...और देखें
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