भारत के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में ग्रोथ, कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारियों के वेतन में 5.9 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि
Indian manufacturing sector: विनिर्माण क्षेत्र का लक्ष्य 2025-26 तक एक ट्रिलियन डॉलर वैल्यूएशन प्राप्त करना है, इसलिए वर्कफोर्स की गतिशीलता का समाधान निरंतर विकास सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण होगा। यह वृद्धि रणनीतिक सरकारी पहल, तकनीकी प्रगति और एक विकसित वर्कफोर्स परिदृश्य द्वारा संचालित है।
Mobile manufacturing in india (image-istock)
Indian manufacturing sector: सोमवार को आई एक रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में कॉन्ट्रैक्ट वाले कर्मचारियों के वेतन पैकेज में वित्त वर्ष 2021 से वित्त वर्ष 2024 तक 5.9 प्रतिशत चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) की बढ़ोतरी देखी गई। भारत की लीडिंग स्टाफिंग सॉल्यूशन कंपनी टीमलीज सर्विसेज की रिपोर्ट के अनुसार, यह वृद्धि मुद्रास्फीति, कुशल श्रमिकों की बढ़ती मांग और प्रतिभा को बनाए रखने के लिए प्रतिस्पर्धी वेतन की आवश्यकता की वजह हुई।
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इसके अलावा, इस क्षेत्र का वर्कफोर्स मुख्य रूप से युवा है, जिसमें 43.6 प्रतिशत व्यक्ति 28-37 आयु वर्ग के हैं। देश में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के विस्तार का नेतृत्व इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण, ऑटोमोटिव, कपड़ा और रसायन जैसे उद्योगों द्वारा किया जाता है। टीमलीज स्टाफिंग के मुख्य परिचालन अधिकारी सुब्बुराथिनम पी ने कहा, "अपनी क्षमता की पहचान करने और उसे अनलॉक करने के लिए, इस क्षेत्र को समावेशी नीतियों को प्राथमिकता देनी चाहिए और उद्योग 4.0 के लिए अपस्किलिंग में निवेश करना चाहिए।"
उन्होंने आगे कहा, "रणनीतिक वर्कफोर्स आउटसोर्सिंग लागत कम करने और परिचालन अक्षमताओं को दूर करने में मदद कर सकती है। रिटेंशन और अडैप्टिबिलिटी पर ध्यान केंद्रित कर यह क्षेत्र न केवल अपने एक ट्रिलियन डॉलर वैल्यूएशन लक्ष्य को प्राप्त कर सकता है, बल्कि सस्टेनेबल और न्यायसंगत औद्योगिक विकास के लिए एक वैश्विक मानक भी स्थापित कर सकता है।"
विनिर्माण क्षेत्र का लक्ष्य 2025-26 तक एक ट्रिलियन डॉलर वैल्यूएशन प्राप्त करना है, इसलिए वर्कफोर्स की गतिशीलता का समाधान निरंतर विकास सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण होगा। यह वृद्धि रणनीतिक सरकारी पहल, तकनीकी प्रगति और एक विकसित वर्कफोर्स परिदृश्य द्वारा संचालित है। शैक्षणिक पृष्ठभूमि के मामले में भी वर्कफोर्स अलग-अलग है। इसमें लगभग आधे स्नातक हैं। स्नातक स्तर पर महिलाओं व पुरुषों का प्रतिनिधित्व सबसे अधिक है। इसमें 48.5 पुरुष स्नातक और 46.4 प्रतिशत महिलाएं स्नातक हैं।
कॉन्ट्रैक्ट बेस पर वर्कफोर्स योगदान के लिए 17.2 प्रतिशत की भागीदारी के साथ महाराष्ट्र सबसे आगे बना हुआ है। इसके बाद 14.6 प्रतिशत भागीदारी के साथ तमिलनाडु और 9.6 प्रतिशत की भागीदारी के साथ कर्नाटक का नाम आता है। रिपोर्ट के अनुसार, अस्थायी भूमिकाओं में 89.5 प्रतिशत कर्मचारी पुरुष हैं। हालांकि, कार्यबल में महिलाएं स्नातकोत्तर योग्यता (पुरुषों के 10.5 प्रतिशत की तुलना में 24.3 प्रतिशत) में उच्च प्रतिनिधित्व प्रदर्शित करती हैं। रिपोर्ट में बताया गया है कि कंपनियों को वर्कप्लेस सुरक्षा बढ़ाने और करियर विकास पहलों में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।
इनपुट- आईएएनएस
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विशाल मैथिल, टाइम्स नाउ नवभारत ( Timesnowhindi.com) में बतौर सीनियर कॉपी एडिटर नवंबर 2023 से जुड़ें हैं। इससे पहले वह दैनिक भास्कर, अमर उजाला मध्यप्रद...और देखें
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