ET NOW Leadership Dialogues 2024: महंगाई दर को नियंत्रित करने के लिए धैर्य की जरुरत, बोले आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास

ET NOW Leadership Dialogues 2024: आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने मंगलवार (18 जून 2024) को ईटी नाउ की 15वीं वर्षगांठ के मौके पर ईटी नाउ लीडरशिप डायलॉग्स 2024 को संबोधित करते हुए कहा कि फूड महंगाई दर अत्यधिक है, यह चिंता की बात है, इसे नियंत्रित करने के लिए धैर्य की जरुरत है।

ET NOW Leadership Dialogues 2024 में आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास

ET NOW Leadership Dialogues 2024: आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने मंगलवार (18 जून 2024) को ईटी नाउ की 15वीं वर्षगांठ के मौके पर ईटी नाउ लीडरशिप डायलॉग्स 2024 को संबोधित किया। साथ ही उन्होंने ईटी नाउ की पूरी टीम को चैनल की 15वीं वर्षगांठ पर बधाई दी। इस मौके पर आरबीआई गवर्नर ने जीडीपी, महंगाई दर, प्राइवेट निवेश और कई अन्य विषयों पर अपनी बात रखी। इस मौके पर उन्होंने कहा कि फूड महंगाई दर हाई है, यह 7.9 प्रतिशत पर है। इसे 4 प्रतिशत पर लाने का लक्ष्य है। लेकिन महंगाई को कंट्रोल करने के लिए धैर्य की जरुरत होगी।

फूड महंगाई चिंता की बात

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि खाद्य महंगाई दर बहुत अधिक है, यह 7.9 प्रतिशत पर है। इसे 4 प्रतिशत लाने की कोशिश हो रही है। उन्होंने कहा कि ग्लोबर स्तर पर भी महंगाई घटने की रफ्तार कम है। महंगाई को कंट्रोल करने के लिए धैर्य की जरुरत होगी। फूड महंगाई दर अभी भी अधिक है, यह चिंता की बात है। सप्लाई सेक्टर हीट की वजह से प्रभावित हुई है। इंटरनेशनल मेटल प्राइस बढ़ी है। लेकिन कोर महंगाई दर कम हो रही है। उन्होंने कहा कि महंगाई दर को नियंत्रण में लाने के लिए लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। आरबीआई इस पर ध्यान दे रहा है महंगाई दर लगातार कम हो रही है लेकिन रफ्तार धीमी है।

मजबूत आर्थिक विकास की गति कायम

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने जीडीपी और अर्थव्यवस्था से संबंधित प्रमुख कारकों और संख्याओं पर प्रकाश डालते हुए कहा कि वित्त वर्ष 2025 की पहली तिमाही में 7.3% आर्थिक वृद्धि वास्तविक लगती है। मजबूत आर्थिक विकास की गति कायम है, इकोनॉमिक ग्रोथ में मंदी आने का कोई कारण नहीं है, FY25 के लिए 7.2% GDP ग्रोथ का अनुमान है। शक्तिकांत दास ने कहा कि GDP ग्रोथ पर हम आशावादी बने रहेंगे, पिछले 3 सालों में सालाना GDP ग्रोथ 8.3% रही, ग्रामीण क्षेत्रों में डिमांड और कंजम्पशन में तेजी है। RBI की बैलेंस शीट में 10% से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है, फॉरेन एसेट्स की हिस्सेदारी बढ़ी है।
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