Core Sector Data: 8 प्रमुख उद्योगों का उत्पादन 12.1 फीसदी बढ़ा, कोयला-सीमेंट क्षेत्र का अच्छा प्रदर्शन

Core Sector Output:बुनियादी उद्योग की वृद्धि दर सितंबर महीने में 9.2 प्रतिशत रही थी।आंकड़ों के अनुसार, चालू वित्त वर्ष में अप्रैल से अक्टूबर के दौरान आठ बुनियादी उद्योगों की उत्पादन वृद्धि 8.6 प्रतिशत रही, जो पिछले साल समान माह में 8.4 प्रतिशत थी।

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प्रमुख उद्योग का अच्छा प्रदर्शन

Core Sector Output: कोयला, इस्पात, सीमेंट और बिजली क्षेत्र के बेहतर प्रदर्शन से आठ प्रमुख बुनियादी उद्योगों का उत्पादन इस साल अक्टूबर में 12.1 प्रतिशत बढ़ा। पिछले साल इसी महीने में इसमें 0.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। ये आंकड़े इसलिए भी महत्वपूर्ण हैं क्योंकि आठ प्रमुख क्षेत्रों- कोयला, कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, रिफाइनरी उत्पाद, उर्वरक, इस्पात, सीमेंट और बिजली - का औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) में 40.27 प्रतिशत का योगदान है।

कोयला-सीमेंट का अच्छा प्रदर्शन

बुनियादी उद्योगों में वृद्धि का प्रमुख कारण कमजोर तुलनात्मक आधार और चार क्षेत्रों...कोयला, इस्पात, सीमेंट और बिजली में दहाई अंक में वृद्धि है।बुनियादी उद्योग की वृद्धि दर सितंबर महीने में 9.2 प्रतिशत रही थी।आंकड़ों के अनुसार, चालू वित्त वर्ष में अप्रैल से अक्टूबर के दौरान आठ बुनियादी उद्योगों की उत्पादन वृद्धि 8.6 प्रतिशत रही, जो पिछले साल समान माह में 8.4 प्रतिशत थी।समीक्षाधीन महीने के दौरान कोयला उत्पादन में 18.4 प्रतिशत तो इस्पात उत्पादन में 11 प्रतिशत वृद्धि हुई, जबकि अक्टूबर 2022 में यह क्रमशः 3.8 प्रतिशत और 5.8 प्रतिशत रही थी।
सीमेंट उत्पादन में अक्टूबर महीने में 17.1 प्रतिशत की वृद्धि हुई जबकि एक साल पहले इसी माह में इसमें 4.2 प्रतिशत की गिरावट आई थी। बिजली उत्पादन में आलोच्य महीने में 20.3 प्रतिशत की वृद्धि हुई जबकि पिछले साल इसी महीने इसमें 1.2 प्रतिशत की गिरावट आई थी।इस साल अक्टूबर में कच्चे तेल का उत्पादन 1.3 प्रतिशत और प्राकृतिक गैस का उत्पादन 9.9 प्रतिशत बढ़ा, जबकि अक्टूबर, 2022 में इनमें क्रमशः 2.2 प्रतिशत और 4.2 प्रतिशत की गिरावट आई थी।इस साल अक्टूबर में रिफाइनरी उत्पादों का उत्पादन 4.2 प्रतिशत रहा, जबकि अक्टूबर 2022 में इसमें 3.1 प्रतिशत की गिरावट आई थी।हालांकि, इस साल अक्टूबर में उर्वरक उत्पादन में वृद्धि 5.3 प्रतिशत रही, जबकि अक्टूबर 2022 में यह 5.4 प्रतिशत थी।

राजकोषीय घाटे का हाल

सरकार का राजकोषीय घाटा अक्टूबर के अंत में पूरे साल के बजट अनुमान के 45 प्रतिशत तक पहुंच गया। लेखा महानियंत्रक (सीजीए) ने बृहस्पतिवार को जारी आंकड़ों में यह जानकारी दी।वास्तविक रूप से राजकोषीय घाटा वित्त वर्ष 2023-24 की अप्रैल-अक्टूबर अवधि के दौरान 8.03 लाख करोड़ रुपये था। सरकार के व्यय और राजस्व के बीच के अंतर को राजकोषीय घाटा कहते हैं।पिछले साल इसी अवधि में राजकोषीय घाटा 2022-23 के बजट अनुमान का 45.6 प्रतिशत था।
सरकार का राजकोषीय घाटा 2023-24 के लिए 17.86 लाख करोड़ रुपये या जीडीपी का 5.9 प्रतिशत रहने का अनुमान है।भारत सरकार को चालू वित्त वर्ष में अक्टूबर 2023 तक 15.9 लाख करोड़ रुपये (2023-24 के बजट अनुमान का 58.6 प्रतिशत) प्राप्त हुए, जिसमें 13.01 लाख करोड़ रुपये कर राजस्व (शुद्ध) के रूप में, 2.65 लाख करोड़ रुपये गैर-कर राजस्व के रूप में और 22,990 करोड़ रुपये गैर-ऋण पूंजीगत प्राप्तियों के रूप में हैं।
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