Credit card EMI: No Cost EMI पर भी चुकाना होता है 18% ब्याज, समझें पूरा गणित
Credit card EMI: क्रेडिट कार्ड की बकाया रकम ड्यू डेट (Due Date) पर न देने का नतीजा क्या होता है इस बात से आप तो वाकिफ होंगे। दरअसल ऐसे स्थिति में भारी-भरकम ब्याज देना पड़ सकता है।
क्रेडिट कार्ड के ब्याज पर लगता है GST
क्रेडिट कार्ड के सामान्य ईएमआई पर लगने वाले जीएसटी की बात करें तो क्रेडिट कार्ड की बकाया रकम पर लगने वाले ब्याज पर आपको गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) देना पड़ सकता है। इतना ही नहीं वित्तीय संस्थानों की ज्यादातर सर्विसेज पर जीएसटी होता है। क्रेडिट कार्ड पर लगने वाला इंटरेस्ट भी इसी कैटेगरी में होता है, जिस पर 18 फीसदी जीएसटी देनी होती है। यह जीएसटी क्रेडिट कार्ड ट्रांजैक्शन के इंटरेस्ट पर लगता है। अगर ईएमआई पर 20 फीसदी ब्याज देते होंगे, तो उस पर 18 फीसदी जीएसटी यदि जोड़ दिया जाए तो कुल ब्याज 23.6 फीसदी होगा।
‘नो कॉस्ट ईएमआई’ पर भी GST कैसे
अब ईएमआई ‘नो कॉस्ट’ वाले विकल्प को समझते हैं। दरअसल, नो-कॉस्ट ईएमआई के मामले में क्रेडिट कार्ड जारी करने वाला बैंक तो ब्याज लेता है, लेकिन सामान बेचने वाला रिटेलर ईएमआई के पूरे टेन्योर के दौरान वसूले जाने वाले ब्याज के बराबर रकम आपको इंस्टैंट डिस्काउंट के रूप में ऑफर कर देता है। यही वजह है कि वह आपके लिए इस ईएमआई की कोई लागत नहीं है इस बात का दावा करता है। लेकिन डिस्काउंट में आमतौर पर सिर्फ ईएमआई का ब्याज शामिल होता है, उस ब्याज लगने वाला जीएसटी नहीं होता है। उदाहरण के तौर पर अगर क्रेडिट कार्ड ईएमआई का सालाना ब्याज 20 फीसदी है, तो आपको उस पर भी 18 फीसदी जीएसटी देना होगा, जो ईएमआई की कुल रकम के 3.6 फीसदी के बराबर होगा। इसके अलावा हो सकता है आपको प्रोसेसिंग फीस या किसी और चार्ज के रूप में कुछ और पैसे भी देने पड़ें।
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आशीष कुमार कुशवाहा Timesnowhindi.com में बतौर सीनियर कॉपी एडिटर काम कर रहे हैं। वह मई 2023 से Tim...और देखें
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