Credit Card पेमेंट हो गई लेट, तो जानें कितना लगेगा चार्ज, ऐसे होती है ब्याज की कैलकुलेशन
Credit Card Late Payment Charges: फाइनेंस चार्जेस क्रेडिट कार्ड पर बकाया राशि पर लगाए गए एक निश्चित चार्ज को कहते हैं। इसमें लोन की ब्याज लागत, अकाउंट मैंटेनेंस फीस, लेट फीस और ट्रांजेक्शन फीस शामिल हैं।
क्रेडिट कार्ड की लेट पेमेंट पर कितना लगता है चार्ज
- लेट पेमेंट पर अलग-अलग बैंक में अलग लगता है चार्ज
- इंटेरेस्ट फ्री पीरियड के कुछ दिन तय होते हैं
- इस दौरान पेमेंट न करने पर लगता है चार्ज
क्रेडिट कार्ड यूज करने के दौरान आपको समय पर पेमेंट करनी चाहिए ताकि देर से भुगतान करने पर लगने वाले जुर्माने से बचा जा सके। मगर यदि आप लेट पेमेंट करते हैं तो कितना चार्ज लगेगा, इसकी कैलकुलेशन आगे समझिए।
संबंधित खबरें
ये भी पढ़ें - GST Council Meeting: इन चीजों के बदल गए जीएसटी रेट, जानिए क्या हुआ सस्ता और क्या महंगा
फाइनेंस चार्जेस क्या होता है
फाइनेंस चार्जेस क्रेडिट कार्ड पर बकाया राशि पर लगाए गए एक निश्चित चार्ज को कहते हैं। इसमें लोन की ब्याज लागत, अकाउंट मैंटेनेंस फीस, लेट फीस और ट्रांजेक्शन फीस शामिल हैं।
लेट फीस चार्जेस
लेट फीस चार्जेस अलग-अलग बैंकों में अलग-अलग है।
एसबीआई क्रेडिट कार्ड : -
- 501 से 1000 के बीच बकाया राशि पर 400 रु
- 1001 से 10000 रु के बीच बकाया राशि पर 750 रु
- 10001 से 25000 रु के बीच बकाया राशि पर 950 रु
- 25001 से 50000 रु के बीच बकाया राशि पर 1100 रु
- 5000 रु से अधिक की बकाया राशि राशि पर 1300 रु
आपका बैंक लेट फीस कितना लेगा, ये आप उसकी साइट पर जाकर चेक कर सकते हैं।
इंटेरेस्ट फ्री पीरियड और मासिक ब्याज दर
सभी क्रेडिट कार्ड 20 से 50 दिनों की अलग-अलग ब्याज-मुक्त (इंटेरेस्ट फ्री) अवधि ऑफर आते हैं। हालाँकि, कुछ मामलों में, क्रेडिट कार्ड ब्याज दर लागू होती है, खास कर तब जब आप अपनी क्रेडिट कार्ड राशि का पूरा भुगतान नहीं करते हैं, या जब आप अपने कार्ड का उपयोग करके कैश निकालते हैं।
बता दें कि क्रेडिट कार्ड पर कंपनियां मासिक ब्याज लेती हैं। ये ब्याज दर अलग-अलग बैंक में अलग होती है।
ये है कैलकुलेशन का फॉर्मूला
बैंक ब्याज दर की कैलकुलेशन मासिक प्रतिशत के रूप में करते हैं, जो आरबीआई के निर्देशों और एवरेज डेली बैलेंस मेथड के तहत अलग-अलग होती है।
ब्याज निकालने का फॉर्मूला = बकाया राशि x मासिक प्रतिशत x 12 महीने x दिनों की संख्या/365
ऐसे होती है कैलकुलेशन
ब्याज की कैलकुलेशन पूरे भारत में बैंकों द्वारा बढ़ाई गई छूट अवधि (ग्रेस पीरियड) पर भी निर्भर करती है। आम तौर पर, ग्रेस पीरियड एक अवधि है, जिसमें शुरुआती ग्रांट पीरियड और 20 अतिरिक्त दिन की मोहलत (ग्रेस पीरियड) शामिल है। यदि ग्रेस पीरियड के दौरान पेमेंट कर दी जाती है तो लेट पेमेंट चार्जेस से बचा जा सकता है।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | बिजनेस (business News) की खबरों के लिए जुड़े रहे Timesnowhindi.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए Subscribe करें टाइम्स नाउ नवभारत YouTube चैनल
काशिद हुसैन अप्रैल 2023 से Timesnowhindi.Com (टाइम्स नाउ नवभारत) के साथ काम कर रहे हैं। यहां पर वे सीनियर कॉरेस्पोंडेंट हैं। टाइम्स नाउ नवभारत की ब...और देखें
Suzlon Energy share: सुपरस्टार स्टॉक! Suzlon Energy के शेयर ने तीसरे दिन भी मारी ऊँची छलांग, जानें आगे क्या करें?
Union Budget 2025 Expectation: बजट से वेतनभोगी क्लास की ये हैं उम्मीदें
Is Bank Holiday Tomorrow: क्या कल शनिवार को बंद रहेंगे बैंक, जानें 1 फरवरी बजट के दिन बैंक बंद हैं या नहीं
Stock Split: IGL Share, JBM Auto से लेकर सेनको गोल्ड तक; स्टॉक्स में 50 फीसदी की गिरावट क्यों?
Share market open on budget day: क्या बजट के दिन शनिवार को खुले रहेंगे शेयर बाजार? 1 फरवरी को बजट 2025 के लिए स्पेशल ट्रेडिंग सेशन
© 2025 Bennett, Coleman & Company Limited