RBI New Loan Rule: आरबीआई ने लागू किया नया नियम, लोन लेने और देने वालों के लिए बड़ा बदलाव

RBI New Loan Rule: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने एक महत्वपूर्ण नियम लागू किया है, जिसके तहत कर्ज देने वालों को हर 15 दिनों में क्रेडिट ब्यूरो रिकॉर्ड्स को अपडेट करना अनिवार्य है। जानिए उधारकर्ताओं और ऋणदाताओं पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा।

RBI New Loan Rule

आरबीआई ने लोन को लेकर नियमों में बदलाव किया। (तस्वीर-Canva)

RBI New Loan Rule: क्रेडिट स्कोर अपडेट्स उधारी प्रक्रिया में बेहद अहम होते हैं। ये तय करते हैं कि आपको कर्ज मिलेगा या नहीं। उधारकर्ताओं की क्रेडिट गतिविधियों का सही और समय पर प्रतिबिंब दिखाने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने एक महत्वपूर्ण नियम लागू किया है। इस नियम के तहत कर्ज देने वालों को हर 15 दिनों में क्रेडिट ब्यूरो रिकॉर्ड्स को अपडेट करना अनिवार्य है। यह नियम अगस्त 2024 में जारी हुआ था और 1 जनवरी 2025 से प्रभावी हो गया है। यहां जानिए नए नियम की मुख्य बातें।

स्टैंडर्ड स्कोरिंग प्रणाली

क्रेडिट रिपोर्ट्स को तुलनात्मक बनाने के लिए, क्रेडिट ब्यूरो को 300-900 के बीच स्कोर दिखाने और स्टैंडर्डडाइस शब्दावली का उपयोग करने का निर्देश दिया गया है। उपभोक्ताओं को एक ही रिपोर्ट मिलेगी, चाहे उनके कितने भी अकाउंट या पते हों। इसके अलावा उपभोक्ता रिपोर्ट में खुद से टिप्पणी जोड़ सकते हैं। गारंटर और को-बॉरोअर की जानकारी भी रिपोर्ट में जोड़ी जाएगी ताकि जोखिम मूल्यांकन और निष्पक्ष लोन प्रक्रिया को बढ़ावा मिल सके।

100 रुपये प्रति दिन का जुर्माना

क्रेडिट ब्यूरो को उपभोक्ताओं को सूचित करना होगा जब उनकी क्रेडिट हिस्ट्री अपडेट या एक्सेस की जाए। साथ ही लेंडर इस ऋणदाताओं को ग्राहक की शिकायतों का समाधान जल्दी करना होगा। अगर 30 दिनों के भीतर समस्या का समाधान नहीं होता, तो उपभोक्ता को 30 दिनों के बाद 100 रुपये प्रतिदिन का मुआवजा मिलेगा।

डेटा क्वालिटी इंडेक्स (DQI)

यह इंडेक्स उपभोक्ता जानकारी जैसे नाम, जन्मतिथि, और संपर्क डिटेल की सटीकता का मूल्यांकन करेगा। ऋणदाताओं को मासिक स्कोर मिलेगा, जिससे वे डेटा की गुणवत्ता में सुधार कर पाएंगे और सटीक क्रेडिट मूल्यांकन सुनिश्चित करेंगे।

उधारकर्ताओं को कैसे होगा फायदा?

इससे पहले क्रेडिट स्कोर अपडेट्स महीने में एक बार होते थे। इससे सकारात्मक भुगतान व्यवहार तुरंत नहीं दिखता था और उधारकर्ताओं को नए कर्ज या कम ब्याज दरों पर कर्ज पाने में दिक्कत होती थी। नया नियम क्रेडिट स्कोरिंग प्रक्रिया को तेज और सटीक बनाएगा।

क्रेडिट स्कोर का अपडेट फास्ट

पहले चूक या बकाया भुगतान को दिखने में 40 दिन लग सकते थे। अब यह प्रक्रिया तेज होगी, जिससे उधारकर्ता अपने स्कोर में सुधार कर सकेंगे।

कई लोन आवेदनों का बेहतर प्रबंधन

जिन उधारकर्ताओं के पास कई लोन हैं, उनके लिए भुगतान प्रबंधन आसान होगा। उधारदाता उनकी वित्तीय स्थिति का सटीक आकलन कर सकेंगे।

बेहतर क्रेडिट पहुंच

तेजी से अपडेट होने वाली जानकारी के कारण, अच्छे भुगतान इतिहास वाले उधारकर्ताओं को कर्ज प्राप्त करना आसान होगा।

उपभोक्ताओं को सशक्त बनाना

तेजी से क्रेडिट स्कोर अपडेट होने से उधारकर्ता अपनी वित्तीय स्थिति को बेहतर तरीके से समझ पाएंगे और सूझबूझ से निर्णय ले सकेंगे।

उधारदाताओं के लिए लाभ

‘एवरग्रीनिंग’ को रोकना

‘एवरग्रीनिंग’ तब होती है जब उधारकर्ता पुराने कर्ज को चुकाने के लिए नया कर्ज लेते हैं, जिससे लोन का चक्र बनता है। नया नियम ऐसे मामलों की पहचान में मदद करेगा।

बेहतर क्रेडिट जोखिम मूल्यांकन

उधारकर्ताओं की वर्तमान जानकारी से उधारदाता जोखिम का बेहतर आकलन कर पाएंगे और बेहतर क्रेडिट इतिहास वाले ग्राहकों को पुरस्कृत कर सकेंगे।

15-दिन की रिपोर्टिंग प्रणाली से उधारकर्ताओं और उधारदाताओं को लॉन्ग टर्म लाभ मिलेगा। यह न केवल बेहतर निर्णय लेने में मदद करेगा बल्कि बाजार में पारदर्शिता और कुशलता भी लाएगा।

(डिस्क्लेमर: यह आर्टिकल बैंकबाजार.कॉम के सीईओ आदिल शेट्टी ने लिखी है। यह सिर्फ जानकारी के लिए है, निवेश की सलाह नहीं है। इसलिए किसी भी तरह का निवेश करना चाहते हैं तो एक्सपर्ट से संपर्क करें)

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रामानुज सिंह author

रामानुज सिंह अगस्त 2017 से Timesnowhindi.com के साथ करियर को आगे बढ़ा रहे हैं। यहां वे असिस्टेंट एडिटर के तौर पर काम कर रहे हैं। वह बिजनेस टीम में ...और देखें

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